छत्तीसगढ़: बिलासपुर में नशा करने के लिए पैसे नहीं देने पर नशेड़ी बेटे ने अपनी मां की हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पहले वह पुलिस को गुमराह करता रहा। बाद में उसने अपनी मां को धक्का देकर गिराने और मुंह में तकिया दबाकर हत्या करने की जानकारी दी। घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र की है।
जरहाभाठा मिनी माता नगर निवासी बिन्दा बाई बंजारे (65) पति मानिक बंजारे महिला स्व सहायता समूह की अध्यक्ष थी। वह घर में अकेले रहती थी। शनिवार को जब वह काफी देर तक घर से बाहर नहीं निकली, तो पड़ोसियों ने जाकर देखा। घर में बिस्तर पर उनका शव पड़ा हुआ था।
पुलिस पहुंची, तब बिस्तर में पड़ी थी महिला की लाश
रात में बेटे से हुआ था विवाद
पड़ोसियों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जांच में शरीर और गले पर निशान मिले। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की। पड़ोसियों ने बताया कि रात में उनके घर के भीतर से आवाज आ रही थी। बिंदा बाई का बेटा अजय बंजारे (35) आया था। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और संदेही बेटे की तलाश में जुट गई।
बोला-पैसा नहीं दिया, तो मार डाला
पुलिस ने अंजय बंजारे के बारे में पूछताछ की, तब पता चला कि वह अपनी मां के घर से कुछ दूर पत्नी व बच्चों के साथ रहता है। पुलिस ने उसके घर में दबिश दी और पकड़कर थाने ले आई। पूछताछ के दौरान आरोपी ने बताया कि मां ने नशा करने के लिए पैसे देने से मना कर दिया था। इस पर उसने धक्का देकर गिरा दिया। फिर मुंह को तकिए से दबाकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी अजय को गिरफ्तार कर लिया है।
वृद्ध महिला की मौत की खबर सुनकर आसपास के लोगों की भीड़ जुट गई थी
मां ने लिखाई थी रिपोर्ट, इससे भी नाराज था बेटा
इससे पहले भी बिंदा बाई ने अपने बेटे अजय के खिलाफ मारपीट की शिकायत की थी। पुलिस ने उसके खिलाफ कार्रवाई भी की थी। कई बार सिविल लाइन थाने में शिकायत करने के बाद भी उसकी आदतों में सुधार नहीं हुआ। अपनी मां के द्वारा बार-बार शिकायत करने से भी वह नाराज रहता था।
मिनीमाता बस्ती बचाओ संघर्ष समिति में भी सक्रिय
महिला बिंदा बाई 12 साल से महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी हुई थी। वह पापड़ बनाकर बेचती थी और समूह की अध्यक्ष भी थी। इसके साथ ही वह मिनीमाता बस्ती बचाओ संघर्ष समिति में भी सक्रिय थीं। उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली थी। बीते दिनों नशे के खिलाफ सिविल लाइन थाने का घेराव होने पर वह सक्रियता से भाग लेने पहुंची थीं।