कोरबा (BCC NEWS 24): वन मंडल कटघोरा में स्टॉपडैम निर्माण में एक और गड़बड़ी सामने आई है। एक साल पहले कैंपा और नरवा विकास के तहत 18 स्टॉपडैम के लिए 5 करोड़ रुपए की मंजूरी मिली थी, लेकिन तत्कालीन डीएफओ शमा फारूकी ने बिना निर्माण सामग्री आपूर्ति के राशि का भुगतान कर दिया। इसकी वजह से अधिकांश निर्माण कार्य अभी अधूरे हैं।
बारिश के पहले निर्माण नहीं हुआ तो इसके बहने का भी खतरा है। वन विभाग कैंपा मद से जल संरक्षण और वन्य प्राणियों के लिए तालाब और स्टॉपडैम का निर्माण कराता है। अब तो नरवा विकास के तहत छोटे छोटे नालों में स्टॉप डैम का निर्माण भी कराया जा रहा है।
कटघोरा वन मंडल के चैंतमा रेंज में 6, पाली में दो, एतमानगर में दो, पसान में 3 और जटगा रेंज में 5 स्टॉप डैम की मंजूरी मिली थी। वन विभाग में ओपन कीबोर्ड निर्माण सामग्री की आपूर्ति के लिए ठेका कंपनी से अनुबंध किया जाता है। इसी के तहत बिलासपुर की कंपनी को ठेका दिया था, लेकिन बिना आपूर्ति के ही सीमेंट, छड़ और गिट्टी का भुगतान कर दिया गया। विभाग में निर्माण कार्य विभागीय होते हैं। इस वजह से रेंजर और वनरक्षक के भरोसे ही काम कराया जाता है।
तत्कालीन डीएफओ शमा फारुकी ने भुगतान तो कर दिया, लेकिन निर्माण सामग्री नहीं होने से काम शुरू ही नहीं हो सका। इस भी गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद राज्य शासन ने डीएफओ को रायपुर कार्यालय संलग्न कर दिया। मामले में अब तक कोई कार्रवाई भी नहीं हुई है।
जांच में मिली गड़बड़ी, जांच कर रहे एसडीओ ही निलंबित
स्टॉप डैम निर्माण में सबसे अधिक गड़बड़ी जटगा और पसान रेंज में सामने आई थी। इसकी जांच एसडीओ केपी डिंडोरे कर रहे थे, लेकिन मरवाही में पदस्थापना के दौरान मनरेगा में गड़बड़ी करने के मामले में एसडीओ निलंबित हो गए। इसके पहले उन्होंने अपनी जांच में काम नहीं होना पाया था।
दबाव बढ़ा तो अफसरों ने शुरू कराया था काम
स्टॉपडैम की मंजूरी के बाद भी निर्माण नहीं होने पर घबराए रेंजर और वन अमले ने काम शुरू करा दिया। बाद में यह बताया गया कि अभी निर्माण सामग्री का पूरा भुगतान नहीं हुआ है। जितना भुगतान हुआ था, उतने का निर्माण करा दिया है। आगे राशि मिलने के बाद निर्माण कार्य कराया जाएगा।
सीधी बात
प्रेमलता यादव, डीएफओ वन मंडल कटघोरा
प्र. स्टॉप डैम का निर्माण पूरा नहीं हुआ और सामग्री की राशि निकाल ली गई, इसके लिए दोषी कौन है? – मामले की प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी पाई गई थी। टीम जांच कर रही है, इसके बाद कार्रवाई करेंगे। प्र. अधिकांश स्टाप डैम अधूरे हैं। बारिश में बहने का खतरा तो है? – अधूरे कार्यों को पूरा कराएंगे। निर्माण सामग्री की राशि निकाली गई है तो पूरा होना चाहिए।
जटगा का मामला हाईकोर्ट तक गया, फर्जी को हो गया भुगतान
वन मंडल के अफसर लंबे समय से गड़बड़ी कर रहे हैं। जटगा रेंज में निर्माण सामग्री की आपूर्ति के बाद भुगतान ही नहीं किया गया। इसका मामला हाईकोर्ट तक गया था। हाईकोर्ट ने सप्लायर को भुगतान करने का आदेश दिया है। दूसरी ओर बिना निर्माण सामग्री आपूर्ति के फर्जी भुगतान कर दिया गया। यही नहीं कई स्टॉपडैम और तलाब का भुगतान ही नहीं किया गया है। अधिकांश काम अधिकारी ठेकेदारों से कराते हैं। इसकी वजह से ही विवाद की स्थिति निर्मित होती है।