नयी दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने चुनावों के मद्देनजर एक अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट का कहना है कि राज्य चुनाव आयुक्तों को स्वतंत्र व्यक्ति होना चाहिए. राज्य सरकार से जुड़े किसी भी व्यक्ति को चुनाव आयुक्त नियुक्त नहीं किया जा सकता. सुप्रीम कोर्ट ने गोवा चुनाव आयोग को 10 दिनों के भीतर पंचायत चुनावों की अधिसूचना जारी करने और 30 अप्रैल तक चुनाव प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने राज्य सचिव को राज्य चुनाव आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार दिए जाने पर राज्य सरकार को फटकार लगाई.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य चुनाव आयुक्त एक स्वतंत्र व्यक्ति होना चाहिए और कोई भी राज्य सरकारी पद पर काम कर रहे व्यक्ति को नियुक्त नहीं कर सकता है.सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला गोवा सरकार के सचिव को राज्य चुनाव आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार देने पर सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि जो व्यक्ति सरकार में कोई कार्यालय संभाल रहा है उसे राज्य चुनाव आयुक्त नियुक्त नहीं किया जा सकता.
सुप्रीम कोर्ट ने गोवा सरकार (Goa Government) पर सवाल उठाया है. जस्टिस आरएफ नरीमन ने कहा कि लोकतंत्र में चुनाव आयोग की स्वतंत्रता से समझौता नहीं किया जा सकता. सत्ता में बैठे एक सरकारी अधिकारी को राज्य चुनाव आयुक्त का अतिरिक्त प्रभार सौंपना संविधान का मखौल उड़ाना है. यह एक परेशान करने वाली तस्वीर है कि एक सरकारी कर्मचारी, जो सरकार के साथ रोजगार में था, गोवा में चुनाव आयोग का प्रभारी है. सरकारी अधिकारी ने पंचायत चुनाव कराने के संबंध में उच्च न्यायालय के फैसले को पलटने का प्रयास किया.