Wednesday, June 25, 2025

थ्रेसर में फंसा युवक, सिर और गर्दन के टुकड़े हुए… 10 सेकेंड में आधा शरीर दो हिस्सों में कटा, आधा बाहर रह गया; टुकड़ों को पोटली में बांधकर ले गई पुलिस

राजस्थान: अलवर में थ्रेसर में युवक के फंसने से वह दो टुकड़ों में कट गया। महज 10 सेकेंड में ही उसके शरीर के दो हिस्से हो गए। उसकी गर्दन शरीर से अलग होकर मशीन में फंस गई, जबकि बाकी का शरीर बाहर रह गया।

घटना अलवर के कोटकासिम थाना क्षेत्र के कादैया गांव की सोमवार रात डेढ़ बजे की है। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव के टुकड़ों को पोटली में बांध कोटकासिम सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) ले गई।

मृतक का थ्रेसर पर काम करने का दस साल का अनुभव था लोगों को यकीन नहीं हो रहा है उसके साथ ऐसा हो सकता है

पुलिस ने शरीर को थ्रेसर से बाहर निकाला

मृतक गजेंद्र राजपूत (40) पिछले 10 साल से गुरगचका (कोटकासिम) निवासी थ्रेसर मालिक रामनिवास के यहां काम कर रहा था। सोमवार रात को वे अपने ही गांव कादैया में रहने वाले गोविंद अहीर के यहां थ्रेसर लेकर गया था। गोविंद अहीर के बेटे रीछपाल (30) ने बताया कि करीब 1.30 से 2 बजे के बीच में गेहूं निकाल रहे थे। वो और उसके पिता गेहूं के कट्टे भर रहे थे।

गजेंद्र राजपूत गेहूं की पुलियों को थ्रेसर में डाल रहा था। चार-पांच मजदूर और लगे हुए थे। अचानक से थ्रेसर में जोर की आवाज आई तो मैंने सोचा कि कोई पत्थर थ्रेसर के अंदर चला गया है। इतने में ही मजदूर पीछे से चिल्लाएं कि थ्रेसर में आदमी चला गया है।

इतना सुनकर ने थ्रेसर को रोक दिया, लेकिन तब तक गजेंद्र का आधा शरीर थ्रेसर में जा चुका था। गजेंद्र के शरीर के टुकड़ों को देख दूसरे मजदूर इतना घबरा गए कि वे खेत से अपने घर चले गए।

इसी ट्रैक्टर पर लगे थ्रेसर पर गजेंद्र काम कर रहा था। एक हाथ अंदर जाते ही मशीन ने उसे अंदर की तरफ खींच लिया।

पूरी रात फंसा रहा शव
ASI धर्मपाल मीणा ने बताया कि मंगलवार दोपहर 11 बजे शव का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया।

उन्हाेंने बतया कि खेत मालिक ने सुबह करीब 6 बजे सूचना दी कि थ्रेसर में आने से युवक की मौत हो गई। मौके पर पहुंचे तो शव के टुकड़े हो रखे थे।

इस दौरान पूरी रात शव थ्रेसर में ही फंसा रहा। बताया जा रहा है कि गजेंद्र का एक हाथ थ्रेसर के अंदर चल रही गिरारियों के बीच फंस गया और देखते-देखते वह पूरा थ्रेसर के अंदर चला गया।

जिससे उसका आधा शरीर गिरारियों के बीच फंस गया और अंदर जाने से उसके शरीर के टुकड़े-टुकड़े हो गए।

मजदूरों ने थ्रेसर बंद की

थ्रेसर मालिक रामनिवास ने बताया कि मजदूर गजेंद्र पिछले 10 साल से उसकी थ्रेसर पर काम करता है। कटाई का सीजन आते ही वो मजदूरी करने आ जाता था। सोमवार रात को भी वो थ्रेसर के पीछे गेहूं की पुलिया डालने का काम कर रहा था।

इसी दौरान उसका हाथ थ्रेसर में आ गया। देखते ही देखते उसका आधा शरीर थ्रेसर में चला गया। हादसे के बाद उसने भागकर थ्रेसर को बंद किया, तब तक मृतक गजेंद्र का सिर और गर्दन कट चुके थे। मृतक गजेंद्र के एक लड़का (11) और एक लड़की (9) है।


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