रायपुर: जीएसटी कर्मी को खुदकुशी के लिए उकसाने के मामले में फरार कांग्रेसी नेता आकाशदीप गिल, उसके रिश्तेदार जगबीर गरचा और सहयोगी गंगाराम पिछले कुछ महीनों से फरार चल रहे हैं। पुलिस अब तक इन्हें गिरफ्तार नहीं कर पाई है। दूसरी तरफ यह शातिर अदालतों में अपने जमानत की अर्जी लगवा रहे हैं।
इनसे तंग आकर खुदकुशी करने वाले जीएसटी कर्मी गंगा प्रसाद के बेटे राकेश मारकंडे ने इस मामले में रायपुर के एसएसपी प्रशांत अग्रवाल से मुलाकात की। एक ज्ञापन देकर राकेश ने कहा कि आरोपी अदालत में जमानत की अग्रिम याचिकाएं दे रहे हैं, पुलिस को उन्हें गिरफ्तार कर लेना चाहिए। इस पर एसएसपी प्रशांत अग्रवाल ने जल्द कार्रवाई का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस की टीम आरोपियों की तलाश में लगी हुई है। आरोपियों की जानकारी देने वाले को 20 हजार रुपए ईनाम देने का एलान भी किया गया है।
रायपुर SSP से मिलकर गिरफ्तारी की मांग।
रसूखदारों को बचाने का शक
राकेश मारकंडे ने शक जाहिर करते हुए कहा कि कहीं ना कहीं पुलिस जानबूझकर इन रसूखदार आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। ताकि उन्हें जमानत मिल जाए और गिरफ्तारी का झंझट खत्म हो जाए। आकाशदीप गिल कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा का नेता है। उसके रिश्तेदार ट्रांसपोटर जगमीर गरचा रायपुर के सिविल लाइन इलाके के रहने वाले हैं । खुदकुशी कर चुके जीएसटी कर्मी का परिवार अब इस उम्मीद में है कि इन रसूखदार आरोपियों को पुलिस वक्त रहते गिरफ्तार कर ले। राकेश ने बताया कि 17 मई को भी आरोपियों की तरफ से रायपुर की अदालत में जमानत की याचिका दी गई थी हमारे विरोध की वजह से वह याचिका खारिज कर दी गई । अब फिर से आरोपियों ने हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी दी है।
यह है पूरा विवाद
तेलीबांधा के ओवरब्रिज के पास मुख्य सड़क पर ही जीएसटी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी करने वाले गंगा प्रसाद मारकंडे का घर है। सड़क की गली के पिछले हिस्से में ट्रांसपोर्ट कारोबारी जगमीर गरचा की जमीन है और पास ही सरकारी जमीन का बड़ा हिस्सा है। पिछले कुछ दिनों से गरचा और गंगा के बीच इसी बात को लेकर विवाद था।
गंगा के परिजनों का कहना है कि सरकारी जमीन और हमारी जमीन हथियाने की नीयत से गरचा और उसका रिश्तेदार कांग्रेस नेता आकाशदीप गिल हमें धमकाते थे। इन्हीं बातों से परेशान होकर गंगा ने माना के अपने मकान में जाकर खुदकुशी कर ली थी।