Thursday, June 26, 2025

बंद कमरे में बहू को पीटते थे, आग लगाकर दी जान: घर से निकाला; ताना मारे- खुद तो दहेज लाई नहीं, और बेटी पैदा कर दी…

भिलाई// मैं बहुत गलत जगह फंस गई हूं। यहां दहेज की बात को लेकर मेरा पति, सास, ससुर, जेठ, जेठानी और ननद ताने मारते हैं, और मुझे कुत्ते की तरह पीटते हैं। यहां तक की दो वक्त की रोटी और पानी तक नहीं देते हैं। कहते हैं, खुद तो दहेज लाई नहीं है। और अब बेटी पैदा कर दी है। उसकी शादी और पालन पोषण का खर्च कौन उठाएगा। मुझे पीट-पीटकर घर से निकाल दिया गया।

दरअसल ये उस महिला का दर्द है, जो अब इस दुनिया में नहीं है। खुदकुशी से पहले पूनम गुप्ता ने छोटी बहन आरती से अपना दर्द बताई थी। लेकिन तब तक देर बहुत हो गई थी। आखिरकार ससुराल वालों से तंग आकर उसने अपने ऊपर 5 लीटर केरोसिन डाला और खुद को आग के हवाले कर लिया।

पूनम गुप्ता सुसाइड केस…

दरअसल 15 मार्च 2023 की रात, जब घड़ी में 2.30 बज रहे थे। पूनम की सास ने उसके पिता अशोक कुमार को फोन करके बताया कि उनकी बेटी ने खुद के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा लिया है। सूचना मिलते ही पूरा परिवार भिलाई पहुंचा। उसे इलाज के लिए सेक्टर 9 हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान 23 मार्च को उसने दम तोड़ दिया।

जब परिजन मामले की शिकायत दर्ज कराने छावनी थाने पहुंचे तो रिपोर्ट तक नहीं दर्ज की गई। अंबिकापुर से दुर्ग आकर होटल में ठहरे परिजन तीन दिन तक थाने का चक्कर काटते रहे, लेकिन पुलिस जांच की बात कहकर लौटा देती थी। आखिरकार खबर के बाद 6 आरोपियों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और हत्या का मामला दर्ज किया गया है।

दहेज के लालच में ससुराल वालों ने पूनम को इतना प्रताड़ित किया कि उसने मौत को गले लगाना सही समझा। मरने से पहले हुए बयान में पूनम ने मजिस्ट्रेट को भी अपना दर्द बताई थी। बेटी की मौत के बाद से उसके माता-पिता बहन सभी सदमे में है।

पूनम और अनिल की शादी सामाजिक सम्मेलन में 17 अप्रैल 2022 को हुई थी।

अब 5 पॉइंट में जानिए पूनम के पिता का वो दर्द जो उन्होंने साझा किया…
1. अशोक कुमार ने बताया कि आर्थिक स्थिति काफी खराब है। इसके चलते बेटी का विवाह रीति रिवाज से सामाजिक सम्मेलन में 17 अप्रैल 2022 को भिलाई निवासी अनिल गुप्ता से किया था।

2. शादी के समय बेटी के ससुराल वालों से बोला था कि हम बहुत गरीब हैं, हमारे बास बेटी का ही धन है। शादी के बाद जैसे ही बेटी भिलाई गई। उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया था।

उस पिता का दर्द, जिसकी बेटी अब इस दुनिया में नहीं रही, बोलते हुए हो गए भावुक।

3. पूनम की मौत के पहले जब बेटी की प्रताड़ना के संबध में अपने दामाद अनिल गुप्ता से बात करते थे तो वह ऐसा कुछ नहीं होने की बात कहता था। 1 फरवरी 2023 को पूनम की डिलीवरी हुई। उसने एक बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद से माहौल और ज्यादा बिगड़ गए।

4. बेटी पैदा होने की बात से ससुराल वाले इतने आग बबूला हो गए कि उन्होंने पूनम की देखभाल तक नहीं की। डिलीवरी के दो दिन बाद ही उसे जमकर पीटा।​​​​​​​ और फिर 5 फरवरी को उसे घर से भगा दिया।

शादी के समय पूनम गुप्ता, उसका पति और ससुराली फोटो शूट करवाते हुए।

5. सास, ननद और जेठानी करते से सबसे अधिक परेशान…
पूनम की सास शैल कुमारी, ननद ज्योति गुप्ता और जेठानी शालिनी गुप्ता उसे हर दिन परेशान करते थे। उससे घर का पूरा काम कराने के साथ ही मारते पीटते थे। इस गलत काम में पूनम के पति अनिल गुप्ता, ससुर उमाशंकर गुप्ता और जेठ संजय कुमार गुप्ता भी पूरा साथ देते थे।

ससुराल में पूनम अपनी जेठानी और ननद के साथ।

ससुराल में पूनम अपनी जेठानी और ननद के साथ।

पड़ोस में रहने वाले शुभम गुप्ता के मुताबिक, वह अपनी बच्ची को लेकर जा रही थी। तो आसपास के लोगों ने उसे रोका और उसके मां बाप को फोन पर पूरी बात बताई। इसके बाद समझा बुझाकर उसे फिर से ससुराल भेजा। इसके कुछ दिन बाद 15 मार्च की रात पूनम के आत्मदाह की खबर आई। उसे सेक्टर 9 हॉस्पिटल के बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था। जहां 90 प्रतिशत जल जाने के चलते उसने दम तोड़ दिया था।

छावनी पुलिस पर परिजनों ने उठाए सवाल
अशोक गुप्ता ने कहा कि 15 मार्च को बेटी के जलने के बाद वो थाने पहुंचे थे। वहां उनकी रिपोर्ट न लिखकर मामले को दबाने की बात की गई। पुलिस वालों ने कहा कि पहले बेटी का इलाज कराओ। रिपोर्ट बाद में भी लिखा सकते हो। इसके बाद जब बेटी की मौत हो गई। तब भी पुलिस की मानवता नहीं जागी। बेटी का पिता दहेज हत्या का मामला दर्ज करने की गुहार लगाता रहा। लेकिन पुलिस ने उसे उसके आवेदन की रिसीविंग तक देना मुनासिब नहीं समझा।

परिजन और मोहल्ले के लोग कार्रवाई की मांग को लेकर पहुंचे थाने।

परिजन और मोहल्ले के लोग कार्रवाई की मांग को लेकर पहुंचे थाने।

मौत के तीन दिन बाद लिखी गई शिकायत
बेटी ने 23 मार्च को सुबह 6 बजे दम तोड़ दिया था। मैं अपने परिवार के साथ तीन दिन से छावनी थाने के चक्कर काट रहा था। लेकिन पुलिस मामला दर्ज नहीं कर रही थी। हालत ये थे कि आवेदन की पावती तक 25 मार्च को दोपहर दी गई। जिसमें 24 मार्च की रिसीविंग दी गई है। अशोक कुमार का कहना है कि बेटी के ससुराल वाले उसे धमकी देकर खुलेआम घूम रहे हैं। पूनम के माता-पिता सरगुजा के अंबिकापुर थाना क्षेत्र में केनाबांध-बौरीपारा गांव के रहने वाले हैं।

SP ने CSP छावनी को दिए निर्देश
भास्कर ने जैसे ही मामले की जानकारी दुर्ग एसपी डॉ. अभिषेक पल्लव को दी, उन्होंने छावनी सीएसपी आशीष बंछोर को बुलाया और मामले की जानकारी ली। एसपी ने सीएसपी को कहा कि वो लड़की के परिजनों की शिकायत लेकर तुरंत दहेज हत्या का मामला दर्ज करें। और आरोपियों की गिरफ्तारी करें। एसपी के निर्देश शनिवार 25 मार्च की रात आरोपी पति, सास, ससुर, जेठ, जेठानी और ननद के खिलाफ दहेज हत्या का मामला दर्ज किया गया। खबर लिखे जाने तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।


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