Sunday, April 28, 2024
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छत्तीसगढ़: तिल्दा-सुहेला क्षेत्र में सूखे का खतरा; मात्र 48 फीसदी भरे होने के बाद भी कुम्हारी जलाशय से छोड़ा गया पानी, मुख्यमंत्री से मिले थे किसान….

खंड वर्षा की वजह से छत्तीसगढ़ के मैदानी इलाकों में खेती के लिए नहरों से पानी छोड़ने का दबाव बढ़ता जा रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर आज बलौदा बाजार-भाटापारा के कुम्हारी जलाशय से भी पानी छोड़ दिया गया। पानी नहीं होने की वजह से तिल्दा-सुहेला क्षेत्र के गांवों में सूखे का खतरा मंडराने लगा था।

स्थानीय नेताओं की मांग पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को कुम्हारी जलाशय से पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा है कि किसानों को सिंचाई के लिए आवश्यक पानी उपलब्ध हो, उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसके बाद जलाशय से नहरों में पानी छोड़ दिया गया। हालांकि कुम्हारी जलाशय में जलभराव बहुत कम हुआ है। जल संसाधन विभाग के मुताबिक मंगलवार को जलाशय में केवल 48 प्रतिशत ही पानी था। बंजारी नाले पर बना हुआ यह पुराना जलाशय सिंचाई के लिए ही बनाया गया है। जलग्रहण क्षेत्र में कम बरसात होने की वजह से इसमें बहुत कम पानी है। इसकी वजह से नहरों के लिए पानी नहीं छोड़ा जा सका था। दो साल पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस जलाशय की सिंचाई क्षमता को बढ़ाने के लिए महानदी का पानी भरने की घोषणा की थी। तय हुआ था, समाेदा जलाशय से से आ रहे अडानी ग्रुप की पाइपलाइन से मुरा के पास एक जंक्शन बनाकर कुम्हारी तक पानी लाया जाएगा। लेकिन अडानी पॉवर की पाइपलाइन में कुछ तकनीकी दिक्कतों की वजह से अभी तक योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है।

कुम्हारी जलाशय के कमांड क्षेत्र में खेतों की ऐसी हालत हो गई है। कुछ दिनों तक पानी का संकट बना रहा तो धान की फसल को बचाना असंभव हो जाएगा।

कुम्हारी जलाशय के कमांड क्षेत्र में खेतों की ऐसी हालत हो गई है। कुछ दिनों तक पानी का संकट बना रहा तो धान की फसल को बचाना असंभव हो जाएगा।

पानी के लिए आंदोलन तैयार कर रहे संगठन

सुहेला क्षेत्र में पानी के लिए हाहाकार मचा है। किसान संगठन आंदोलन की तैयारी में हैं। भारतीय किसान संघ के प्रचार प्रमुख नवीन शेष, जिला संयोजक दिनेश्वृर वर्मा, किसान संघर्ष समिति के नंदू वर्मा, रिकेश साहू, थनवार वर्मा,जीवन जायसवाल, प्रीतम साहू ,सुखनंदन नायक ने कहा कि पिछले दिनों सरकार द्वारा सुहेला से आगे 15 गांव तक नहर विस्तार के लिए सर्वे कराया है। कुम्हारी बांध मे वर्तमान स्थिति में बहेराडीह, सरारीडीह, टोंहड़ा, परसदा, तुलसी, सरफोंगा जैसे 5 से 7 गांवों तक ही सही ढंग से पानी नहीं मिल पा रहा है, तो फिर सर्वे किए गए गांव में कैसे पहुंच सकेगा। किसान संगठनों ने आज शिकारी, केसली, नवापारा, लोहारी, भोथीडीह जैसे गांव में पहुंचकर किसानों से पानी के लिए आंदोलन हेतु तैयार रहने को कहा है।

कमांड क्षेत्र में पानी की जरूरत बढ़ चुकी है

इधर कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया, जब कुम्हारी जलाशय बना था तो कमांड क्षेत्र के गांवों में बहुत क्षेत्रफल में फसल लगाई जाती थी। समय के साथ बहुत सा क्षेत्र खेतों में बदला। खेत भी धनहा बनते चले गए। इसकी वजह से क्षेत्र में पानी की मांग भी बढ़ गई है। अभी भी कमांड के सबसे निचले हिस्सों में पानी पहुंचाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसका एक ही उपाय है कि जलाशय को पूरा भरा जाए। समोदा से महानदी का पानी लाकर इसे भरने की योजना है।

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