वॉशिंगटन डी सी: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत पर 25% टैरिफ को 7 दिन के लिए टाल दिया है। ये आज से लागू होना था, जो अब 7 अगस्त से लागू होगा।
ट्रम्प ने 92 देशों पर नए टैरिफ की लिस्ट जारी की है। इसमें भारत पर 25% और पाकिस्तान पर 19% टैरिफ लगाया गया है। हालांकि, कनाडा पर आज से ही 35% टैरिफ लागू हो गया है।
साउथ एशिया में सबसे कम टैरिफ पाकिस्तान पर लगा है। अमेरिका ने पहले पाकिस्तान पर 29% टैरिफ लगा रखा था।
वहीं दुनियाभर में सबसे ज्यादा 41% टैरिफ सीरिया पर लगाया गया है। इस लिस्ट में चीन का नाम शामिल नहीं है।
ट्रम्प ने 2 अप्रैल को दुनियाभर के देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन 7 दिन बाद ही इसे 90 दिनों के लिए टाल दिया था। कुछ दिनों बाद ट्रम्प ने 31 जुलाई तक का समय दिया था।
इसके बाद ट्रम्प सरकार ने 90 दिनों में 90 सौदे कराने का टारगेट रखा था। हालांकि, अमेरिका का अब तक सिर्फ 7 देशों से समझौता हो पाया।
नए टैरिफ से जुड़ी अहम बातें…
- लाओस, म्यांमार, सीरिया जैसे देशों पर सबसे ज्यादा 40% या उससे ज्यादा टैरिफ।
- अगर कोई वस्तु किसी और देश के जरिए भेजी गई है ताकि टैक्स बचाया जा सके, तो उस पर 40% टैरिफ लगेगा।
- यूरोपीय संघ के सामानों पर सीधे 15% टैरिफ नहीं लगाया गया। अगर किसी प्रोडक्ट का मौजूदा शुल्क 10% है, तो सिर्फ 5% अतिरिक्त जोड़ा जाएगा, लेकिन अगर प्रोडक्ट पहले से 15% या उससे अधिक शुल्क दे रहा है, तो कोई टैरिफ नहीं बढ़ेगा।
- चीन पर अलग से मई 2025 का एग्जीक्यूटिव ऑर्डर लागू है, इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। अभी उसे पहले की तरह 30% टैरिफ ही देना होगा।
- कनाडा पर पर 1 अगस्त की रात से ही टैरिफ लागू होगा। इसकी वजह ये है कि कनाडा ने फिलिस्तीन को एक अलग देश के तौर पर समर्थन देने का ऐलान किया है।
- आदेश लागू होने से पहले जो सामान अमेरिका के रास्ते में होगा, उसे पुराने नियमों पर ही टैक्स देना होगा। 5 अक्टूबर 2025 यह पहुंच गया तो इसे पर पुराना टैरिफ ही लगेगा।
- अब अमेरिका के कस्टम सिस्टम में हर देश की अलग-अलग ट्रैकिंग होगी।
सीरिया, लाओस और म्यांमार पर सबसे ज्यादा टैरिफ
सीरिया, लाओस और म्यांमार जैसे गरीब देशों पर सबसे ज्यादा टैरिफ लगा है। इन दोनों देशों पर अमेरिका ने 40-41% भारी टैरिफ लगाया है, जो सबसे ऊंची दर है।
अमेरिका में सीरिया से बहुत कम व्यापार होता है, लेकिन फिर भी उस पर 41% हाई-टैरिफ लगाया गया है। सीरिया पर लंबी अवधि से लगे आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से ऐसा हुआ है।
म्यांमार से अमेरिका को ज्यादातर कपड़े निर्यात किए जाते हैं, जबकि लाओस से मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण भेजे जाते हैं।
अमेरिका को लगता है कि चीन अपने सामान पर लगने वाले भारी टैरिफ से बचने के लिए इन देशों का इस्तेमाल कर रहा है। यानी, ‘मेड इन चाइना’ सामान को लाओस या म्यांमार जैसे देशों से होकर भेजा जा रहा है ताकि टैरिफ बच सके।
रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में लाओस से अमेरिका का आयात दोगुने से भी ज्यादा बढ़ गया। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि चीन की कंपनियों ने अपने सौर पैनल कारखाने लाओस में शिफ्ट कर दिए, ताकि वे चीन पर लगने वाले भारी अमेरिकी टैरिफ से बच सकें।

अमेरिका चीनी सामानों को अमेरिका आने से रोकने के लिए लाओस और म्यांमार पर कड़ा टैक्स लगा रहा है।
चीनी सामानों की डंपिंग रोकने के लिए अलग ट्रैकिंग सिस्टम
अब अमेरिका के कस्टम सिस्टम में हर देश की अलग-अलग ट्रैकिंग होगी। अब तक कई देशों को ‘एक ही ग्रुप’ में डालकर समान टैरिफ लगाया जाता था। अब हर देश के लिए अलग दर तय होने से कस्टम सिस्टम सीधे उस देश की पहचान कर टैरिफ लागू कर सकेगा, जिससे गलत टैरिफ या छूट की संभावना कम होगी।
अमेरिका के दावे के मुताबिक चीन जैसी कुछ कंपनियां टैरिफ से बचने के लिए सामान को थर्ड पार्टी देशों (जैसे लाओस, वियतनाम) से भेजती थीं। अब हर देश का ट्रैक रिकॉर्ड अलग होगा, और अगर कोई देश ‘चीन में बना सामान’ भेज रहा है, तो उसे भी ट्रैक किया जा सकेगा।
अगर कोई निर्यातक गलत देश का नाम बताकर टैरिफ से बचना चाहे, तो सिस्टम तुरंत उसकी शिपमेंट को फ्लैग कर सकेगा। जैसे अगर म्यांमार से सामान आ रहा है, लेकिन पेपर्स में थाईलैंड लिखा है, तो ट्रैकिंग से पकड़ में आ जाएगा।
अगर अमेरिका को लगे कि किसी खास देश से आयात ज्यादा हो गया है या वह अमेरिकी इंडस्ट्री को नुकसान पहुंचा रहा है, तो बिना बाकी देशों को प्रभावित किए, उस देश पर केंद्रित नीति या टैरिफ लगाया जा सकेगा।
ट्रम्प ने कई देशों पर अप्रैल में लगाए टैरिफ घटाए
ट्रम्प ने 2 अप्रैल को सभी देशों पर कम से कम 10% और कई देशों पर जैसो को तैसा टैरिफ लगाने का ऐलान किया था।
लेकिन अब, उन्होंने ने कुछ देशों के टैरिफ में बदलाव किया है। इनमें से कई देशों पर पहले भारी-भरकम टैरिफ लगाया था, लेकिन अब उन्हें कुछ राहत दी गई है।
अप्रैल में भारत पर 26% टैरिफ लगाने का ऐलान किया गया था। इसमें मामूली कटौती करते हुए इसे 25% कर दिया गया है। वहीं, पाकिस्तान को बड़ी राहत मिली है, उस पर 29% से घटाकर 19% टैरिफ कर दिया गया है।
उन देशों के बारे में जानिए जिन पर ट्रम्प ने टैरिफ लगाया है…
भारत: 25% टैरिफ और अतिरिक्त जुर्माना
ट्रम्प ने 31 जुलाई को भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। ये टैरिफ 7 अगस्त से लागू होगा। अभी तक अमेरिका भारत पर 10% बेसलाइन टैरिफ लगा रहा है।
अमेरिका ने कहा है कि वो रूस से हथियार और तेल खरीदने की वजह से भारत पर जुर्माना भी लगाएगा। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कहा कि वह इस घोषणा के प्रभावों को देखते हुए और राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएंगे।
यह टैरिफ स्टील, एल्यूमीनियम, ऑटोमोबाइल, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और ज्वेलरी जैसे क्षेत्रों को प्रभावित कर सकता है।
ब्रिटेन: 10% टैरिफ, स्टील-एल्यूमीनियम पर 25% टैरिफ
ट्रम्प ने 8 मई को ब्रिटेन के साथ एक समझौता किया। जिसमें ब्रिटिश ऑटो, स्टील और एल्यूमीनियम पर टैरिफ कम किए गए।
सामान्य तौर पर 10% टैरिफ लागू होगा। ब्रिटेन को 50% स्टील और एल्यूमीनियम टैरिफ से छूट मिली, उसे अब 25% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा।
ब्रिटेन ने अमेरिकी जैतून तेल, वाइन और खेल उपकरणों पर टैरिफ कम करने का वादा किया।
जापान: 15% टैरिफ और बाजार खोलने का वादा
ट्रम्प ने जापान के साथ 22 जुलाई को डील की घोषणा की। जिसमें जापानी सामानों पर 15% टैरिफ लगेगा। पहले जापान पर 25% टैरिफ लगता था।
जापान ने अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निवेश और अमेरिकी कारों और चावल के लिए अपना बाजार खोलने का वादा किया।
यह टैरिफ जापानी कार निर्माताओं जैसे टोयोटा और होंडा के लिए राहत है, जो पहले 25% टैरिफ का सामना कर रहे थे।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 2 अप्रैल 2025 को व्हाइट हाउस में टैरिफ का ऐलान किया था।
यूरोपीय यूनियन: 15% टैरिफ, लेकिन 30% सामान पर बातचीत बाकी
अमेरिका और यूरोपीय यूनियन (EU) के बीच 27 जुलाई को शुरुआती व्यापार समझौता हो गया है। अमेरिका समझौते के तहत EU से आने वाले ज्यादातर सामानों पर 15% का बेस टैरिफ लगाएगा। इसमें कारें, दवाएं और इलेक्ट्रॉनिक गुड्स शामिल हैं।
ट्रम्प ने स्कॉटलैंड में EU की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन के साथ हुई बैठक में समझौते की घोषणा की। इसके मुताबिक EU अगले तीन सालों में अमेरिका से 750 बिलियन डॉलर यानी करीब 64 लाख करोड़ रुपए की एनर्जी खरीदेगा।
इसके साथ ही EU अमेरिका में 600 बिलियन डॉलर यानी 51 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा। ये निवेश अमेरिका के फार्मा, ऑटो और डिफेंस सेक्टर में होगा। इसके अलावा अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के बीच 30% सामानों पर बातचीत होनी अभी बाकी है।
यूरोपीय यूनियन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है। इसमें यूरोप के 27 देश शामिल हैं। अमेरिका, यूरोपीय यूनियन के बीच हर दिन लगभग 3.5 अरब डॉलर का व्यापार होता है।
साउथ कोरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम और फिलीपींस के साथ ट्रेड डील
अमेरिका ने साउथ कोरिया, इंडोनेशिया, वियतनाम और फिलीपींस के साथ भी ट्रेड डील की है।
ट्रम्प ने 30 जुलाई को साउथ कोरियाई सामानों पर टैरिफ 25% से घटाकर 15% कर दिया। इसके बदले, साउथ कोरिया अमेरिका से 100 अरब डॉलर की ऊर्जा खरीदेगा और 350 अरब डॉलर के निवेश करेगा।
वहीं, ट्रम्प ने 15 जुलाई को इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ लगाया था। जबकि 99% से अधिक अमेरिकी सामान इंडोनेशिया में बिना टैरिफ के जाएंगे। ट्रम्प ने फिलीपींस पर 19% टैरिफ और वियतनाम पर 20% टैरिफ लगाया है।

(Bureau Chief, Korba)