Monday, May 20, 2024
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स्पर्श आकांक्षा स्व-सहायता समूह सोण्ड्रा की महिलाएं वर्मी खाद विक्रय से प्राप्त आय से घर की आवश्यक जरूरतों को कर रही है पूरा…

  • सरकार ने गौठनों के माध्यम से दिया रोजगार: उषा निषाद

रायपुर: स्पर्श आकाक्षां स्व-सहायता समूह सोण्ड्रा की महिलाएं वर्मी खाद विक्रय से प्राप्त आय से घर की आवश्यक जरूरतों को पूरा करने मे अपनी योगदान दे रहीं है। समूह की दीदीयों ने बताया कि अब तक समूह को ढाई लाख रुपए से अधिक का आय अर्जित हो चुका है। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़ने पर उन्हें आजीविका गतिविधियों में शामिल होने का सुअवसर प्राप्त हुआ तथा उनके जीवन में सामाजिक और आर्थिक रूप से सकारात्मक परिवर्तन आया है। दीदियों ने बताया कि  एक निश्चित आय अर्जित होने से सामाजिक, पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने में अब वे मदद करने में सक्षम हो चुकी हैं।

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बेरोजगारों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ की सरकार ने राज्य में बेरोजगारी खत्म करने में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। इसके लिए सरकार ने सभी वर्गों के लोगों के लिए कल्याणकारी योजनाएं संचालित की है। गोधन न्याय योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। गौठानों में संचालित विभिन्न आजीविका मूलक गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही हैं यह कहना है स्पर्श आकांक्षा स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती उषा निषाद का।

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श्रीमती निषाद ने बताया कि उनके समूह की दीदियां शुरुआत से ही वर्मी कंपोस्ट निर्माण कर रही हैं। उन्हें वर्मी खाद और सुपर कंपोस्ट बनाने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन एवं प्रशिक्षण भी मिला है तथा वे शासन के मापदंडों के अनुरूप ही कंपोस्ट बनाती हैं। वर्मी कंपोस्ट का विक्रय कुम्हारी सोसाइटी में किया जाता है तथा समय पर उन्हें पैसा भी मिल जाता है। उन्होंने बताया कि विक्रय के लिए अभी 100 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट उपलब्ध है। गौठान में 20 वर्मी टांका  बनाया गया है तथा केंचुआ की खरीदी मोहदी और गोढ़ी गौठान  से करते हैं। समूह की दीदियों ने यह भी बताया कि वर्तमान में शासन से उन्हें 50 हजार की राशि भी प्राप्त हुई है। उन्होंने एक उत्पादक समूह भी बनाया है। समूह की दीदिया मिलकर सब्जी भाजी आदि का उत्पादन भी करेंगे। खुद से आय अर्जित कर पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने में उन्हें खुशी मिलती है ।अब उनका जीवन यापन पहले से बेहतर हो गया है।

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