Saturday, October 25, 2025

वेनेजुएला पर जल्द ही हमला कर सकता है अमेरिका, सबसे बड़ा जहाजी बेड़ा भेजा; वेनेजुएला ने भी 5000 मिसाइलें तैनात कीं

वॉशिंगटन डीसी: अमेरिका जल्द ही वेनेजुएला पर हमला कर सकता है। राष्ट्रपति ट्रम्प वेनेजुएला के भीतर ड्रग ठिकानों और उनके तस्करी रूट्स पर हमला करने पर विचार कर रहे हैं। हालांकि अभी इस पर आखिरी फैसला नहीं लिया गया। यह जानकारी अमेरिकी न्यूज चैनल CNN ने व्हाइट हाउस के 3 अधिकारियों के हवाले से दी है।

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है। अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, ट्रम्प ने हाल ही में वेनेजुएला में संभावित हमले के लिए जगहों को लेकर बातचीत बढ़ाई है।

अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने अमेरिकी नौसेना के सबसे बड़े और एडवांस एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप USS जेराल्ड आर फोर्ड को यूरोप से कैरिबियाई क्षेत्र में भेजने का आदेश दिया है। इसके अलावा, ट्रम्प ने CIA को वेनेजुएला में सीक्रेट ऑपरेशन्स करने की अनुमति भी दी है।

हालांकि, ट्रम्प ने यह भी कहा है कि वेनेजुएला के साथ कूटनीतिक बातचीत का विकल्प भी खुला है ताकि अमेरिका में ड्रग्स की आवाजाही को रोका जा सके।

यह तस्वीर अमेरिका के सबसे एडवांस नौसैनिक बेड़े जेराल्ड आर फोर्ड की है। (फाइल फोटो)

यह तस्वीर अमेरिका के सबसे एडवांस नौसैनिक बेड़े जेराल्ड आर फोर्ड की है। (फाइल फोटो)

अमेरिका के खिलाफ रूसी मिसाइलें तैनात वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मदुरो ने बुधवार को एक टीवी प्रोग्राम में कहा कि उनके देश ने अमेरिकी खतरे से निपटने के लिए रूस से मिली 5,000 इग्ला-एस मिसाइलें तैनात की हैं।

मदुरो ने कहा- हमारे पास 5,000 मिसाइलें हैं, जो देश की शांति और आजादी की रक्षा करेंगी। ये मिसाइलें हवा में कम दूरी के हमलों को रोकने के लिए तैनात की गई हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि ये हथियार किसी भी साम्राज्यवादी खतरे का जवाब देने के लिए हैं और वेनेजुएला की सेना अपनी मातृभूमि की एक-एक इंच जमीन की रक्षा के लिए तैयार है।

क्या है USS जेराल्ड आर फोर्ड

USS जेराल्ड आर फोर्ड एक न्यूक्लियर-पावर्ड एडवांस्ड एयरक्राफ्ट कैरियर है। 333 मीटर लंबाई वाले इस जहाज पर 4000 से 4500 लोगों को तैनात होते हैं।

इसके साथ ही इस एक बार में करीब 70 लड़ाकू विमान मौजूद होते हैं। इस एयरक्राफ्ट कैरियर के साथ कई गाइडेड-मिसाइल डिस्ट्रॉयर, क्रूजर, अटैक सबमरीन और सपोर्ट या सप्लाई शिप होते हैं।

ये एस्कॉर्ट्स एयर डिफेंस, एंटी-सबमरीन व लोजिस्टिक सपोर्ट देते हैं। यह न्यूक्लियर एनर्जी से चलता है, इसकी वजह से यह महीनों तक समुद्र में बना रह सकता है।

अमेरिका ने 10 बार वेनेजुएला की बोट्स पर हमला किया

अमेरिकी सेना लगातार इंटरनेशनल वॉटर्स में ड्रग्स ले जा रहे जहाजों पर हमले कर रही है। हाल ही में कैरिबियाई क्षेत्र में एक ड्रग तस्करी जहाज पर हमला किया गया, जिसमें छह लोगों की मौत हुई। पिछले महीने से अब तक ऐसे लगभग 10 हमलों में कुल 43 लोग मारे जा चुके हैं।

अमेरिका लंबे समय से मदुरो के खिलाफ है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने वेनेजुएला के समुद्री तट के पास कुछ नौसैनिक जहाज भेजे हैं, जिन्हें अमेरिका ने ड्रग्स के खिलाफ ऑपरेशन बताया है।

अमेरिका ने पिछले कुछ वक्त में वेनेजुएला की कुछ नावों को तबाह भी कर दिया है। उसका आरोप है कि ये नावें ड्रग्स ले जा रही थीं। हालांकि वेनेजुएला ने इन आरोपों को गलत बताया है।

पिछले महीने वेनेजुएला की बोट पर अमेरिकी हमले का फुटेज। इस हमले में 3 लोग मारे गए थे।

पिछले महीने वेनेजुएला की बोट पर अमेरिकी हमले का फुटेज। इस हमले में 3 लोग मारे गए थे।

मदुरो पर 420 करोड़ रुपए का इनाम

अमेरिका ने मदुरो पर 7 अगस्त को 50 मिलियन डॉलर, यानी करीब 420 करोड़ रुपए का इनाम रखा था। इसके अलावा उनसे जुड़े 700 मिलियन डॉलर से अधिक की संपत्ति भी जब्त की गई है। इसमें दो प्राइवेट जेट भी शामिल हैं।

ट्रम्प प्रशासन का आरोप है कि मदुरो ड्रग तस्कर हैं और ड्रग कार्टेल के साथ मिलकर अमेरिका में फेंटानाइल मिला कोकीन भेज रहे हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि मदुरो के पास 7 टन कोकीन है, जिसे वे अमेरिका भेजने की तैयारी कर रहे हैं।

मदुरो पर 2020 में नार्को टेररिज्म के आरोप लगे थे

मदुरो पर 2020 में मैनहैटन की संघीय अदालत में नार्को-टेररिज्म और कोकीन तस्करी की साजिश के आरोप तय किए गए थे।

उस समय ट्रम्प प्रशासन ने उनकी गिरफ्तारी पर 1.5 करोड़ डॉलर का इनाम रखा था। इसे बाद में बाइडेन प्रशासन ने बढ़ाकर 2.5 करोड़ डॉलर कर दिया। इतना इनाम अमेरिका ने 9/11 हमलों के बाद ओसामा बिन लादेन की गिरफ्तारी पर रखा था।

मदुरो 2013 से वेनेजुएला की सत्ता में बने हुए हैं। अमेरिका, यूरोपीय यूनियन और लैटिन अमेरिकी देश उन पर चुनावों में धोखाधड़ी का आरोप लगाते रहे हैं। 2024 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में इन देशों ने मदुरो पर धांधली का आरोप लगाया था।

अमेरिका ने वेनेजुएला पर कई प्रतिबंध लगाए हैं

वेनेजुएला और अमेरिका के बीच कई दशकों से राजनीतिक मतभेद रहे हैं। वेनेजुएला, अमेरिकी की पूंजीवादी और विदेश नीतियों को लेकर आलोचना करता है, तो वहीं अमेरिका, वेनेजुएला में मानवाधिकार के उल्लंघन पर नाराजगी जताता रहा है।

लगभग 100 साल पहले वेनेजुएला में तेल भंडारों की खोज हुई थी। तेल की खोज होने के 20 साल बाद ही वेनेजुएला दुनिया के सबसे बड़े तेल निर्यातक देशों में से एक बन गया। उसे लैटिन अमेरिका का सऊदी अरब कहा जाने लगा।

1950 के दशक में वेनेजुएला दुनिया का चौथा सबसे धनी देश था, लेकिन आज इस देश की हालत खराब हो चुकी है। देश की 75 फीसदी आबादी गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन कर रही है। BBC के मुताबिक पिछले 7 साल में करीब 75 लाख लोग देश छोड़कर चले गए हैं।

दरअसल, वेनेजुएला लगभग पूरी तरह से तेल पर निर्भर था। 80 के दशक में तेल की कीमतें गिरने लगीं। कीमतों में गिरावट ने वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था को भी नीचे ला दिया। सरकारी नीतियों की वजह से वेनेजुएला अपना कर्ज चुकाने में फेल होने लगा।

बाद में तेल के दाम बढ़े भी तो वह इसका फायदा नहीं उठा सका। 2015 में अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से वेनेजुएला की हालत और खराब हो गई है।



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