Thursday, May 2, 2024
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भिलाई गैंगवार में निशाने पर ‘पिंकी’: बृजेश राय के लिए काम करता था मुकुल, अब वर्चस्व की लड़ाई में उस पर ही फायरिंग करते CCTV में दिखा; 8 दिनों से तलाश रहीं 7 पुलिस टीमें…

हमला करने वाला मुकुल सोना (लाल घेरे में) खुद कभी पिंकी राय का शागिर्द रह चुका है।

  • मुकुल समेत उसके दो अन्य साथियों की फोटो जारी

भिलाई/ छत्तीसगढ़ के भिलाई में गैंगवार छिड़ चुकी है। पुलिस की जांच और मिले सुराग इसी ओर इशारा करते हैं। वर्चस्व की इस लड़ाई में अब निशाने पर बृजेश राय उर्फ पिंकी है। खास बात यह है कि हमला करने वाला मुकुल सोना खुद कभी पिंकी राय का शागिर्द रह चुका है। एक दिन पहले भी शनिवार देर रात नेवई क्षेत्र में हुई फायरिंग में उसका नाम आया है। पुलिस की 7 टीमें 8 दिन से आरोपियों की तलाश कर रही हैं। अब सोमवार को मुकुल समेत उसके दो अन्य साथियों की फोटो जारी की गई है।

हिस्ट्रीशीटर बृजेश राय पर 5 जुलाई की रात हुई फायरिंग। रात करीब 12 बजे 3 लोगों ने राय की कार पर हमला किया।

हिस्ट्रीशीटर बृजेश राय पर 5 जुलाई की रात हुई फायरिंग। रात करीब 12 बजे 3 लोगों ने राय की कार पर हमला किया।

दरअसल, सारा मामला शुरू हुआ नेवई थाने के हिस्ट्रीशीटर बृजेश राय पर 5 जुलाई की रात हुई फायरिंग से। रिसाली के मरौंदा टैंक के पास रात करीब 12 बजे 3 लोगों ने बृजेश राय की कार पर फायरिंग की। गोलियां कार पर लगी और बृजेश बच गया। पुलिस ने इसे पहले कार का विवाद बताया, लेकिन CCTV फुटेज में मुकुल सोना के दिखने के बाद जांच का रुख बदल गया। पुलिस इससे पहले की आरोपियों तक पहुंच पाती, 10 जुलाई की रात नेवई भाठा में फिर गोलियां चल गईं।

मुकेश पंचर

मुकेश पंचर

अवैध कब्जे और वर्चस्व को लेकर मारपीट व गोलीकांड
जांच में पता चला है कि पिछले 5 वर्षों में रिसाली और उसके आसपास के नेवई, उतई और सेक्टर एरिया की करीब 1200 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा किया गया। इस अवैध कब्जे पर 35 हजार से ज्यादा लोगों को बसा भी दिया गया। इससे आशंका है कि सारा विवाद इसी अवैध कब्जे और वर्चस्व को लेकर हो सकता है। पिंकी राय का नाम इन कब्जों में सुर्खियां बनता रहा है। जांच में यह बाद भी सामने आई है कि मुकुल सोना के साथ मुकेश और नागेंद्र ने पिंकी राय पर फायर किया था। उन्हीं ने दोबारा भी गोलियां चलाईं।

नागेंद्र

नागेंद्र

उज्जैन के हिस्ट्रीशीटर को आदर्श मानता है मुकुल
बदमाश मुकुल सोना भी कभी पिंकी राय के लिए काम करता था। इसके बाद वह अलग हो गया और खुद का गैंग बनाया। मुकुल ने उज्जैन के हिस्ट्रीशीटर दुर्लभ कश्यप को आदर्श मान जुर्म की दुनिया में कदम रखा था। दुर्लभ फेसबुक पर रंगदारी और सुपारी लेता था। उसकी पोस्ट देखकर कई युवा उसके मुरीद हो जाते थे। दुर्लभ के गैंग में नाबालिग सहित 100 से ज्यादा युवा जुड़ गए थे, जो रंगदारी, हफ्ता वसूली, लूटपाट करते थे। हालांकि महज 19 साल की उम्र में सितंबर 2020 को गैंगवार में दुर्लभ मारा गया था।

रायपुर और भिलाई के इलाकों में देखे गए हैं तीनों आरोपी
एडिशनल SP संजय ध्रुव का कहना है कि आरोपी अपने मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। सभी रायपुर, भिलाई, अभनपुर के आसपास के इलाके में घूम रहे हैं। अंतिम बार मुकुल सोना को बाइक से 11 जुलाई की सुबह बोरिया गेट पेट्रोल पंप के पास देखा गया था। हालांकि उसे पकड़ा नहीं जा सका। SP प्रशांत कुमार अग्रवाल का कहना है कि गोलीकांड की सभी एंगल की छानबीन की जा रही है। आरोपियों की धर पकड़ करने के लिए टीमें बनाई गई हैं।

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