- सीतामढ़ी में रेत घाट के निकट ही दे दी भंडारण की अनुमति, उठाव के बहाने चोरी
कोरबा (BCC NEWS 24)। रेत का अवैध खनन करने वालों पर खनिज विभाग की लगाम नहीं कस पा रही है। प्रतिबंध अवधि में भी ढेंगुरनाला सहित दर्जनों नदी-नाला से रेत खोदकर निकाली और परिवहन की जा रही है तो दूसरी तरफ संज्ञान में लाने के बाद भी त्वरित कार्रवाई की बजाय बचने का मौका देने के लिए नोटिस का खेल खेला जा रहा है। कम समय अवधि में आवश्यक जानकारी प्रदाय करने संबंधी नोटिस को जारी हुए लंबा समय बीतने के बाद भी खनिज अधिनियम के तहत कार्रवाई न कर अवसर पर अवसर दिए जा रहे हैं। हमने पिछले दिनों सीतामढ़ी स्थित रेत घाट का मामला प्रमुखता से सामने लाया, जहां नियमों के विपरीत जाकर व एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए संबंधित अधिकारियों ने रेत घाट के निकट ही, कहें तो एक तरह से रेत घाट में ही भंडारण की अनुमति दे दी। रेत खनन की प्राप्त अनुमति मात्रा से कई गुना ज्यादा रेत का यहां भंडारण नजर आया क्योंकि यहां ठेकेदार द्वारा परिवहन के लिए लाए जाने वाले ट्रैक्टरों में भंडारण की रेत नहीं बल्कि सीधे नदी से मशीन के जरिए खनन कर रेत लदवाई जा रही थी।
यही वजह है कि रेत का भंडारण कम नहीं हुआ बल्कि नदी गहरी हो गई। अपने ज्यादा कमाने के लालच में ठेकेदार व उसके कर्मचारियों ने कब्र के नीचे मौजूद मुर्दों को भी नहीं छोड़ा और कब्र को भी दफन कर दिया। कई कब्र रेत के नीचे दबा दिए गए। इसे सीतामढ़ी रेत घाट के निकट सहज ही देखा जा सकता है कि रेत की खुदाई कब्रों तक पहुंच चुकी है। ठेकेदार ने एक ओर अवैध काम के लिए मरघट और कब्र तक को नहीं छोड़ा तो दूसरी ओर खनिज अधिकारी नोटिस-नोटिस खेल रहे हैं। त्वरित निरीक्षण और कार्रवाई के स्थान पर एक खनिज निरीक्षक को आदेश किया गया। खनिज निरीक्षक उत्तम खुंटे ने लगभग 3 दिन जिले से बाहर रहने की जानकारी दी और इस तरह 3 दिन तक तो कोई कार्रवाई और सत्यापन नहीं हुआ। इधर खनिज अधिकारी एसएस नाग ने भी कहा कि नोटिस दी गई है, तो क्या ठेकेदार को महीने भर की नोटिस जारी की गई है और यदि नहीं तो उस पर विधि सम्मत कार्रवाई करने में हाथ क्यों कांप रहे हैं। बताया तो यह भी जा रहा है की ठेकेदार को एक महीने का समय दे दिया गया है। इसे लेकर शहर में कई तरह की चर्चा भी है। कब्र के पास खुदाई के संबद्ध में विभाग अब फिर सीमांकन और नोटिस की बात कह रहा है।माना जा रहा था कि नवपदस्थ कलेक्टर श्रीमती रानू साहू इस तरह से रेत के अवैध खनन, भंडारण, परिवहन पर कड़ाई से अंकुश लगाएंगी, लेकिन खनिज अधिकारी, खनिज निरीक्षकों एवं ठेकेदारों की कार्यशैली को देखकर लगता है कि इन्हें न कानून का भय है न कलेक्टर की सख्ती से डरते हैं।