बिलासपुर के चकरभाटा में पहले एक छोटी हवाई पट्टी थी, इसे ऑपरेशनल हवाई अड्डा बनाने की कवायद चल रही है।
- पिछले तीन वर्ष से चल रही है कवायद हवाई सेवा की कवायद
- बिलासपुर उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई का भी असर
रायपुर/ बिलासपुर की चकरभाठा हवाई पट्टी को ऑपरेशनल हवाई अड्डे में बदलने के रास्ते की एक और रुकावट दूर करने की वास्तविक कोशिश शुरू हो गई है। छत्तीसगढ़ सरकार नेे नागरिक उड्डयन के महानिदेशक से बिलासपुर हवाई अड्डे के लिए 3-C VFR Public Use का लाइसेंस मांगा है। सरकार की सक्रियता को उच्च न्यायालय में चल रही सुनवाई का असर भी बताया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ विमानन संचालनालय की ओर से बिलासपुर हवाई अड्डे के निदेशक एन. बीरेन सिंह बुधवार को DGCA के निदेशक, ऑपरेशन (Aero Standards) को औपचारिक आवेदन भेजा। आवेदन के साथ हवाई अड्डे को अपग्रेड करने के लिए कराए गए काम की जानकारी दी गई है।
हवाई अड्डा संचालक की ओर से भेजे गए पत्र में बिलासपुर उच्च न्यायालय का भी हवाला है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश की अदालत में बिलासपुर से हवाई सेवा शुरू कराने के मामले में दो याचिकाएं लंबित हैं। पिछली बार सरकार ने 15 अगस्त तक सेवा शुरू होने की बात कही थी। उसके बाद याचिका को डिस्पोज कर दिया गया। याचिकाकर्ताओं ने अदालत को सेवा शुरू नहीं होने की जानकारी दी है। ऐसे में सुनवाई एक बार फिर शुरू हुई है।
औपचारिकता पूरी करने के बाद डीजीसीए को यह औपचारिक पत्र भेजा गया है।
बिलासपुर हवाई अड्डे को 3-C VFR Public Use लाइसेंस मिलने के बाद ही अंतरराज्यीय उड़ानों का रास्ता खुलेगा। ऐसा होने पर एटीआर सिरीज और छोटे जेट विमान वहां उतर सकेंगे। बिलासपुर को हवाई सेवा से जोड़ने की कवायद पिछले तीन वर्ष से चल रही है। सरकार ने हवाई अड्डे के विकास के लिए पिछले साल ही 27 करोड़ का बजट आवंटित किया। हवाई पट्टी, ATC टॉवर आदि को उन्नत किया गया।
बिलासपुर में 10 महीनों से चल रहा है धरना
बिलासपुर में एयर कनेक्टिविटी के लिए हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति नाम से बना एक नागरिक संगठन पिछले 10 महीनों से वहां धरना दे रहा है। इन लोगों की मांग है कि बिलासपुर को महानगरों से जोड़ने वाली हवाई सेवा शुरू की जाए। इसकी वजह से कांग्रेस के स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भी दबाव है।
कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की मंशा के अनुरूप अब जगदलपुर के बाद बहुत जल्द बिलासपुर हवाई अड्डे से भी नियमित वायु सेवा का संचालन प्रारंभ हो जाएगा। उन्होंने कहा, राज्य सरकार ने एयरपोर्ट के संचालन की सभी आवश्यक सुविधाएं जुटा ली हैं। अब -C लाइसेंस के लिए पत्र भी लिख दिया है।
क्या होती है यह हवाई अड्डों की 3-C कैटगरी
यह हवाई सेवा की कैटेगरी है। यह हवाई पट्टी की लंबाई, चौड़ाई और वहां मौजूद सुविधाओं के आधार पर तय हाेती है। कैटेगरी 3-C के हवाई अड्डे से देश के किसी भी शहर के लिए उड़ान सेवा हो सकती है। मतलब देश के दूसरे शहरों से यहां विमान आ-जा सकेंगे। बिलासपुर हवाई अड्डे के पास मौजूद कैटेगरी 2-C लाइसेंस से केवल राज्य की सीमा के भीतर एयर कनेक्टिविटी दी जा सकती है।