छत्तीसगढ़: दुर्ग जिले में शनिवार को दो आरक्षकों की अलग-अलग घटनाओं में मौत हो गई। आरक्षक पीयूष सिंह बैस का शव जहां बाफना टोल प्लाजा के पास उसके कार में मिला है। वहीं दूसरे आरक्षक अनुज कुमार राय की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हुई है। बताया जा रहा है कि अनुज की मौत कोरोना से हुई है, लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है।
मोहन नगर थाना प्रभारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि उन्हें शनिवार सुबह सूचना मिली थी कि बाफना टोल प्लाजा के पास एक कार खड़ी है। उसके अंदर ड्राइवर सीट में कोई शख्स की लाश पड़ी हुई पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची तो उसकी पहचान IUCW शाखा(विशेष शाखा) में पदस्थ आरक्षक पीयूष सिंह बैस (37 वर्ष) के रूप में हुई है। मोहन नगर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले को जांच में लिया है। पंचनामा की कार्रवाई के बाद शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है।
पीयूष सिंह बैस
कॉल डीटेल से खुले गा मौत का राज
पीयूष की मौत को खुदकुशी बताया जा रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि वह कुछ दिनों से पारिवारिक विवाद के चलते काफी परेशान था। कुछ का कहना है कि वह आदतन शराबी था और अधिक शराब के चलते उसकी मौत हुई है। वहीं पुलिस विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पीयुष का किसी लड़की से अफेयर था। उस लड़की के साथ उसकी फोटो पुलिस विभाग की ही एक महिला अधिकारी ने ले ली थी और वह उसे ब्लैकमेल कर रही थी। इससे पीयुष काफी परेशान था।
ऐसा कहा जा रहा है कि मरने से पहले पीयुष की उस महिला पुलिसकर्मी से कई बार फोन पर बात हुई है। यदि उसकी कॉल डिटेल निकाली जाएगी तो सच्चाई से पर्दा उठ जाएगा। एएसपी संजय ध्रुव का कहना है कि इस संबंध में शिकायत आई है। पीएम रिपोर्ट के बाद मौत का कारण पता चल जाएगा। रही बात ब्लैकमेल करने की तो कॉल डिटेल निकाली जाएगी उससे पता चल जाएगा।
अनुज राय
लंबी बीमारी के बाद अनुज का निधन
वहीं जेवरा सिरसा में पदस्थ सिपाही और सूर्य नगर धमधा निवासी अनुज राय (32 वर्ष) की मौत बीमारी के चलते होना बताया जा रहा है। वह लंबे समय से लीवर की समस्या से जूझ रहा था। उसका इलाज शंकराचार्य जुनवानी अस्पताल में चल रहा था। वहां उसकी कोविड जांच रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। इलाज के दौरान वह कोरोना से ठीक हो गया था, लेकिन लीवर की बीमारी का उपचार जारी था। उपचार के दौरान शनिवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।