रायपुर: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित गोधन न्याय योजना के तहत कांकेर जिले के ग्राम भिरौद और ग्राम पोटगांव के गौठान में स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा गौमूत्र से ब्रम्हास्त्र का निर्माण सह विक्रय किया जा रहा है। इससे दोनो समूहों को तीन लाख 55 हजार रूपए से अधिक की आमदनी हुई है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गौठानों में दो रूपए किलो की दर से गोबर तथा चार रूपए की दर से गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तथा गौमूत्र से जैविक कीटनाशक ब्रम्हास्त्र एवं फसल वृद्धिवर्धक जीवामृत तैयार किया जा रहा है ताकि राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा देने के साथ ही रासायनिक उर्वरकों और पेस्टीसाईड का उपयोग कम कर खेती को लाभदायक बनाया जा सके।
गोधन न्याय योजनांतर्गत कांकेर विकासखंड के पोटगांव एवं चारामा विकासखंड के भिरौद गौठान में गौमूत्र की खरीदी की जा रही है। पोटगांव गौठान में शिव स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा 7268 लीटर गौमूत्र खरीदी कर उससे 3634 लीटर ब्रह्मास्त्र तैयार किया गया, जिसका विक्रय करने से 01 लाख 81 हजार 700 रूपये की आमदनी हुई है। इसी प्रकार चारामा विकासखंड के भिरौद गौठान में जानकी स्व-सहायता समूह की महिलाओं द्वारा अब तक 8337 लीटर गौमूत्र क्रय कर 3869 लीटर ब्रह्मास्त्र तैयार किया गया है, जिसमें से 3469 लीटर ब्रहास्त्र का विक्रय कर 01 लाख 73 हजार 450 रुपये की आमदनी अर्जित की गई है।