Monday, May 20, 2024
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कोरबा ब्रेकिंग: बस संचालकों ने आपदा को बनाया अवसर; बसों में ठूंस-ठूंस कर भरे जा रहे यात्री, सोशल डिस्टेंसिंग की भी उड़ाई धज्जियां..वसूल रहें 2 से 3 गुना ज्यादा किराया..

कोरबा। कोरोना संक्रमण का खतरा सिर चढ़कर नाच रहा है. बावजूद इसके लोग सतर्कता बरतने पर कोताही कर रहे हैं. बस संचालकों की बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. कोरोना काल में लोगों के जेबें खाली हो गए हैं. ऐसे में बस संचालक आपदा को अवसर बना रहे हैं. बस में मजदूरों और यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भर रहे हैं. रेलवे स्टेशन से यात्रियों को ले जा रहे हैं. सभी से मनमानी रकम वसूल रहे हैं.

दरअसल, कोरबा रेलवे स्टेशन से यात्री शहर के बस स्टैंड पहुंच रहे हैं. बस संचालक यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए कस कर किराया ले रहे हैं. इतना ही नहीं कोरोना काल में सोशल डिस्टेंसिंग का भी मजाक उड़ा रहे हैं. बसों में यात्रियों को ठूंस-ठूंस कर भरा जा रहा है. कोविड-19 के नियम का पालन करने के नाम पर उनसे डबल किराया वसूला जा रहा है. यात्रियों को कोरोना के खतरे के साए में मंजिल तक पहुंचाया जा रहा है.

कोरबा में देर शाम को बस स्टैंड से 30 के परमिट वाले बस में 80 यात्रियों को भरकर गढ़वा झारखंड ले जाया जा रहा था. इसी बीच दर्री पुलिस ने कोविड निमय के खिलाफ बस संचालकों पर कार्रवाई की है. जिले में प्रवासी मजदूरों के लिए केवल दो ही बसें संचालित हैं. ऐसे में मजदूर भी संक्रमण के दायरे में सफर करने को मजबूर हैं.

सुविधायुक्त सफर का सब्जबाग दिखाकर लूट

प्रवासी यात्रियों से अधिक किराया में सुविधायुक्त सफर का सब्जबाग दिखाकर लूटा जा रहा है. जिले में प्रतिदिन छत्तीसगढ़ और लिंक एक्सप्रेस आने वाले उत्तराखंड, बिहार और उत्तर प्रदेश के मजदूर और यात्रियों को लूटा जा रहा है. मजदूर कोरबा से गढ़वा झारखंड चलने वाली बस में सफर कर अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं. लॉकडाउन लगने के बाद बसों का आवागमन बंद हो गया है. अब मौके का फायदा उठाते हुए बस संचालकों ने प्रवासियों को उनके मंजिल तक पहुंचाने की अनुमति ले रखी है.

प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर सफर खतरनाक सफर

कोरबा जिला प्रशासन ने कोविड नियम का पालन करने की शर्त पर स्वीकृति दे दी है. इधर प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर यात्री बसों में क्षमता से अधिक भर कर ले जाया जा रहा है. यही नहीं उनसे सामान्य के बजाय दोगुना किराया भी वसूल किया जा रहा है. हैरत की बात तो यह है कि जिले के चौक चौराहों में कोविड निमय की अवहेलना करने और कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा रही है, लेकिन बस स्टैंड में नियम विरूद्ध यात्रा कराए जाने के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.

1500 से 2 हजार तक की लूट !

बसों का संचालन लॉकडाउन की शुरूआत के साथ 12 अप्रैल से हो रहा है. शुरुआती दौर में मजूदरों से डेढ़ गुना किराया लिया जा रहा था. भीड़ को देखते हुए किराया दोगुना कर दिया गया. कोरबा से गढ़वा का किराया 700 है, लेकिन एक व्यक्ति से 1500 से 2 हजार तक लिया जा रहा है. किराया अधिक होने के कारण कई मजदूर पैदल ही रवाना हो रहे हैं. परिवार के साथ आने वालों को समस्या हो रही है. महिला और छोटे-छोटे बच्चों के साथ बसों में क्षमता से अधिक सवारी भरी जा रही है.

सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर कार्रवाई

नगर निगम दर्री जोन के प्रभारी शशांक दुबे ने बताया कि सुबह जब बसों की जांच की जा रही थी. इस दौरान कोरबा से झारखंड जाने वाली बस में क्षमता से अधिक यात्री भरे हुए थे. सभी यात्री मास्क लगाए हुए थे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग नहीं था. अब चालानी कार्रवाई की गई है.

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