Friday, March 29, 2024
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कोरबा: पैरा दान करके भी कमा सकते हैं पुण्य – गौ सेवा आयोग अध्यक्ष राजेश्री महंत डॉ रामसुंदर दास

  • छत्तीसगढ़ सरकार गौ माता को संरक्षण देने का काम कर रही, सभी नागरिक करें सहयोग

कोरबा (BCC NEWS 24): छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा गौ संरक्षण के क्षेत्र में भारत वर्ष के अन्य सभी राज्यों की सरकार से अपेक्षाकृत काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। इसमें जनजागृति बहुत आवश्यक है। आप सभी मिलकर सहयोग करें निश्चित तौर पर गौ माता का संरक्षण यहां बेहतरीन तरीके से हो सकेगा। राज्य में गांव गांव विकसित किए गोठानो में मवेशियों के चारे के लिए पैरा दान करके भी पुण्य कमाया जा सकता है। पैरा दान करने से मवेशियों के लिए वर्ष भर गोठान में चारे की उपलब्धता होगी। यह बातें छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजेश्री महन्त डॉ रामसुन्दर दास ने कोरबा जिले के करतला ब्लॉक अंतर्गत चिचोली ग्राम के गौशाला में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए की। राजेश्री महन्त ने चिचोली में स्वर्गीय वैद्य नाथूराम कौशिक गौशाला का विधिवत निरीक्षण किया और व्याप्त खामियों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। गौशाला संचालन समिति के द्वारा उनका बड़े ही आत्मीयता पूर्वक स्वागत किया गया। लोगों के समक्ष अपने विचार व्यक्त करते हुए राजेश्री महन्त जी महाराज ने कहा कि -गौ माता की संरक्षण के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार विश्व की एकमात्र ऐसी सरकार है जो गौ माता की संरक्षण एवं संवर्धन के लिए दो रूपय किलो में गोबर और चार रूपये लीटर में गोमूत्र क्रय कर रही है। गोबर से भी विदेशी मुद्रा कमाया जा सकता है इसकी कल्पना आज तक किसी ने भी नहीं की थी लेकिन विभिन्न गौशालाओं एवं गौठानों में कार्य करने वाली महिला स्व सहायता समूह की माताओं के द्वारा गोबर से निर्मित दिपक, मूर्तियां, अगरबत्ती जैसे अनेक उत्पाद विश्व के बाजार में बिकने के लिए पहुंच रहे हैं और इससे विदेशी मुद्रा की प्राप्ति हो रही है। गोबर से विदेशी मुद्रा की प्राप्ति होगी इसकी कल्पना आज पर्यंत किसी ने भी नहीं की थी।

राजेश्री महंत डॉ रामसुंदर दास ने कहा कि गौमाता एकमात्र वह प्राणी है जो मनुष्य के मृत्यु के पश्चात भी उसे वैतरणी नदी पार कराती है। मृत्यु के पश्चात गोदान किया जाता है, बहुत अच्छा होगा कि अपने जीवन के रहते हम सभी गौ माता की सेवा करें। आध्यात्मिक आयोजन के लिए शरीर की पवित्रता आवश्यक है, शरीर की पवित्रता के लिए पंचगव्य पान करना भी आवश्यक है। यह पंचगव्य हमें गौमाता से ही प्राप्त होती है इसलिए भी इनका संरक्षण और संवर्धन अत्यधिक आवश्यक है। इस अवसर पर विशेष रूप से जनपद सदस्य कमलेश सिंह ,गुलाब कौशिक, जनपद सदस्य कृष्णा देवी कौशिक, देव कुमार पांडे, राकेश तिवारी, सहसराम कौशिक सांसद प्रतिनिधि, होरीलाल कश्यप, साखीराम कश्यप, पुलिस प्रशासन एवं पशु चिकित्सा विभाग के अधिकारी गण उपस्थित थे।

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