Monday, May 6, 2024
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छत्तीसगढ़- कोविड इफेक्ट: नई फिल्में हैं नहीं, पुरानी से खर्चा निकल नहीं सकता, अनलॉक के 6 दिन बाद भी मल्टीप्लेक्स-टॉकीजें लॉक

रायपुर: राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या कम होने के साथ ही कलेक्टर ने पिछले महीने यानी 29 जून से ही रायपुर के मल्टीप्लेक्स और टॉकिजें अनलॉक कर दी थीं, लेकिन 6 दिन बाद भी ये बंद ही है। टॉकीज संचालकों का कहना है कि नई फिल्म रिलीज नहीं की गई और पुरानी फिल्मों के भरोसे टॉकीज का खर्चा नहीं निकाला जा सकता है। इसलिए अभी सबने एक साथ मिलकर फैसला किया फिलहाल टॉकीज का संचालन बंद रखा जाएगा। रायपुर में फिलहाल तीन बड़े सिंगल स्क्रीन टॉकीज है। इसमें राज, श्याम और प्रभात सिनेमाघर मुख्य है।

यह तीनों टॉकीज बंद है। इसके अलावा शहर के सभी बड़े शॉपिंग मॉल जैसे सिटी सेंटर, मैग्नेटो, कलर्स, सिटी 36 और अंबुजा मॉल में भी मल्टीप्लेक्स बंद हैं। इन सभी जगहों पर नई फिल्म का इंतजार किया जा रहा है। संचालकों का कहना है कि प्रशासन के नियमों के अनुसार एक समय में केवल 5 फीसदी लोग ही टॉकीज या मल्टीप्लेक्स में उपस्थित हो सकते हैं। इसलिए पुरानी फिल्मों को लगाकर रिस्क नहीं लिया जा सकता है। इससे टॉकीज या मल्टीप्लेक्स का खर्चा भी नहीं निकलेगा।

मॉल में वीकेंड में ही भीड़: इधर दूसरी ओर शॉपिंग मॉल में भी लोगों की भीड़ अभी नहीं जुट रही है। केवल वीकएंड यानी शनिवार-रविवार को ही लोग दिखाई दे रहे हैं। शॉपिंग मॉल में जो दुकानें खुली हैं उनका कारोबार दूसरे बाजारों की तरह अभी तक सामान्य नहीं हुआ है। शॉपिंग मॉल में अधिकतर ब्रांडेड कंपनियों की दुकानें ही होती हैं।

कोरोना की वजह से लोग ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा कर रहे हैं। इसलिए इन दुकानों की ग्राहकी पूरी तरह से नहीं लौट पाई है। हालांकि शॉपिंग मॉल के फूड सेंटरों में लोग जरूर दिखाई दे रहे हैं। शहर के छोटे-बड़े होटलों की भी रौनक लौट आई है। इन जगहों पर लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है।

इस माह भी खुलना मुश्किल
सिंगल स्क्रीन के प्रबंधकों का कहना है कि जुलाई में टॉकीज और मल्टीप्लेक्स का खुलना मुश्किल लग रहा है। अगस्त में कई बड़े बजट की फिल्में रिलीज होने वाली है। इसलिए संचालक अभी और इंतजार करने के मूड में हैं। 9 अप्रैल से 28 जून तक सभी टॉकीज और मल्टीप्लेक्स करीब तीन महीने तक बंद रहे। इससे सिनेमा के कारोबार को काफी नुकसान हुआ है। मल्टीप्लेक्स या टॉकीज भले ही बंद है, लेकिन बिजली, मेंटनेंस, सैलरी समेत की खर्चे अभी भी जारी है।

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