Friday, May 17, 2024
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कोरोना के बढ़ते मामले के बीच सामने आई बड़ी लापरवाही, आप ना करे ये गलती…

रायपुर। राजधानी में कोरोना संक्रमण की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है, लेकिन लोग होम आइसोलेशन को लेकर लापरवाही करते नजर आ रहे है. होम आइसोलेशन में सिर्फ ए सिम्टमेटिक मरीजों को रखा जाता है लेकिन कोरोना लक्षण वाले मरीज भी घर पर रहने लगे है और डॉक्टरों से जानकारी छिपाने लगे है. कुछ मरीज होम आइसोलेशन की देखरेख में जुटे डॉक्टरों से बदसलूकी करते हुए भी नजर आते है.

होम आइसोलेशन में कुछ ऐसी शिकायते भी सामने आ रही है कि मरीज एक ही समय में 3 डॉक्टरों से इलाज लेने लगे है, इससे मरीज की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ सकती है. मरीजों की लापरवाही को देखते हुए अब होम आइसोलेशन वाले मरीजों पर भी एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है.

लापरवाही के चलते बड़ा आया दूसरा स्ट्रेन

होम आइसोलेशन की असिस्टेंट नोडल अधिकारी डॉ अंजली शर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोविड के केस कम हो गए थे. लोगों की लापरवाही की वजह से कोरोना का दूसरा स्ट्रेन तेजी से बढ़ रहा है. सरकार व प्रशासन की कड़ाई के बाद भी लोग घर से बेवजह निकलने लगे है.

लक्षण दिखने पर तत्काल दिखाए डॉक्टर को

होम आइसोलेशन सिर्फ ए सिम्टमेटीक मरीजों के लिए है, जिन्हें किसी तरह के लक्षण नहीं है. लेकिन यदि आपको सर्दी खांसी या बुखार है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि सही समय पर आपका इलाज हो सके.

खुद डॉक्टर ना बने

अंजली शर्मा ने कहा कि लोग अब फिर से पेंडेमिक होकर एम्स पर ही भरोसा करने लगे है, लेकिन हम लक्षणों के आधार पर लोगों को अस्पताल भेजते है.  कुछ मरीज खुद को डॉक्टर समझ बैठते है और खुद का इलाज करने लग जाते है. वहीं कुछ मरीज दो तीन डॉक्टरों से इलाज लेने लगे है. मरीज को चाहिए कि उन्हें जिस डॉक्टर की देखरेख में रखा गया है. वो उन्हीं की निगरानी में रहें और 4 बार पैरामीटर शेयर करें.

मरीजों से अपील है कि वे कोरोना पॉजिटिव होने के बाद 17 दिन तक बाहर ना निकले ,प्रशासन की गाइडलाइन का पालन करें. डॉक्टर का नाम इलाज तुंहर द्वार के एप पर होता है. आप एप के माध्यम से भी जानकारी ले सकते है.

नहीं मानने पर होगी एफआईआर

मरीज डॉक्टर से बद्तमीजी करने लगे है. सारे अफसर अपने काम के साथ कोविड मरीजों की देखरेख भी कर रहे है. लेकिन अब होम आइसोलेशन के मरीज बात नहीं मानते तो उन पर एफआईआर दर्ज करने के साथ ही कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी, क्योंकि एक मरीज कई लोगों को संक्रमित कर सकता है.

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