रायपुर: देव उठनी एकादशी 23 नवंबर यानी कि गुरुवार को होगी। भगवान विष्णु योग निद्रा से बाहर आएंगे और चातुर्मास का समापन हो जाएगा। इसके बाद एक बार शादियों का सिलसिला शुरू होगा। इस साल विवाह के सिर्फ 19 मुहूर्त हैं। ऐसे में शादी कराने वाले पंडितों के भाव बढ़ गए हैं। अभी तक जो पंडित 5 से 10 हजार रुपए लेते थे, वो अब 11 से 35 हजार रुपए का पैकेज दे रहे हैं।
शादी के कम मुहूर्त होने के कारण सभी होटल, धर्मशाला और मांगलिक भवन बुक हो चुके हैं। अकेले रायपुर में ही 3000 से अधिक शादियां होंगी। पंडित प्रिया शरण त्रिपाठी ने बताया एक विवाह में पांच कार्यक्रम होते है। पूजा विधि के लिए दक्षिणा लेने के बजाय अब पूरे विवाह कार्यक्रम का पैकेज बना कर दिया जा रहा है।
शादी के लिए पहले से ही भवन और होटल बुक हो चुके हैं। (डमी फोटो)
पंडित त्रिपाठी के मुताबिक विवाह के दौरान होने वाले कार्यक्रम में मातृका पूजन, मण्डपाच्छादन, द्वाराचार, तिलक, और विवाह यह पांच कार्यक्रमों को मिलाकर 11 हजार से लेकर 35000 तक चार्ज किए जाते हैं। इस बार विवाह मुहूर्त कम है। इस वजह से जो पंडित सीजन में 80 शादी करवाया करते थे। वे अब 25 से 27 शादियां करा पाएंगे। ऐसी स्थिति में पंडितों की दक्षिणा बढ़ी है।
रायपुर में एक पंडित जी के यहां लगा कार्यक्रम का रेट कार्ड।
देवउठनी के दिन विवाह की परम्परा
पंडित मनोज शुक्ला बताया कि छत्तीसगढ़ में देवउठनी एकादशी के दिन भी विवाह होते हैं। यह देव मुहूर्त माना जाता है। इसलिए इस दिन बिना मुहूर्त देखे विवाह करने की परंपरा रही है। जिस तरह से शादी के पहले ही सारी चीज बुकिंग कर ली जाती है। उसी तरह विवाह करवाने के लिए भी पंडितों को लोग पहले से बुक कर लिए हैं।
देवउठनी एकादशी के दिन होती है तुलसी पूजा।
पंडित मनोज शुक्ला के मुताबिक अच्छे विवाह संपन्न करवाने वाले पंडितों की डिमांड ज्यादा है। हर किसी को हर कार्य नहीं आता है। जरूरी नहीं है कि भागवत पढ़ने वाले भगवताचार्य कर्मकांड करें। सभी की अपनी अलग पद्धति होती है। सभी अपने कार्य में प्रावीण्य होते हैं। जिन्हें विवाह करवाने का ज्यादा अनुभव है जो ऐसे पंडितों को पहले से ही पूजा विधि करवाने के लिए यजमान ने बुक कर लिया है।
शहर में 3000 से अधिक शादियां
मुहूर्त को देखते हुए शहर के सभी होटल, धर्मशाला और मांगलिक भवन खाली नहीं है । शहर के छोटे-बड़े मैरिज हॉल होटल लॉन बुक है, जहां 3000 से अधिक शादियां होंगी। शादी के अलावा सगाई, रिसेप्शन, तिलक जैसे कार्यक्रमों को लेकर भी बपंर बुकिंग है।
डेस्टिनेशन वेडिंग की डिमांड ज्यादा
वेडिंग प्लानर नवल तिवारी ने बताया कोरोना संक्रमण के बाद लोगों का डेस्टिनेशन वेडिंग की तरफ क्रेज बहुत बड़ा है। हर कोई चाहते हैं कि लिमिटेड और खास लोगों के साथ बाहर जाकर शादी करें। छत्तीसगढ़ में लोगों की फेवरिट डेस्टिनेशन राजस्थान रॉयल वेडिंग है।
भवनों में शादियों की तैयारियां शुरू हो गई है।
छत्तीसगढ़ के आसपास की अगर बात की जाए तो लोग पुरी, विशाखापट्टनम, कान्हा किसली, जैसे जगहों पर डेस्टिनेशन वेडिंग प्रिफर कर रहे हैं। इसके अलावा गोवा भी लोगों के लिए ऑल टाइम फेवरेट जगह डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए रहती है।
क्लासी डेकोरेशन लोगों की पसंद
डेकोरेशन वेडिंग में सबसे इंपोर्टेंट पार्ट होता है। ऐसे में इस बार डेकोरेशन को लेकर अलग ट्रेंड देखने को मिल रहा है। आज के समय में फंग्शन में लोग हैवी और कोजी डेकोरेशन के बजाय क्लासी और सिम्पल डेकोरेशन पसंद कर रहे है। तड़क-भड़क वाले डेकोरेशन का चलन कम हुआ है।
सिलेक्टेड मेन्यू के साथ कैटरिंग
वेडिंग प्लानर नवल तिवारी ने बताया कि शादियों में होने वाले वेस्टेज से बचने के लिए मेट्रो सिटी से लेकर टायर 2 टायर 3 सिटी में शादी के दौरान लोग सस्टेनेबल रिसायकल और इको फ्रेंडली चीजों को ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
इस सीजन में रायपुर शहर में 3000 हजार से ज्यादा शादियां होंगी।
इसलिए खाने की बर्बादी ज्यादा वेस्टेज ना हो इन बातों का ध्यान रखा जा रहा है। शादी में कैटरिंग एक बहुत इंपॉर्टेंट पार्ट होता है। पहले जिस तरह से शादियों में बहुत सारे मेन्यू हुआ करते थे। लेकिन आज के समय लोग लिमिटेड और सिलेक्टेड आइटम के साथ कैटरिंग कर रहे हैं।
रील और सन सेट फ़ोटोग्राफी लोगों की पसंद
शादी में फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी भी बहुत इंपॉर्टेंट पार्ट होता है ऐसे में समय-समय पर लोगों की पसंद भी बदलते जा रही है। इस बार शादी के दौरान डेस्टिनेशन शूट और सन सेट फोटोग्राफी को लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं। इसी के साथ शादी में प्री वेडिंग और वेडिंग फंक्शन की वीडियो रील्स की डिमांड ज्यादा है।