बीजिंग: चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दलाई लामा को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने पर नाराजगी जताई है। बीजिंग ने कहा कि भारत को तिब्बत से जुड़े मामलों में चीन की संवेदनशीलता का सम्मान करना चाहिए।
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि दलाई लामा चीन विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं और उनका मकसद तिब्बत को चीन से अलग करना है। उन्होंने भारत से अपील की कि वह तिब्बत से जुड़े मुद्दों पर सतर्कता बरते और चीन से किए गए वादों का पालन करे, ताकि रिश्तों पर असर न पड़े।
90 साल के हुए दलाई लामा, समारोह में मौजूद रहे भारतीय नेता
प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को दलाई लामा को शुभकामनाएं देते हुए उनके अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की थी। वहीं, धर्मशाला में दलाई लामा के 90वें जन्मदिन पर हुए समारोह में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू और कई अन्य भारतीय नेता भी मौजूद थे।
विवाद की शुरुआत 2 जुलाई को हिमाचल में दलाई लामा के बयान से हुई। यहां उन्होंने कहा था कि उनके उत्तराधिकारी को मान्यता देने का एकमात्र अधिकार तिब्बती बौद्ध गुरुओं को है।
भारत के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने 3 जुलाई को दलाई लामा के इस बयान का समर्थन किया था। रिजिजू ने कहा था कि दलाई लामा को अपने उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार होना चाहिए। इस बयान पर चीन ने नाराजगी जताई थी।

सम्मेलन में तिब्बती बौद्ध धर्म की विभिन्न परंपराओं के प्रमुख लामाओं, तिब्बती संसद, सिविल सोसाइटी, संगठनों और दुनिया भर से आए तिब्बती समुदाय के प्रतिनिधियों ने भाग लिया था।
चीन बोला- दलाई लामा 700 साल पुरानी परंपरा नहीं तोड़ सकते
चीन ने कहा था कि दलाई लामा का अगला अवतार चुनने की प्रक्रिया पुराने धार्मिक नियमों और चीन के कानूनों के तहत ही होनी चाहिए, जैसे ‘स्वर्ण कलश’ से लॉटरी निकालने की परंपरा और केंद्र सरकार की मंजूरी। चीन ने चेतावनी दी कि भविष्य में भी इन्हीं नियमों का पालन होना चाहिए, क्योंकि वह इसे अपनी संप्रभुता का सवाल मानता है।
भारत में चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने X पर पोस्ट करते हुए लिखा, 14वें दलाई लामा ने कहा है कि दलाई लामा की परंपरा आगे भी जारी रहेगी। हालांकि तिब्बती बौद्ध धर्म जीवित बुद्ध के पुनर्जन्म की परंपरा 700 साल से चली रही है। फेइहोंग ने कहा-
14वें दलाई लामा इस ऐतिहासिक और धार्मिक परंपरा का हिस्सा हैं। दलाई लामाओं का पुनर्जन्म ना तो उनसे शुरू हुआ था, और ना ही उनके कारण खत्म होगा। परंपरा को जारी रखना है या खत्म करने का फैसला सिर्फ 14वें दलाई लामा के हाथ में नहीं है। वे अकेले यह तय नहीं कर सकते कि पुनर्जन्म की परंपरा चलेगी या नहीं।
भारत बोला-धार्मिक मामले पर बात नहीं करते
भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने शुक्रवार को दलाई लामा के उत्तराधिकार पर कहा- भारत सरकार आस्था और धार्मिक प्रथाओं से जुड़े मामलों पर न तो कोई रुख अपनाती है और न बोलती है। आगे भी ऐसा करती रहेगी। हमने दलाई लामा के बयान से संबंधित रिपोर्ट्स देखी हैं।

(Bureau Chief, Korba)