Thursday, May 2, 2024
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ऑनलाइन फ्रॉड: फर्जी विज्ञापन के चक्कर में फंसा बिलासपुर का व्यवसायी, हल्दीराम कंपनी का डिस्ट्रीब्यूटर बनने के चक्कर में गवाएं 2.65 लाख रुपए..

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक व्यापारी को हल्दीराम कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटर शिप देने के नाम पर 2.65 लाख रुपए ठग लिए गए। - Dainik Bhaskar

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में एक व्यापारी को हल्दीराम कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटर शिप देने के नाम पर 2.65 लाख रुपए ठग लिए गए।

  • तारबहार क्षेत्र का मामला, मोबाइल पर सर्च करने के दौरान देखा था विज्ञापन
  • Email से ठगों ने दस्तावेज मांगे, एप्रूवल लेटर भी भेजा, किस्तों में ले लिए रुपए

बिलासपुर/छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हल्दीराम कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटर शिप लेने की चक्कर में व्यवसायी से 2.65 लाख रुपए की ठगी हो गई। ठगों ने कंपनी के फर्जी लेटरहेड, साइन का भी इस्तेमाल किया। बिना फिजिकल वैरिफिकेशन जब प्रोडक्ट के लिए 50% राशि 4 लाख रुपए मांगे तो व्यवसायी को शक हुआ। वह बैंक पहुंचा तो पता चला कि खाता कंपनी का नहीं, बल्कि किसी व्यक्ति का है। मामला तारबहार थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के मुताबिक, विनोबा नगर निवासी राजेश अग्रवाल व्यापार विहार में दुकान संचालित करते हैं। उन्होंने 17 मार्च को मोबाइल पर सर्चिंग के दौरान नागपुर स्थित नमकीन कंपनी हल्दीराम का विज्ञापन देखा। उसमें बिलासपुर क्षेत्र में प्रोडक्ट डिस्ट्रीब्यूटर की आवश्यकता थी। यह देखकर उन्होंने उसमें दिए मोबाइल नंबरों पर संपर्क किया। कॉल रिसीव करने वाले ने खुद का नाम संजय शर्मा और रोहित अग्रवाल बताया।

जानकारी लेने के बाद राजेश अग्रवाल ने डिस्ट्रीब्यूटर शिप की इच्छा जताई। आरोपियों ने Email पर उन्हें एक फॉर्म भेजा और रजिस्ट्रेशन के लिए 25600 रुपए मांगे। इस पर राजेश ने उनके बताए PNB नागपुर के खाते में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद 18 मार्च को कंपनी के डायरेक्टर राजेंद्र कुमार अग्रवाल और शिव किशन के साइन किया हुआ एक कंफरमेशन लेटर उनको मिला। फिर अगले ही दिन बिलिंग के नाम पर 65 हजार रुपए का इनवाइस भेजा गया।

फिजिकल वैरीफिकेशन नहीं होने पर राजेश को हुआ संदेह
इस राशि को तीन दिन में भुगतान करने की बात कही गई। जिस पर राजेश ने RTGS से खाते में रुपए भेज दिए। फिर सिक्योरिटी मनी के तौर पर उनसे 1.75 लाख रुपए का भुगतान करने को कहा गया। राजेश ने उस राशि का भी भुगतान कर दिया। इसके बाद बताया गया कि 8 लाख रुपए के उत्पाद भेजे जाएंगे। इसके लिए 50% 4 लाख रुपए जमा करने होंगे। आवेदन पत्र में उल्लेखित विवरण का फिजिकल वैरिफिकेशन नहीं होने पर राजेश को संदेह हुआ।

कंपनी के सभी फर्जी डॉक्यूमेंट और मोनो का किया गया इस्तेमाल
इस पर वह अपने बैंक पहुंचे और जानकारी मांगी। इस पर उन्हें बैंक से बताया गया कि जिस खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए हैं वह हल्दीराम फ्रूट के नाम से नहीं है। वह किसी पर्सनल व्यक्ति का खाता है और अब उसमें 800 रुपए ही बचे हैं। राजेश ने पुलिस को बताया कि हल्दीराम नागपुर का नाम, मोनो पता, ई-मेल पता, प्राधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर, GST और PAN नंबर का इस्तेमाल कर उनके साथ धोखाधड़ी की गई है।

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