वापी शहर के सेंचुरी हॉस्पिटल का मामला।
कोरोना के कहर के बीच लोग तो परेशान हैं हीं, साथ ही झकझोर देने वाले किस्से भी सामने आ रहे हैं। यह मामला गुजरात के वापी शहर का है, यहां निजी अस्पताल ने बिल न चुकाने पर कोरोना पॉजिटिव मृतक का शव उसके परिजनों को देने से साफ मना कर दिया। परिवार ने जब कहा कि वह पैसे जल्द ही चुका देंगे तो अस्पताल ने उनकी कार यह कहकर जब्त कर ली कि जब बिल चुकाने आना तो कार ले जाना।
मिली जानकारी के अनुसार, वापी जिले से सरीगाम में रहने वाले एक कोरोना मरीज को करीब एक हफ्ते पहले वापी के सेंचुरी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। मरीज की मंगलवार सुबह मौत हो गई थी। लेकिन अस्पताल ने शव लेने से पहले बकाया बिल चुकाने की बात कही। जब मृतक के परिजनों ने कहा कि पैसों का इंतजाम कर रहे हैं, तब तक शव का अंतिम संस्कार कर लेने दे। तब अस्पताल ने उनकी कार गिरवी रख जाने की बात कही।
मृतक के परिजन।
आमतौर पर, अगर कोविड के इलाज के दौरान किसी मरीज की मृत्यु हो जाती है तो कोविड प्रोटोकॉल के तहत खुद अस्पताल को शव अंतिम गृह तक पहुंचाकर उसका अंतिम संस्कार कराना होता है। लेकिन यहां हालात एकदम उलट ही थे।
मामला मीडिया में पहुंचने के बाद जब अस्पताल प्रशासन की किरकिरी होने लगी तो अस्पताल के एमडी क्षय नाडकर्णी ने कहा कि उन्हें कार गिरवी रखने की बात पता नहीं थी। पूरी बात मालूम होते ही उन्होंने स्टाफ को तुरंत कार वापस करने के निर्देश दिए। इसके अलावा कोरोना प्रोटोकॉल के तहत मृतक का शव श्मशान गृह तक भी पहुंचाया।