- कलेक्टरए एसपीए डीएफओ सहित जनप्रतिनिधियों ने विश्रामपुर में रोपे सागौन व नीलगिरी के पौधे
धमतरी: प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर आज दोपहर को मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना का वर्चुअल शुभारम्भ किया। इसके तहत जिला स्तर पर वन विभाग के तत्वावधान में धमतरी विकासखण्ड के ग्राम विश्रामपुर में निजी भूमि पर सागौन और नीलगिरी पौधे के 600 टिश्यूकल्चर का रोपण किया गया। इस दौरान कलेक्टर श्री ऋतुराज रघुवंशीए एसपी श्री प्रशांत ठाकुरए डीएफओ श्री मयंक पाण्डेय सहित उपस्थित जिला पंचायत की सदस्य द्वय श्रीमती कविता बाबर और श्रीमती तारिणी चंद्राकर सहित स्थानीय जनप्रतिनिधियोंए ग्रामीणों व अधिकारियों के द्वारा 4ण्25 एकड़ क्षेत्र में पौधरोपण किया गया।
आज दोपहर को तुमराबहार बीट दक्षिण धमतरी सर्कल परिक्षेत्र धमतरी में स्थित डूबान क्षेत्र के ग्राम विश्रामपुर में श्री आनंद पवार की निजी भूमि पर 270 पौधे टिश्यू कल्चर सागौन एवं 320 पौधे नीलगिरी के पौधे रोपकर जिले में इस योजना का आगाज किया गया। वनमण्डलाधिकारी श्री मयंक पाण्डेय ने बताया कि जिले में इस योजनान्तर्गत 466 हितग्राहियों का चयन किया गया है। इन हितग्राहियों की 685 एकड़ भूमि में चार लाख दो हजार 253 पौधों का रोपण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विश्व वानिकी दिवस पर जिले में 13 हितग्राहियों के 29 एकड़ में 12 हजार 643 पौधों का रोपण किया गया। इसमें क्लोनलए नीलगिरीए टिशू कल्चर बांसए टिश्यू कल्चर सागौनए साधारण सागौन प्रजाति के पौधे भी शामिल हैं।
ज्ञात हो कि इस योजना के तहत पात्र हितग्राहियों को पांच एकड़ तक भूमि पर ;अधिकतम पांच हजारद्ध पौधों के रोपण के लिए शत.प्रतिशत अनुदान दिया जाएगा। इसी तरह पांच एकड़ से अधिक भूमि होने पर प्रति एकड़ अधिकतम एक हजार पौधे हेतु पात्र हितग्राहियों को वन विभाग द्वारा निर्धारित वित्तीय अनुदान का 50 प्रतिशत ही दिया जाएगा तथा शेष राशि किसानों को स्वयं वहन करना होगा। निजी शिक्षण संस्थाएंए निजी ट्रस्टए पंचायतए भूमि अनुबंध धारकए गैर शासकीय संस्थाएंए जो अपने भूमि में रोपण करना चाहते हैंए उनके रोपण के लिए वन विभाग द्वारा निर्धारित अंशदान का 50 प्रतिशत राशि दिया जाएगा। शेष राशि संस्थानों को स्वयं वहन करना होगा। योजना के तहत रोपण से संबंधित सभी कार्य हितग्राही द्वारा किया जाएगा। हितग्राहियों के चाहने पर सभी आवश्यक सहयोग और मार्गदर्शन एवं समन्वय वन विभाग द्वारा किया जाएगा। डीएफओ ने यह भी बताया कि कार्य के बाद वन विभाग द्वारा संबंधित हितग्राही के खाते में कार्य अनुसार राशि हस्तांतरित की जाएगी।