गोंडा: यूपी के गोंडा में तेज रफ्तार बोलेरो बेकाबू होकर रविवार सुबह 10 बजे सरयू नहर में गिर गई। हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई। इनमें तीन भाइयों के परिवार के 9 लोग थे, जबकि दो पड़ोसी परिवार के थे। छोटे भाई का पूरा परिवार ही खत्म हो गया। ड्राइवर समेत 4 लोग बच गए। अभी 10 साल की बच्ची लापता है। SDRF टीम उसकी तलाश में जुटी हुई है।
बोलेरो सवार 16 लोग जल चढ़ाने पृथ्वीनाथ मंदिर जा रहे थे। हादसा इतना भयावह था गाड़ी नहर के गिरने के बाद एक भी शख्स बाहर नहीं निकल पाया। बारिश के चलते नहर में लबालब पानी था। नहर में गिरते ही गाड़ी पूरी तरह से डूब गई। उसके गेट लॉक हो गए। अंदर बैठे लोग छटपटाते रहे। तड़प-तड़पकर उनकी मौत हो गई।
गाड़ी नहर के किनारे बनी सड़क से निकल रही थी। नहर क्रॉस करके जाना था। पुलिया के पास अचानक ड्राइवर ने ब्रेक मारा। स्पीड तेज और बारिश होने की वजह से गाड़ी अनियंत्रित होकर नहर में गिरने लगी तो ड्राइवर गेट खोलकर कूद गया। आगे की सीट में बैठे दो लोग भी बाहर आ गए। जबकि बच्ची पिंकी बीच में खड़ी थी, झटके से वह भी ड्राइवर साइड के गेट से बाहर आ गई। इसके बाद बोलरो नहर में गिर गई।
जहां हादसा हुआ, वहां आसपास ग्रामीण थे। बोलेरो नहर में गिरती देख वह बचाने के लिए पानी में कूद गए, लेकिन गेट नहीं खोल पाए। रस्सी बांधकर बोलेरो को किनारे तक लाए, तब जाकर गाड़ी का कुछ हिस्सा बाहर आया। बमुश्किल खिड़की का शीशा तोड़कर एक-एक को बाहर निकाला। तब तक सभी की मौत हो चुकी थी।
घटना रविवार सुबह 10 बजे इटियाथोक थाना क्षेत्र में हुआ। हादसे के बाद के कई वीडियो सामने आए हैं। इसमें सड़क पर 11 लाशें पड़ी हुई हैं। पानी में डूबी बोलेरो का ईंट से शीशा तोड़ते हुए युवक नजर आ रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, हादसे के वक्त कार की स्पीड 60 किमी प्रति घंटे थी।
हादसे में बची किशोरी पिंकी ने बताया-
हम सभी लोग मंदिर जा रहे थे। जिस वक्त हादसा हुआ। हम लोग भजन गा रहे थे। अचानक हमारी गाड़ी फिसल गई और नहर में जा गिरी। इसके बाद क्या हुआ, कुछ भी याद नहीं है। सब कुछ धुंधला सा हो गया।
4 तस्वीरें देखिए-

हादसे में चाचा की मौत हो चुकी थी, लेकिन भतीजी पिंकी रोते हुए उनको सीपीआर देकर जिंदा करने की कोशिश करती रही। लोगों ने पिंकी को समझाया, लेकिन वह मानने को तैयार नहीं थी।

बोलेरो नहर में पूरी डूब गई थी। स्थानीय युवकों ने रस्सी से गाड़ी को खींचने की कोशिश की, लेकिन गाड़ी बाहर नहीं आई। बाद में ईंट से शीशा तोड़ा और लोगों को बाहर निकाला।

हादसे के बाद बोलेरो के गेट नहीं खुले। इसके बाद ग्रामीणों ने कांच तोड़कर लोगों को एक-एक करके निकाला। अंदर सबकी मौत हो चुकी थी।

हादसे की बाद की तस्वीर हैं। इसमें सड़क पर 11 लाशें पड़ी हुई दिख रही हैं।
मृतकों में 6 महिलाएं और 3 बच्चे
मृतकों में 6 महिलाएं, 2 पुरुष और 3 बच्चे हैं। मृतकों में सीहागांव निवासी प्रह्लाद की पत्नी बीना (44), दो बेटियां काजल (22), महक उर्फ रिंकी (14), प्रह्लाद के भाई रामकरण (36), रामकरण की पत्नी अनसुईया (34), बेटा शुभ (7), बेटी सौम्या (9), प्रह्लाद के सबसे छोटे भाई रामरूप की पत्नी दुर्गेश नंदिनी (35), बेटा अमित (14) शामिल हैं।
वहीं, रामरूप की एक बेटी रचना (10) लापता है। इसके अलावा प्रह्लाद के पड़ोसी रामललन वर्मा की पत्नी संजू (26) और बहन गुड़िया उर्फ अंजू (20) की भी मौत हो गई। हादसे में प्रह्लाद का एक बेटा सत्यम और एक बेटी पिंकी घायल हैं। पड़ोसी रामललन और ड्राइवर सीतारमण भी घायल हैं।
मंदिर का आधा सफर हुआ था
एक ग्रामीण ने बताया कि सभी मोतीगंज थाने के सिहा गांव के रहने वाले थे। बोलेरो में प्रह्लाद कसौधन का परिवार और उनके रिश्तेदार थे। हालांकि, वह नहीं थे। प्रह्लाद का गांव में मेवालाल माध्यमिक विद्यालय नाम से इंटर कॉलेज है। वह प्रबंधक हैं। सुबह साढ़े 9 बजे सभी मंदिर दर्शन के लिए निकले थे। गांव से पृथ्वीनाथ मंदिर की 50 किमी है। गाड़ी से आधा सफर यानी 30 किमी पूरा कर लिया था।

(Bureau Chief, Korba)