रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी सरकार के तीन साल और भाजपा के 7 साल के कार्यकाल के दौरान प्रदेश की कानून व्यवस्था की समीक्षा करने जा रहे हैं। इसके लिए सीएम ने 5 अक्टूबर को रायपुर में रेंज आईजी और 28 जिलों के एसपी को तलब किया है। इस बैठक के लिए राज्य के गृह विभाग ने जो एजेंडा तैयार किया है, उसके मुताबिक बीते 10 सालों के दौरान प्रदेशभर में हुई घटनाओं की समीक्षा होगी।राजधानी के न्यू सर्किट हाउस आडिटोरियम में होने वाली बैठक के लिए एजेंडा भेजकर बीते दस सालों का ब्यौरा मांगा है।
पुलिस हेड क्वार्टर (पीएचक्यू) ने 23 बिंदुओं पर जानकारी मंगाई है। कांफ्रेस के लिए जो जानकारी मांगी गई है, उनमें हिंसात्मक आंदोलन व घटनाएं- जिनमें कानून व्यवस्था की रक्षा के लिये फायरिंग, वीवीआईपी प्रवास के दौरान उत्पन्न अप्रिय स्थिति की घटनाएं, महिलाओं, बच्चों अजा-अजजा की सुरक्षा के लिए उठाये गये कदम, यातायात में सुधार, मादक द्रव्यों के कारोबार पर नियंत्रण, सांप्रदायिक व सामुदायिक तनाव की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए उठाए गए कदम शामिल हैं।
इसके अलावा नक्सलवाद के प्रसार पर रोक लगाने, साइबर क्राइम और उस पर नियंत्रण के लिए किए गए प्रयास, सामुदायिक पुलिसिंग, पुलिसिंग में किए गए नवाचार, जिला सुरक्षा योजना और नाकेबंदी की योजना, किरायेदारों-होटलों में संदिग्धों की चैकिंग, कानून व्यवस्था पर प्रभावी नियंत्रण के लिए किए गए उपाय, सोशल मीडिया, मीडिया तथा फेसबुक आदि पर जिला पुलिस का इन्वाल्वमेंट, चिटफण्ड घोटाले के पीड़ितों को राहत, आदिवासियों की रिहाई, आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास नीति पर की गई कार्रवाई, रिक्त पदों के विरुद्ध भर्ती-पदोन्नति और फायर सर्विसेज में सुधार जैसे मुद्दे भी शामिल हैं।
एक लंबे अर्से के बाद सीएम ने यह कांफ्रेंस बुलाई है। कोरोन की पहली-दूसरी लहर के कारण बीते दो सालों में यह नहीं हो पाई थी। हालांकि सीएम वर्चुअली ऐसी बैठकें समय-समय पर करते रहे हैं।