महिला आईटीआई छात्रावास के लिए सड्डू में बनाए गए 59 कमरों के भवन में अब दरारें पड़ने लगी हैं। टाइल्स उखड़ रहे हैं और पूरा परिसर उजाड़ हो रहा है। दरअसल ढाई साल पहले बने इस हॉस्टल का इस्तेमाल इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि वार्डन का सैटअप अभी तक मंजूर नहीं हुआ है। दीवारों की दरारों ने निर्माण की भी गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। तुर्रा यह कि निर्माण करने वाले को भुगतान भी किया जा चुका है। सड्डू में लोक निर्माण विभाग विधानसभा संभाग के अंतर्गत यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
रायपुर. महिला आईटीआई छात्रावास के लिए सड्डू में बनाए गए 59 कमरों के भवन में अब दरारें पड़ने लगी हैं। टाइल्स उखड़ रहे हैं और पूरा परिसर उजाड़ हो रहा है। दरअसल ढाई साल पहले बने इस हॉस्टल का इस्तेमाल इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि वार्डन का सैटअप अभी तक मंजूर नहीं हुआ है। दीवारों की दरारों ने निर्माण की भी गुणवत्ता पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। तुर्रा यह कि निर्माण करने वाले को भुगतान भी किया जा चुका है। सड्डू में लोक निर्माण विभाग विधानसभा संभाग के अंतर्गत यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है।
आईटीआई संस्थान प्रबंधन के मुताबिक यह भवन 2017 के पहले निर्माण करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया था। यहां हॉस्टल वार्डन की नियुक्ति नहीं हो पाने के कारण छात्रावास का उपयोग समय पर शुरू नहीं हो सका है। भवन का इस्तेमाल करने शासन को पत्र लिखा गया है। शासन के आदेशानुसार हॉस्टल वार्डन तय होते ही छात्राओं को इस भवन में सुविधा मुहैया कराई जाएगी। प्रिंसिपल डीके साहू ने बताया, निर्माण मेंटेनेंस का :शेष पेज 13 पर-
जिम्मा पीडब्ल्यूडी का है। सुधार के लिए कहा गया है। वार्डन का सेटअप तय होते ही भवन का उपयोग शुरू किया जाएगा। बता दें, आईटीआई कैंपस में बनाए इस भवन में 59 कमरे और अलग से प्रसाधन के कमरे हैं। नीचे बनाए गए गार्डन के हिस्से में फिलहाल कोई निर्माण नहीं हो सका है।
दरारें छिपाने लिपाई-पोताई
59 कमरों की लगभग सभी दीवारों में दरारें पड़ गई हैं। मेंटेनेंस के नाम पर अब इन दीवारों के ऊपर लिपाई-पोताई की जा रही है। दीवारों में लगाए गए टाइल्स पत्थर तक चटककर नीचे गिर गए हैं। बाथरूम की दीवारों के ऊपर सबसे ज्यादा क्रैक्स होने के कारण बड़ी गड़बड़ियां बाहर आई हैं। गुणवत्ताहीन निर्माण के बावजूद ही ठेकेदार को पूरा भुगतान किया जा चुका है।
रात में चोरों का कब्जा
छात्रावास के नए भवन में रात होते ही चोर कब्जा जमाने में लगे हुए हैं। बता दें कि नल और बाथरूम में लगाई गई टोटियां चुराने वारदात को अंजाम दे रहे। ठेकेदार द्वारा मेंटेनेंस के लिए चोरी की गई स्टील की टोटियों की जगह में अब प्लास्टिक टोटियां लगाकर काम चलाया जा रहा है। इस वक्त लोक निर्माण कर्मचारी इस भवन में मेंटेनेंस के लिए पहुंचे हैं।
संभाग अफसरों ने साध ली चुप्पी
भवन निर्माण की लागत और उसके निर्माण की गुणवत्ता के मामले में संभाग अफसर जवाब देने से कतरा रहे हैं। भवन की हालत को लेकर कार्यपालन अभियंता जवाब देने से बच रहे। मामले में सोमवार को फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई। भवन की रिपोर्ट कार्ड के बारे में मैसेज के जरिए भी जानकारी मांगी, लेकिन ईई एनके पांडे ने कोई जवाब नहीं दिया। मुख्य अभियंता ज्ञानेश्वर कश्यप से भी संपर्क साधा गया, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं की।
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