- माेबाइल पर क्या कर रहा है बच्चा, पालक रखें नजर
- जब पासबुक में एंट्री कराने के लिए बैंक गए तो उड़े होश, पूछताछ में बच्चे ने बताया जीतने के लिए खेला गेम
जांजगीर/ बच्चा 14 साल पढ़ाई में होशियार है। स्कूल नहीं खुल रहे इसलिए मोबाइल से आठवीं की ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा है। बच्चे के मां अौर पिता यही सोचते रह गए और बच्चा पढ़ाई के साथ ऑनलाइन गेम खेलने लगा। लत इतनी बढ़ी कि बच्चा देर रात तक मोबाइल गेम खेलने लगा।
नए-नए गेम ढूंढने दौरान उसने मोबाइल पर बिंगो गोल्ड चैनल डाउनलोड किया, जिसमें उसे पैसा जीतने का झांसा मिला। गेम खेलने के लिए उसने पिता का एकाउंट डिटेल शेयर कर दिया और 12 फरवरी से 19 मार्च 21 के बीच 35 दिनों में पिता के एकाउंट से 76 हजार 202 रुपए कट गए।
पढ़िए… पीड़ित व्यक्ति की कहानी, उन्हीं की जुबानी
मेरा बैंक ऑफ बड़ौदा जांजगीर शाखा में एकाउंट है। 12 फरवरी 2021 तक मेरे एकाउंट में अच्छी रकम थी। 23 फरवरी को फिर उसमें राशि जमा करने के लिए गया। दोनों रकम मिलाकर अधिक होने चाहिए थे। 19 मार्च को इंट्री कराने गया तो पता चला कि खाते में मात्र 16 हजार 904 रुपए थे। मैं हैरान था कि आखिर मेरे पैसे गए कहां।
बैंक से डिटेल निकलवाने पर पता चला कि 12 फरवरी से लेकर 19 मार्च के बीच यूपीआई से 54 बार ट्रांजेक्शन हुए और 400, 800, 1600, 3200 के हिसाब से 76 हजार 201 रुपए आईसीआईसीआई बैंक के यूरो नेट में ट्रांसफर हुए। बीओबी के मैनेजर ने आईसीआईसीआई बैंक में संपर्क करने कहा।
वहां के मैनेजर ने बताया कि उनके यूरो नेट में पैसा ट्रांसफर हुआ है। उन्होंने बीओबी में संपर्क कर आवेदन करने पर फंड वापस होने की जानकारी दी, लेकिन बीओबी के मैनेजर ने बताया कि यूपीआई से किसी ने ट्रांसफर किया है तो रिफंड नहीं होगा। घर में बच्चों से पूछने कहा। बच्चे से पूछने पर इस बात की जानकारी हुई कि वह रात में गेम खेलता था।
दोस्त मोबाइल रिचार्ज करते थे उन्हीं से सीखा
गांव के दोस्त गेम जीतकर मोबाइल, टीवी रिचार्ज व बिल भुगतान करते थे, उन्हीं से सीखा। यू ट्यूब पर बिंजो गोल्ड का वीडियो देखा। गेम आसान लगा तो डाउनलोड किया। रकम यूज करने का ऑप्शन भी था। सोचा था अधिक जीतने पर पापा के एकाउंट में डाल दूंगा। बिंजो गोल्ड में आईडी बनाई, खाता की जानकारी मांगी तो दी। अंक जीतने पर दोस्तों को देने लगा। पैसा ट्रांसफर होने की जानकारी नहीं लगी।….. जैसा गेम खेलने वाले नाबालिग ने बताया
गेम से हो रहे हिंसक, इसलिए उन पर रखें हमेशा नजर
पबजी, फ्री फायर, काउंटर स्ट्राइक, कॉल ऑफ ड्यूटी जैसे गेम बच्चों को हिंसक बना रहे हैं। इस तरह के गेम को बैटल रॉयल कहते हैं। इसमें खिलाड़ी ऑनलाइन अकेले या टीम के साथ किसी एरिया में जाकर दुश्मन से लड़ता है। यह सर्वाइवल गेम है। जो प्लेयर गेम के आखिरी तक जिंदा बचता है और वह गेम जीत जाता है। लेवल अप करने के लिए या गन, बारूद खरीदने के लिए गेमिंग कंपनियां प्लेयर्स से पैसे भी लेती हैं। रोमांच में फंसकर बच्चे पैसे लगाते हैं और फंसते चले जाते हैं।
आप न करें ऐसी गलती
- बच्चे के मोबाइल में बैंक संबंधित कोई भी जानकारी न रखें।
- आपके खाते से पैसा कटने का मैसेज बच्चे के मोबाइल में न जाए बल्कि आपके नंबर पर आए ताकि आप अलर्ट रहें।
- एटीएम भी बच्चे को दिया तो भी वही मोबाइल नंबर बैंक से लिंक अप कराएं जो आपके पास हो।
यह सवाल सबके मन में उठने ही चाहिए
- जिन परिजनों को मोबाइल गेम्स के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं वो क्या करें?
- बच्चा कितने समय मोबाइल पर बिता रहा है क्या इस पर गौर किया है?
- बच्चा कौन-कौन से मोबाइल गेम खेल रहा है, क्या आपने इस पर गौर किया है?
- क्या मॉनिटरिंग का कोई सिस्टम पैरेंट्स के पास है कि देख सकें कि बच्चा क्या कर रहा है?