Wednesday, October 8, 2025

वॉशिंगटन: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारतीयों को बड़ी राहत दी, कहा- H1B वीजा बंद नहीं होगा, अमेरिका को टैलेंट की जरूरत; अगले महीने मोदी-ट्रम्प की मुलाकात भी संभव

वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बुधवार को H-1B वीजा पर भारतीयों के लिए बड़ी राहत का ऐलान किया। NYT के मुताबिक ट्रम्प ने कहा कि ये वीजा बंद नहीं होंगे। अमेरिका को टैलेंट की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ इंजीनियर ही नहीं चाहिए, अन्य जॉब्स के लिए भी बेस्ट प्रोफेशनल्स आने चाहिए। ये अमेरिकियों को ट्रेनिंग भी देंगे।

H-1B पर जारी बहस को लेकर पूछे गए सवाल पर ट्रम्प ने कहा, ‘मैं पक्ष-विपक्ष के तर्कों को लेकर सहमत हूं। अभी अमेरिका को जो टैलेंट चाहिए, वह इस वीजा प्रोग्राम से ही मिल सकता है।’ अमेरिका में इस हाई स्किल वीजा को पाने वालों में भारतीय पहले नंबर पर हैं। 2024 में जारी कुल 2 लाख 80 हजार H-1B में से भारतीयों को करीब 2 लाख वीजा मिले थे।

वहीं, अगले महीने वॉशिंगटन में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रम्प की मुलाकात हो सकती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत और अमेरिका के डिप्लोमैट्स ने इसके लिए द्विपक्षीय तैयारियां तेज कर दी हैं। बैठकों का दौर चल रहा है।

साल 2019 में ट्रम्प ने PM मोदी के सम्मान में टेक्सास राज्य में हाउडी मोदी प्रोग्राम का आयोजन किया था।

साल 2019 में ट्रम्प ने PM मोदी के सम्मान में टेक्सास राज्य में हाउडी मोदी प्रोग्राम का आयोजन किया था।

H-1B वीजा क्या होता है?

H-1B नॉन-इमीग्रेंट वीजा होता हैं, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेष तकनीकी दक्षता वाले पदों पर विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति होती है। इस वीजा के जरिए टेक्नोलॉजी सेक्टर की कंपनियां हर साल भारत और चीन जैसे देशों से हजारों वर्कर्स की नियुक्ति करती हैं।

H-1B वीजा आमतौर पर उन लोगों के लिए जारी किया जाता है, जो किसी खास पेशे (जैसे-IT प्रोफेशनल, आर्किट्रेक्टचर, हेल्थ प्रोफेशनल आदि) से जुड़े होते हैं। ऐसे प्रोफेशनल्स जिन्हें जॉब ऑफर होता है, उन्हें ही ये वीजा मिल सकता है। यह पूरी तरह से एम्पलॉयर पर डिपेंड करता है। यानी अगर एम्पलॉयर नौकरी से निकाल दे और दूसरा एम्पलॉयर ऑफर न करे तो वीजा खत्म हो जाएगा।

वीजा पर ट्रम्प समर्थकों की राय बंटी हुई

H-1B वीजा को लेकर ट्रम्प समर्थकों की राय भी आपस में बंटी हुई है। लॉरा लूमर, मैट गेट्ज और एन कूल्टर जैसे ट्रम्प समर्थक खुलकर इस वीजा का विरोध कर रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि H-1B वीजा से विदेशी लोगों को अमेरिका में नौकरी मिलेगी और अमेरिकी लोगों की नौकरियां छिन जाएंगी।

दूसरी तरफ विवेक रामास्वामी जैसे ट्रम्प समर्थकों ने इसका सपोर्ट किया है। उनका कहना है कि अमेरिका को आर्थिक रूप से मजबूत करने के लिए दुनिया के टॉप लोगों को नौकरियों पर रखना चाहिए।

ट्रम्प सरकार में डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी (DoGE) संभालने वाले इलॉन मस्क ने इस प्रोग्राम को खत्म जैसा बताते हुए इसमें बड़े पैमाने पर सुधार करने की बात कही है।

10 में से 7 H-1B वीजा भारतीयों को ही मिलता है

अमेरिका हर साल 65,000 लोगों को H-1B वीजा देता है। इसकी समय सीमा 3 साल के लिए होती है। जरूरत पड़ने पर इसे 3 साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है। अमेरिका में 10 में से 7 H-1B वीजा भारतीय लोगों को मिलता है। इसके बाद चीन, कनाडा, साउथ कोरिया का नंबर आता है।



                                    Hot this week

                                    Related Articles

                                    Popular Categories