नई दिल्ली: अब जल्द ही आप बिना सिम कार्ड या इंटरनेट कनेक्शन के अपने मोबाइल पर वीडियो स्ट्रीम कर सकेंगे। इसके लिए डायरेक्ट-टू-मोबाइल (Direct-to-mobile) ब्रॉडकास्ट टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है।
इनफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट सेक्रेटरी अपूर्व चंद्रा ने मंगलवार को एक ब्रॉडकास्ट समिट में कहा कि D2M एक डोमेस्टिक टेक्नीक है। जल्द ही 19 शहरों में इसका ट्रायल किया जाएगा और इसके लिए 470-582 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को रिजर्व किया जाएगा। हालांकि, टेलीकॉम कंपनियों से इस संबंध में बात की जा रही है।
5G नेटवर्क की भीड़ कम हो जाएगी
चंद्रा ने कहा कि वीडियो ट्रैफिक का 25-30% D2M पर ट्रांसफर होने से 5G नेटवर्क की भीड़ कम हो जाएगी, जिससे देश में डिजिटल बदलाव में तेजी आएगी। पिछले साल D2M टेक्नीक की टेस्टिंग करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट बेंगलुरु, कर्तव्य पथ और नोएडा में चलाए गए थे।
2026 तक देश में 100 करोड़ स्मार्टफोन यूजर होंगे
चंद्रा ने कहा कि D2M टेक्नीक देशभर में लगभग 8-9 करोड़ घरों तक पहुंचने में मदद करेगी। देश के 28 करोड़ घरों में से केवल 19 करोड़ के पास टेलीविजन सेट हैं। स्मार्टफोन के 80 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं, जो 2026 तक 100 करोड़ होंगे और यूजर्स तक पहुंचने वाला 69% कंटेंट वीडियो फॉर्मेट में है।
इसलिए सरकार टीवी कंटेंट को ज्यादा लोगों तक भेजने के लिए फोन को सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म मान रही है। सरकार इससे शिक्षा और इमरजेंसी सेवाओं का प्रसारण करना चाहती है।
![अभी देश में 80 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर होंगे।](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2024/01/16/new-project-70_1705420339.jpg)
अभी देश में 80 करोड़ से ज्यादा स्मार्टफोन यूजर होंगे।
डी2एम टेक्नोलॉजी कैसे काम करेगी?
यह ब्रॉडबैंड और ब्रॉडकास्ट का मिश्रण है। मोबाइल पर जिस टेक्नोलॉजी से एफएम रेडियो प्रसारित होता है, डी2एम वैसी ही है। फोन में लगा रिसीवर रेडियो फ्रीक्वेंसी पकड़ेगा। इसके लिए 526-582 मेगाहर्ट्स बैंड का प्रयोग करने की तैयारी है। इस बैंड का उपयोग अभी टीवी ट्रांसमीटर के लिए होता है।
इस टेक्नीक की मदद से जिस तरह आप बिना इंटरनेट के घर पर टीवी चैनलों का आनंद लेते हैं, ठीक वैसे ही मोबाइल फोन पर ले सकेंगे। बहुत ही कम दाम पर OTT कंटेंट भी देख सकेंगे, वो भी बिना किसी डेटा खर्च के। ये टेक्नोलॉजी डी2एच की तरह है।
क्या ढेर सारा कंटेंट फ्री होगा?
बीते जून में IIT कानपुर ने देश में D2M प्रसारण और 5जी कन्वर्जेंस रोडमैप पर एक श्वेतपत्र पब्लिश किया था। इसमें कहा गया है कि ब्रॉडकास्टर D2M नेटवर्क से क्षेत्रीय टीवी, रेडियो, एजुकेशनल कंटेंट, इमरजेंसी अलर्ट सिस्टम, आपदा से जुड़ी सूचनाएं, वीडियो के अलावा डेटा से चलने वाले ऐप की सुविधा दे पाएंगे। ये ऐप बिना इंटरनेट चलेंगे और दाम भी कम देने पड़ेंगे।
मोबाइल ऑपरेटरों को मनाना बड़ी चुनौती…
मोबाइल ऑपरेटर विरोध कर सकते हैं, क्योंकि D2M से उनका डेटा रेवेन्यू प्रभावित होना तय है। उनका 80% ट्रैफिक वीडियो से आता है।
(Bureau Chief, Korba)