मिर्जापुर/चुनार: यूपी के मिर्जापुर में बुधवार को कालका एक्सप्रेस ट्रेन से कटकर 6 महिलाओं की मौत हो गई। इनमें दो सगी बहनें हैं। हादसा सुबह 9:30 बजे चुनार रेलवे स्टेशन पर हुआ।
चोपन से पैसेंजर ट्रेन चुनार रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर- 3 पर पहुंची थी। भीड़ अधिक होने की वजह से कुछ श्रद्धालु प्लेटफॉर्म पर न उतरकर दूसरी तरफ ट्रैक पर उतर गए। इसी दौरान दूसरे ट्रैक पर कालका एक्सप्रेस आ रही थी।
अचानक ट्रेन आते ही यात्री घबरा गए। पुरुष तेजी से प्लेटफॉर्म पर चढ़ गए, जबकि महिलाएं नहीं चढ़ पाईं और ट्रेन की चपेट में आ गईं। उनके शवों के टुकड़े करीब 50 मीटर तक ट्रैक पर बिखर गए। शवों को बैग में भरकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।
रेलवे अफसरों ने बताया कि कालका एक्सप्रेस का चुनार में स्टॉपेज नहीं है, इसलिए ट्रेन की स्पीड तेज थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के कारण स्टेशन पर भारी भीड़ थी। हादसा इतनी तेजी से हुआ कि किसी को समझने का मौका ही नहीं मिला। जब ट्रेन गुजर गई, तब ट्रैक पर लाशें बिखरी नजर आईं।
कार्तिक पूर्णिमा के चलते स्टेशन पर भीड़ थी, इसके बावजूद प्लेटफॉर्म से ट्रेन को धीमी गति में नहीं गुजारा गया। गंगा घाट रेलवे स्टेशन से सिर्फ 2-3 किमी दूर है। मरने वालों में 5 महिलाएं मिर्जापुर की और एक सोनभद्र की रहने वाली थीं। इनकी पहचान दो सगी बहनों सविता (28) और साधना (15) के अलावा शिवकुमारी (17), अंजू देवी (20), सोनभद्र निवासी कलावती देवी (50) के रूप में हुई है। वहीं एक महिला की अभी शिनाख्त नहीं हुई है।
हालांकि, पहले सुशीला देवी (60) के मरने की खबर आई थी। लेकिन, जब लेखपाल उनके घर शिनाख्त करने पहुंचे, तो वह जिंदा मिलीं।
लेखपाल जांच करने पहुंचे तो जिंदा मिलीं सुशीला
गांव के 4 लोगों के साथ अपने मायके खमरिया से महुवारी आ रहीं सुशीला भी इसी ट्रेन में सवार थीं। हादसे के बाद अफरा-तफरी के माहौल होने पर सुशीला ट्रेन से उतरकर चुपचाप अपनी ससुराल पड़री चली गईं। सुशीला के साथ आए लोगों को जब वह कहीं नजर नहीं आईं, तो उनकी मौत की सूचना फैला दी।
पुलिस ने मौके से 6 लाशें भी बरामद कीं। जब सुशीला का नाम-पता खोजा गया और हलका लेखपाल उनके गांव पूछताछ करने पहुंचे तो वे दंग रह गए। वहां सुशीला जिंदा मिलीं। उन्होंने पूछताछ में पूरी बात बताई। अब पुलिस पोस्टमॉर्टम हाउस में रखी 6वीं लाश की शिनाख्त कराने में जुटी है।
सुशीला बोलीं- मैं ट्रेन से उतर नहीं पाई, इसलिए बच गई
सुशीला ने बताया- मैं खमरिया से नहाने जा रही थी। जब सब लोग ट्रेन से उतर रहे थे, तो भीड़ के चलते मैं ट्रेन से उतर नहीं पाई। उसके बाद ही ये हादसा हो गया।
हादसे से जुड़ी 3 तस्वीरें-

हादसे के बाद शवों के चीथड़े उड़ गए। ट्रैक पर 50 मीटर तक लाशों के टुकड़े बिखरे नजर आए।

पुलिसवालों ने शवों के टुकड़ों को समेटकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया।

हादसे में मरने वालों के परिजन मौके पर पहुंचे। उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया। एक लड़की ने रोते हुए फोन करके घरवालों को हादसे के बारे में बताया।
मरने वाले 5 लोग एक ही गांव के
मिर्जापुर के खमरिया गांव से 15 से ज्यादा श्रद्धालु चुनार में गंगा स्नान के लिए निकले थे। सुबह करीब 10 बजे गांववालों को हादसे की जानकारी मिली। वहीं, प्रयागराज जीआरपी के एसपी प्रशांत वर्मा ने बताया कि प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा के इंतजाम किए गए थे। पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगी थी। कुछ महिला प्लेटफॉर्म के अपोजिट उतर गई। उस ट्रैक पर आई ट्रेन की चपेट में आ गईं। अगर कोई लापरवाही मिलती है, तो एक्शन होगा।
वहीं, डीएम पवन गंगवार ने बताया कि ट्रेन से उतरकर प्लेटफॉर्म बदलते समय यात्री दूसरे ट्रैक पर चले गए थे। इसके चलते सभी लोग ट्रेन की चपेट में आ गए। यूपी सरकार के मंत्री रविंद्र जायसवाल ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की है।

(Bureau Chief, Korba)




