Thursday, September 18, 2025

पाकिस्तान पर मेहरबान ट्रम्प, सिर्फ 19% टैरिफ लगाया, एक दिन पहले ऑयल डील का ऐलान किया; पहले कह चुके- आई लव पाकिस्तान

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने पाकिस्तान पर 19% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। साउथ एशिया के किसी भी देश पर यह सबसे कम अमेरिकी टैरिफ होगा।

इससे पहले ट्रम्प ने अप्रैल में भारत पर 26% और पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगाने की बात कही थी। नए आदेश में ट्रम्प ने भारत को सिर्फ 1% और पाकिस्तान को 10% की रियायत दी है।

ट्रम्प ने पाकिस्तान को 2 दिन में 2 राहत दी है। कल ही ट्रम्प ने पाकिस्तान के साथ ऑयल और ट्रेड डील का ऐलान किया था। इसमें अमेरिका, पाकिस्तान में तेल की खोज, प्रोसेसिंग और स्टोरेज बनाने में मदद करेगा।

बीते कुछ महीनों में अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते में काफी नजदीकी आई है। पाकिस्तान ने जून में ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया था। भारत और पाकिस्तान के बीच हुए सीजफायर के बाद ट्रम्प ने ‘आई लव पाकिस्तान’ भी कहा था।

पाकिस्तान पर ट्रम्प की मेहरबानी की आर्थिक, रणनीतिक और राजनीतिक वजहें शामिल हैं। इन्हें 6 पॉइंट्स में समझते हैं…

1. जियो स्ट्रैटेजिक लोकेशन

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान की भौगोलिक स्थिति अमेरिका के लिए बेहद अहम है। इसकी सीमाएं अफगानिस्तान और ईरान से लगती हैं। दोनों अमेरिका की विदेश नीति में ये संवेदनशील देश हैं।

अमेरिका अफगानिस्तान से निकलने के बाद भी उस क्षेत्र में निगरानी रखना चाहता है। पाकिस्तान इस दृष्टि से एक लॉजिस्टिक बेस या मॉनिटरिंग पॉइंट की तरह काम कर सकता है।

चीन की ‘बेल्ट एंड रोड प्रोजेक्ट‘ पाकिस्तान से होकर जाती है। इससे अमेरिका को लगता है कि वह पाकिस्तान में प्रभाव बनाए रखकर चीन को संतुलित कर सकता है।

2. भारत को संतुलित करने की कोशिश

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका और भारत के संबंध गहरे हुए हैं, लेकिन दोनों के बीच कई व्यापारिक और रणनीतिक मतभेद भी हैं। जैसे भारत का रूस से हथियार खरीदना, कृषि और डेयरी में अमेरिकी एक्सेस का विरोध और WTO पर टकराव।

ऐसे में पाकिस्तान को तरजीह देकर अमेरिका एक ‘संदेश’ देना चाहता है कि अगर भारत बहुत कठोर रवैया अपनाएगा तो अमेरिका के पास विकल्प हैं।

3. पाकिस्तान के जरिए चीन पर घेराबंदी

पाकिस्तान पर कम टैरिफ लगाना अमेरिका की चीन को साधने की रणनीति का हिस्सा भी माना जा सकता है। चीन ने चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के जरिए पाकिस्तान में भारी निवेश कर रखा है। यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) का सबसे अहम हिस्सा है।

अमेरिका को यह प्रोजेक्ट रणनीतिक तौर पर चुनौती लगती है, क्योंकि इससे चीन को अरब सागर तक सीधी पहुंच मिलती है। अब अमेरिका अगर पाकिस्तान से कारोबारी रिश्ते मजबूत करता है, तो वह BRI पर चीन की पकड़ को कमजोर कर सकता है या वहां अपनी मौजूदगी बनाए रख सकता है।

इसे अलावा चीन का शिनजियांग इलाका पाकिस्तान से लगा है। अमेरिका पाकिस्तान में अपने संपर्क बढ़ाकर उस इलाके की गतिविधियों पर नजर रख सकता है। इसके अलावा बलूचिस्तान में सक्रियता भी अमेरिका को चीन की ग्वादर बंदरगाह योजना पर निगरानी का मौका देती है।

4.पाकिस्तान के कपड़ा बाजार को फायदा पहुंचाना

रॉयटर्स के मुताबिक अमेरिका में पाकिस्तानी कपड़े (टेक्सटाइल) बहुत लोकप्रिय हैं और पाकिस्तान के कुल निर्यात का 60% हिस्सा यही है। भारत, बांग्लादेश और वियतनाम भी इसी बाजार में हैं, लेकिन उन पर ज्यादा शुल्क लगने से पाकिस्तान को ज्यादा ऑर्डर मिल सकते हैं।

अमेरिका ने भारत पर 25% और बांग्लादेश पर 20% टैरिफ लगाया है, जिससे पाकिस्तान को रणनीतिक फायदा मिल सकता है। पाकिस्तान का सबसे बड़ा निर्यात क्षेत्र कपड़ा उद्योग है, और अमेरिका उसका सबसे बड़ा खरीदार है।

पाकिस्तान सरकार का कहना है कि यह फैसला ऊर्जा, खनिज, आईटी और क्रिप्टो जैसे क्षेत्रों में नए आर्थिक सहयोग की शुरुआत करेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला पाकिस्तान को आर्थिक रूप से स्थिर करने की एक कोशिश भी हो सकती है।

2024 में अमेरिका ने पाकिस्तान से कुल 5.47 अरब डॉलर का आयात किया। इसमें 2.98 अरब डॉलर हिस्सा टेक्सटाइल मार्केट का था।

2024 में अमेरिका ने पाकिस्तान से कुल 5.47 अरब डॉलर का आयात किया। इसमें 2.98 अरब डॉलर हिस्सा टेक्सटाइल मार्केट का था।

5. अमेरिकी कंपनियों पर से टैक्स हटाना

पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने 1 जुलाई से अमेरिका समेत सभी विदेशी डिजिटल कंपनियों पर 5% ‘डिजिटल प्रसेंज प्रोसीड्स टैक्स (DST)’ लगा दिया था। हालांकि अमेरिका के ऐतराज के बाद पाकिस्तान ने उसी दिन यह टैक्स वापस ले लिया। अब इसके जवाब में अमेरिका ने पाकिस्तान पर टैरिफ घटाकर इनाम दिया है।

6. पाकिस्तान का ट्रम्प को समर्थन

पाकिस्तान ने ट्रम्प को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। पाकिस्तान के उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री इशाक डार ने 21 जून को ट्रम्प के लिए एक आधिकारिक सिफारिश पत्र नॉर्वे स्थित नोबेल शांति पुरस्कार समिति को भेजा था।

कई देशों में जहां ट्रम्प की आलोचना हो रही है, पाकिस्तान जैसे देश उसका समर्थन कर रहे हैं। ट्रम्प इसका राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं।

ट्रम्प के बयान के मुताबिक एक तेल कंपनी को इस साझेदारी के लिए चुना जाएगा।

ट्रम्प के बयान के मुताबिक एक तेल कंपनी को इस साझेदारी के लिए चुना जाएगा।

पाकिस्तान-अमेरिका में ऑयल डील पूरी

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान के साथ ऑयल डील होने का ऐलान किया है। इसके तहत पाकिस्तान के तेल भंडारों का विकास करेंगे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान भविष्य में भारत को तेल बेच सकता है।

करते हुए ट्रम्प ने बुधवार को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए बताया कि अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ डील फाइनल कर ली है। इसके तहत अमेरिका, पाकिस्तान के साथ मिलकर उसके विशाल तेल भंडारों का विकास करेगा।

ट्रम्प ने यह भी लिखा कि शायद एक दिन पाकिस्तान, भारत को तेल बेचेगा।

भारत पर जुर्माना भी लगाएगा अमेरिका

अमेरिका ने कहा है कि वो रूस से हथियार और तेल खरीदने की वजह से भारत पर जुर्माना भी लगाएगा। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि वह इस घोषणा के प्रभावों को देखते हुए और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।

यह टैरिफ स्टील, एल्यूमीनियम, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वेलरी जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।



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