Sunday, May 5, 2024
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भारत बंद का मिलाजुला असर: रायपुर में गोल बाजार, मालवीय रोड की दुकानें बंद दिखीं; बिलासपुर के ज्यादातर हिस्सों में खुला रहा बाजार…

  • दुकानों के बाहर खड़े रहे व्यापारी दोपहर बाद इन्हें खोलने की तैयारी
  • कांग्रेस ने इस बंद का दिया है अपना समर्थन, दुकानें बंद करवाते दिखे नेता
  • कनफेडेरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने की है बंद की घोषणा

कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) की तरफ से GST में किए जा रहे कड़े प्रावधानों के विरोध में शुक्रवार को भारत बंद बुलाया गया। रायपुर और बिलासपुर में इसका मिलाजुला असर दिखा। रायपुर के प्रमुख बाजार मालवीय रोड, गोल बाजार, शास्त्री बाजार, पंडरी कपड़ा मार्केट इन इलाकों में बंद का असर नजर आया।

व्यापारियों ने अपनी दुकानें सुबह से ही बंद रखीं। लेकिन रायपुर के बाहरी हिस्सों में बंद का असर नहीं दिखा। संतोषी नगर, टाटीबंध, सुंदरनगर के अंदरूनी हिस्सों में कई दुकानें खुली नजर आईं कैट के इस बंद को प्रदेश कांग्रेस ने समर्थन दिया है। कई जगहों पर कांग्रेस नेता खुद दुकानें बंद करवाते नजर आए।

कुछ चुनिंदा हिस्सों में बंद का असर दिखा। बाकि जगहों पर बाजार अपनी रफ्तार पर ही नजर आया।

कुछ चुनिंदा हिस्सों में बंद का असर दिखा। बाकि जगहों पर बाजार अपनी रफ्तार पर ही नजर आया।

बिलासपुर में भारत बंद का हाल
बिलासपुर शहर में भी बंद का असर बहुत व्यापक नजर नहीं आया। कुछ जगहों पर दुकानें बंद देखने को मिलीं। बिलासपुर शहर में व्यापार विहार इलाके में लगभग सभी दुकानें बंद थी। इस क्षेत्र को छोड़ दें तो बाकी सभी जगहों पर यह बंद बेअसर नजर आया। जीएसटी के प्रावधानों विरोध में लघु एवं सहायक उद्योग संघ, संभागीय चेंबर ऑफ कॉमर्स और व्यापारियों ने इस बंद को समर्थन दिया। व्यापार विहार में दोपहर 12:00 बजे तक दुकानें बंद रखी गईं। नेहरू चौक पर व्यापारियों ने प्रदर्शन किया और कांग्रेसियों ने बिलासपुर में भी इस बंद का समर्थन किया।

रायपुर के बंजारी रोड पर दुकानों के बाहर ही कर्मचारी और व्यापारी बैठकर इन्हें खोलने का इंतजार करते दिखे।

रायपुर के बंजारी रोड पर दुकानों के बाहर ही कर्मचारी और व्यापारी बैठकर इन्हें खोलने का इंतजार करते दिखे।

दुकान के बाहर ही जमे रहे व्यापारी और कर्मचारी
रायपुर शहर के सदर बाजार, बंजारी रोड बाजार, गोल बाजार के कई हिस्सों में दुकानें बंद तो थीं। लेकिन इन दुकानों के बाहर व्यापारी बैठे रहे और उनके कर्मचारी भी इस बात का इंतजार करते रहे कि माहौल जरा शांत हो और उसके बाद शटर खोलकर व्यापार दोबारा शुरू किया जा सके। हालांकि दोपहर तक बाजार में बंद का असर नजर जरूर आया। लेकिन व्यापारी इसी ताक में दिखे कि दोपहर बाद वह अपनी दुकान खोल लेंगे।

तस्वीर रायपुर के रवि भवन के पिछले हिस्से की दुकानों की है। इनके शटर बंद की असल कहानी बयां कर रहे हैं।

तस्वीर रायपुर के रवि भवन के पिछले हिस्से की दुकानों की है। इनके शटर बंद की असल कहानी बयां कर रहे हैं।

चेंबर ऑफ कॉमर्स में नहीं किया समर्थन
सबसे पहले चैंबर संरक्षक श्रीचंद सुंदरानी ने सोशल मीडिया में कमेंट किया कि किसी भी समस्या का हल बंद नहीं है। कुछ व्यापारी नेता अपने स्वार्थ और मतलब के लिए बंद की अपील कर रहे हैं। चेंबर ऑफ कॉमर्स के जिंतेंद्र बरलोटा ने बताया कि 26 फरवरी के भारत बंद के चेंबर ने समर्थन नहीं दिया। कैट के पदाधिकारियों ने बंद के संबंध में काफी देर से चेंबर से संपर्क साधा।

चेंबर ऑफ कॉमर्स की अपनी परंपरा है, यहां कोई भी फैसला अकेले नहीं लिया जाता। हमारे दूसरे संगठनों से बातचीत के बाद ही कुछ तय होता है। चूंकि बेहद शॉर्ट नोटिस में ये नहीं हो पाता इसलिए चेंबर ने इस बंद को समर्थन नहीं दिया है। दूसरी तरफ चर्चा है कि रायपुर के सराफा कारोबारियों ने भी बंद को समर्थन न करने की तैयारी की है।

इस वजह से भारत बंद का किया गया
कैट प्रमुख अमर पारवानी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी में जो नए प्रावधान किये गये हैं उसके तहत अब किसी भी ट्रांसपोर्टर को ई वे बिल के तहत रोजाना 200 किमी ट्रांसपोर्टेशन करना अनिवार्य हो गया है। यदि किसी कारणवश वह ऐसा नहीं कर पाया तो उसका ई वे बिल निरस्त हो जाएगा साथ ही उस पर कर का 200 प्रतिशत पेनाल्टी भी लगाई जाएगी।

फर्जी बिल, गैर-मौजूद विक्रेता, सर्कुलर ट्रेडिंग आदि के कारण कर चोरी के मामलों में, कर अधिकारी को अब बैंक खाते तथा संपत्ति को जब्त करने का अधिकार होगा । छोटी से गलती की बड़ी सजा कारोबारियों को भुगतनी होगी।

परवानी ने बताया कि यदि किसी व्यक्ति का माल विभाग द्वारा जब्त किया जाता है और यदि वो टैक्सेबल माल हैं तो अब 100 प्रतिशत के स्थान पर 200 प्रतिशत जुर्माना देना होगा, अगर आप किसी भी कारण से रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं तो डिपार्टमेंट सेक्शन 73 के अंदर आप को नोटिस दे सकता है , यदि आपने गलती से कोई गलत इनपुट क्रेडिट ले लिया है तो आपका बैंक खाता सीज हो जाएगा, अधिकारी अपने खुद के विवेक के आधार पर किसी का भी सर्वे या ऑडिट कर सकते हैं।

4 साल हो गए हैं पर अभी तक अपीलेट ट्रिब्यूनल गठित नहीं हुआ है जिसकी वजह से हर छोटे केस के लिए व्यापारी को हाई कोर्ट जाना पड़ रहा है। जीएसटी कउंसिल अपने नियमों में अब तक चार साल में 950 के करीब संशोधन कर चुकी है लेकिन बेहद अफसोस है की व्यापारियों को अपनी रिटर्न में संशोधन एक बार भी करने का अधिकार नहीं है।

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