राजस्थान: जोधपुर के प्रतिष्ठित उम्मेद क्लब में एक नाबालिग का शॉवर लेते और चेंज करने का वीडियो बनाने के मामले में 17 साल की नाबालिग कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए आगे आई है। जब मां ने कहा- अपनी आवाज उठाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़नी होगी, बेटी तुम तैयार हो… पुलिस स्टेशन बयान देने जाना होगा। कोर्ट के चक्कर भी लगाने होंगे। मां की यह बात सुनकर बेटी थोड़ा नर्वस हुई फिर सोचा की खुद के लिए आवाज नहीं उठाऊंगी तो गलत करने वाले को सजा कैसे मिलेगी।
नाबालिग ने कहा कि- हो सकता है मेरे से पहले भी कई लड़कियां बाथरूम में गई थी। उनका भी वीडियो बनाया हो। मैं चुप रही तो मैं अपने साथ अन्याय तो करुंगी। उन लड़कियों के साथ भी अन्याय होगा।
दरअसल, 24 अप्रैल को क्लब के बाथरूम में नाबालिग का नहाते समय वीडियो बनाया गया था। अपना वीडियो बनते देख नाबालिग ने एक युवक आकश चौपड़ा को पकड़ा, लेकिन क्लब के पदाधिकारियों ने न्याय दिलाने की बात कही और फिर सहयोग नहीं किया। इस पर आकाश, कमलेश तातेड़ और क्लब के पदाधिकारियों के खिलाफ पोक्सो और आईटी एक्ट में मामला दर्ज हुआ। शनिवार को नाबालिग के बयान हुए।
हिम्मत जुटाई और मोबाइल छीन लिया
नाबालिग से बात करने पर उसने बताया कि पिछले रविवार जब वह अपनी सहेलियों के साथ उम्मेद क्लब स्विमिंग के लिए गई तब पूल से बाहर निकल कर शॉवर करने व कपड़े बदलने बाथरूम में गई। कपड़े बदल रही थी तो मैंने बाथरूम की वॉल पर मोबाइल देखा तो नर्वस हो गई। कुछ समझ नहीं आया जल्दी से कपड़े सही किए तब तक तरह-तरह के ख्याल आने लगे यह लगा कि मेरा वीडियो बन गया है। अब वह उससे ब्लैकमेल करेगा। फिर मेरी व मेरी फैमिली की इमेज खराब होगी।
उम्मेद क्लब के मैनेजमेंट पर इस मामले को दबाने का आरोप लगा है।
एकदम से खुद में हिम्मत बांधी और जोर से चिल्लाते हुए बाथरूम से बाहर आकर पास वाले बाथरूम में दरवाजा बजाया तो एक व्यक्ति बाहर आया। उससे मोबाइल लेने लगी तो वह छुपाने लगा। मेरा शक यकीन में बदल गया। यदि कोई गलत काम नहीं किया होता तो वह छुपाने की कोशिश नहीं करता।
तभी सोच लिया कि अब इसे यहां से जाने नहीं देना है मोबाइल फोर्मेट करवाना जरूरी है। इस पर चिल्लाई तो कई लोग वहां इकट्ठा हो गए। मन में घबराहट थी। पहली बार क्लब आई थी। ऐसी हरकत से दिल बैठा जा रहा था।
उम्मेद क्लब का बाथरूम जहां नाबालिग का वीडियो बनाया गया।
लोगों ने कहा गलतफहमी हुई है
नाबालिग ने बताया कि हिम्मत नहीं हारी और गलत करने वाले को सजा दिलवानी जरूरी थी। मां ने ही बचपन से सिखाया था कि अपने साथ गलत होते देखो तो आवाज उठाओ। कुछ इंटरनेट पर भी ऐसी घटनाएं देख कर अवेयर हो चुकी थी। वहां उपस्थित कई लोगों ने मुझे यह बोला कि तुम्हें गलतफहमी हुई है।
मुझे पता था इस व्यक्ति ने गलत किया है और मुझ से पहले भी कई लड़कियों के वीडियो बनाए होंगे। सभी मुझ पर यह दबाव बनाते रहे कि मुझे गलतफहमी हुई। क्लब के पदाधिकारियों ने भी बोला, लेकिन मैं कॉन्फिडेंट थी।
..तो पुलिस में शिकायत की
नाबालिग की मां ने बताया कि जब सभी ने दबाव बनाया तो मुझे भी लगा कि बेटी को हो सकता है गलतफहमी हुई हो। इस पर बेटी से पूछा तो वह बोली मम्मा मेरे साथ गलत हुआ है। मैं कॉन्फिडेंट हूं। बेटी के इस स्टेंड पर उसका साथ देने की ठानी।
जब क्लब ने न्याय नहीं दिया तो पुलिस में शिकायत करने का सोचा। कई लोगों ने मना किया सिंगल मदर हो बेटी का नाम सामने आएगा कहा-कहां लेकर घूमोगी। लेकिन जब बेटी ने हिम्मत नहीं हारी तो उसका साथ दिया। मामला दर्ज करवाया।