Saturday, July 12, 2025

CG: अरुण साव को गृह, ओपी को उच्च शिक्षा विभाग संभावित… बृजमोहन को मिल सकता है उद्योग विभाग; साय कैबिनेट में कद के हिसाब से मंत्रालय

रायपुर: छत्तीसगढ़ में साय कैबिनेट के चेहरों के साथ ही उन्हें दिए जाने वाले विभागों को लेकर भी चर्चा जारी है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रियों को उनके कद के हिसाब से विभाग दिया जा सकता है। रमन सरकार में मंत्री पद संभाल चुके ऐसे चेहरे जिन्होंने अपने विभागों में अच्छा काम किया, इस सरकार में भी उनके अनुभव के आधार पर वही विभाग उन्हें दिए जा सकते हैं। जबकि नए चेहरों को उनकी एक्सपर्टी के हिसाब से विभागों का बंटवारा होगा।

विष्णु देवसाय, मुख्यमंत्री (सामान्य प्रशासन, ऊर्जा, जनसंपर्क, खनिज, सूचना प्रौद्योगिकी विभाग)

अब तक सरकार में परंपरा रही है, कि सामान्य प्रशासन, ऊर्जा, जनसंपर्क, वित्त, खनिज और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विभाग मुख्यमंत्री के पास ही रहे है। इससे पहले कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे भूपेश बघेल के पास ये सब विभाग थे। 15 सालों तक प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पास भी ये विभाग रहे है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे है, कि इस बार भी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के पास ये विभाग होंगे।

अरुण साव, उप मुख्यमंत्री (गृह जेल, विधि विधायी कार्य)

विधायक अरुण साव मुख्यमंत्री की रेस में थे। क्योंकि उन्हें डिप्टी सीएम बनाया जा राह है, इसलिए गृह मंत्रालय, जेल, विधि विधायी कार्य विभाग अरुण साव को दिए जा सकते है।

विजय शर्मा, उप मुख्यमंत्री (संस्कृति और धर्मस्व विभाग)

विधायक विजय शर्मा बीजेपी का हिंदूवादी चेहरा है। कांग्रेस के दिग्गज नेता मोहम्मद अकबर को हराकर ये पहली बार विधायक बने है। इन्हें संस्कृति और धर्मस्व विभाग दिया जा सकता है।

बृजमोहन अग्रवाल (प्रोटेम स्पीकर, उद्योग, वाणिज्य संसदीय कार्य, सहकारिता विभाग)

बृजमोहन अग्रवाल बीजेपी के अनुभवनी नेता है। बीजेपी शासन में वो गृह, स्कूल शिक्षा, कृषि, धर्मस्व और पर्यटन मंत्रालय सम्हाल चुके है। उनके अनुभव को देखते हुए इस बार उन्हें प्रोटेम स्पीकर, उद्योग, वाणिज्य, संसदीय कार्य, सहकारिता विभाग दिया जा सकता है।

विक्रम उसेंडी (वन और पर्यटन)

विधायक विक्रम उसेंडी रमन सरकार के दौरान वन विभाग की जिम्मेदारी सम्हाल चुके है। ऐसे में उनके पुराने अनुभवो को देखते हुए उसेंडी को वन और पर्यटन मंत्रालय की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

केदार कश्यप (पंचायत एवं ग्रामीण विकास )

नारायणपुर विधायक केदार कश्यप रमन सरकार में स्कूल शिक्षा मंत्री और आदिम जाति अनुसूचित जाति विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। इस बार संभावना पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग देने की है।

रामविचार नेताम (आदिमजाति अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विभाग )

बीजेपी नेता राम विचार नेताम आदिवासी नेता हैं। रमन सरकार में वे आदिम जाति कल्याण, गृह-जेल, उच्च शिक्षा, जल संसाधान और राजस्व मंत्रालय संभाल चुके हैं। पुराने अनुभवों के आधार पर इस बार आदिमजाति अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक विभाग दिया जा सकता है।

लता उसेंडी (महिला एवं बाल विकास विभाग)

लता उसेंडी रमन सरकार में महिला विकास मंत्रालय सम्हाल चुकी है। इस चुनाव में वे बस्तर संभाग में बीजेपी का चेहरा रही है। लिहाजा उन्हें मंत्री पद देने की तैयारी है। बीजेपी सूत्रों के अनुसार उन्हें दोबारा महिला बाल विकास मंत्रालय की जिम्मेदारी मिल सकती है।

धरमलाल कौशिक (कृषि, सिंचाई, जैव प्रौद्योगिकी, पशु पालन)

धरमलाल कौशिक विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और प्रदेश अध्यक्ष की भूमिका में रहे हैं। 2018 में कांग्रेस की लहर में भी वे जीत कर आए। अब तक मंत्री पद की जिम्मेदारी कौशिक को नहीं मिली, इसलिए संभावना है, कि इन्हें कृषि विकास, जल संसाधन किसान कल्याण जैव प्रौद्योगिकी, पशु पालन की जिम्मेदारी मिल सकती है।

ओपी चौधरी (उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और रोजगार)

कलेक्टर की नौकरी छोड़कर बीजेपी जॉइन करने वाले रायगढ़ विधायक ओपी चौधरी कलेक्टरी के दौरान सेंट्रल लाइब्रेरी, नालंदा परिसर, जवांगा एजुकेशन सिटी जैसे प्रोजेक्ट के लिए जाने जाते थे। युवाओं के बीच लोकप्रियता और पुराने कामों को देखते हुए चौधरी को उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग दिया जा सकता है।

राजेश मूणत (PWD और परिवहन विभाग)

बीजेपी के फायर ब्रांड नेता राजेश मूणत रमन सरकार के दौरान PWD, वाणिज्य और उद्योग, सार्वजनिक उपक्रम, ग्रामोद्योग, उद्योग, शिक्षा विभाग, नगरीय प्रशासन, आवास एवं पर्यावरण और परिवहन विभाग संभाल चुके हैं। उनके अनुभवों को देखते हुए उन्हें फिर PWD और परिवहन विभाग दिया जा सकता है।

अमर अग्रवाल (स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, ग्रामोद्योग)

बिलासपुर विधायक अमर अग्रवाल रमन सरकार में वित्त-योजना, वाणिज्य कर, आर्थिक एवं सांख्यिकी, नगरीय प्रशासन, उद्योग वाणिज्य विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण,चिकित्सा शिक्षा और वाणिज्य कर विभाग संभाल चुके हैं। उनके अनुभव को देखते हुए इस बार उन्हें स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, ग्रामोद्योग विभाग दिया जा सकता है।

डोमन लाल कोर्सेवाड़ा (स्कूल शिक्षा विभाग)

शिक्षक के पेशे से राजनीति में एंट्री करने वाले डोमन लाल कोर्सेवाड़ा पहली बार 2008 में जीतकर आए थे। 2013 और 2018 में टिकट नहीं मिलने पर भी पूरी लगन से पार्टी में काम करते रहे। इस बार कोर्सेवाड़ा को स्कूल शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।

रेणुका सिंह (नगरीय प्रशासन विभाग)

रेणुका सिंह साल 2003 में भी मंत्री रह चुकी हैं। उन्हें महिला बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। बीजेपी की जीत के बाद रेणुका सीएम पद का चेहरा थीं। सीएम पद नहीं मिलने के बाद उन्हें नगरीय प्रशासन जैसा बड़ा विभाग दिया जा सकता है।

अजय चंद्राकर (आबकारी, राजस्व और आपदा प्रबंधन, PHE, बीस सूत्रीय कार्यक्रम)

बीजेपी के तेजतर्रार नेता अजय चंद्राकर रमन सरकार में कई विभाग संभाल चुके हैं। विष्णुदेव सरकार में उन्हें आबकारी, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन ,लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग और बीस सूत्रीय कार्यक्रम की जिम्मेदारी मिल सकती है।


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