Sunday, September 22, 2024




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चक्रीय चक्रवात का असर: भीग रहा 425 करोड़ रुपए का धान, केंद्रों में परिवहन के लिए टीओ नहीं कटा…

कवर्धा. लालपुर कला समिति में बारिश से जलभराव की स्थिति, भीग रहे धान। यहां पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए गए हैं।

  • जिले में बीते 24 घंटे में 11.62 मिमी औसत बारिश, धान खरीदी केंद्रों में जलजमाव की स्थिति

कवर्धा/महाराष्ट्र के ऊपर बने चक्रीय चक्रवात के असर से कबीरधाम जिले में तेज बारिश हुई है । बीते 24 घंटे में 11.62 मिमी औसत बारिश हुई है। इससे केंद्रों में जलजमाव की स्थिति है। कई केंद्रों में खरीदे गए धान के परिवहन के लिए टीओ (ट्रांसपोर्टिंग ऑर्डर) नहीं कटा है।

उठाव न होने से बारिश से केंद्रों में रखा 425 करोड़ रुपए का धान भीग रहा है। खरीफ विपणन वर्ष 2020- 21 में जिले के 94 केंद्रों के जरिए 39.34 लाख क्विंटल धान खरीदे गए हैं। इनमें से 12.93 लाख क्विंटल धान कस्टम मिलिंग के मिलर्स ने और 8.65 लाख क्विंटल धान संग्रहण केंद्र में भंडारण के लिए उठाव हुआ है।

शेष 17.76 लाख क्विंटल केंद्रों में खुले में पड़े हुए हैं। पिछले 2 दिन से हो रही बारिश के कारण ये करोड़ों के धान भीग रहे हैं। इसे लेकर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अफसर जिम्मेदार हैं। डीएमओ शोभना तिवारी का कहना है कि खरीदे गए धान की सुरक्षा सहकारी बैंक की है। इधर लगातार बारिश और बदली छाए रहने के कारण परेशानी बढ़ती जा रही है।

खरीदे गए धान की सुरक्षा के लिए 3 करोड़ रुपए दिए, इसके बाद भी नहीं बचा पाए
जिला विपणन विभाग ने धान के सुरक्षित भंडारण के लिए सभी 94 समितियों को 3.06 करोड़ रुपए दिए हैं। बीते सीजन खरीदे गए धान के आधार पर प्रति क्विंटल 2 रुपए की दर से समितियों को 68 लाख रुपए मिले थे। इस राशि से खरीदे गए धान को बारिश से बचाने तिरपाल व अन्य सुरक्षा उपायों पर खर्च करना था। ताकि केंद्रों में खरीदे गए धान की बर्बादी न हों। इसके अलावा 2.38 रुपए ड्रेनेज (बारिश के पानी निकासी के लिए नाली) बनाने, बिजली व्यवस्था व अन्य खर्च के लिए दिया था। इसके बावजूद समितियां धान को भीगने से नहीं बचा पाए। स्थिति यह है कि खरीदी केंद्रों में कहीं-कहीं पर तो बारिश का पानी भर गया है। धान को बचाने के जतन नाकाफी हो रहे हैं। धान को नुकसान हो रहा है।

इन 3 केस से समझिए, केंद्रों में बदइंतजामी को
केस 1. 
केंद्र में धान रखने सिर्फ 3 चबूतरे, दो खाली, 29 क्विंटल धान भूसे की बोरी पर रखे : लालपुर कला समिति में इस साल 54 हजार क्विंटल धान खरीदी गई है । यहां अब तक 25 हजार क्विंटल धान उठाव हुआ है, शेष 29 हजार क्विंटल धान जमीन पर भूसे की बोरियों पर रखे गए हैं। धान रखने यहां सिर्फ 3 चबूतरे बने हैं। इनमें से दो चबूतरे खाली हैं। स्टेक के पास बारिश का पानी भरा हुआ है। बोरे पूरी तरह से ढंके नहीं है।

केस 2. तिरपाल को उठाया, तो नदी की तरह बहा पानी : पंडरिया ब्लाक के करपी कला केंद्र में सबसे ज्यादा धान भीग गया है। यहां खरीदे गए धान को ढंकने के लिए तिरपाल उपयोग में लाया गया था। बारिश का पानी तिरपाल में जमा हो गया था। बुधवार को बारिश थमने के बाद जब समिति के कर्मचारियों ने तिरपाल उठाया तो उससे पानी बहता नजर आया। यहां भी बारिश के कारण 4 हजार से अधिक धान के बोरे भीगने का अनुमान है।

केस 3. कुकदूर में 35 हजार क्विंटल धान खुले में पड़ा, बारिश से कीचड़ : कुकदूर समिति में खरीदे गए धान बारिश के कारण भीग गए हैं। समिति प्रबंधक रोहित डड़सेना ने बताया कि केंद्र में 48 हजार क्विंटल धान की खरीदी हुई है। पिछले 2 महीने में सिर्फ 15 हजार क्विंटल धान का उठाव हुआ है। शेष 35 हजार क्विंटल धान खुले में है। धान को तिरपाल से ढंके हैं, यहां 3 हजार धान के बोरे भीगने का अनुमान है।

4 सिस्टम सक्रिय, बंगाल की खाड़ी से वातावरण में नमी
रायपुर के मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा बताते हैं कि वर्तमान में मप्र के ऊपर से उत्तरी और नीचे की तरफ से आ रही दक्षिणी हवाओं के बीच टकराव हो रहा है । इस सिस्टम के कारण बंगाल की खाड़ी से नमी मिल रही है । इसके अलावा पूर्वी राजस्थान पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसी तरह विदर्भ पर भी एक ऊपरी हवा के चक्रवात बना हुआ है। इसके अतिरिक्त कोंकण से विदर्भ तक एक टर्फ भी बना हुआ है। इस तरह चार सिस्टम के सक्रिय होने के कारण बंगाल की खाड़ी से वातावरण में आ रही नमी के कारण बारिश हो रही है । गुरुवार से सिस्टम कमजोर पड़ने लगेगा।

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