बलरामपुर: जिले के राजपुर वन परिक्षेत्र अंतर्गत नरसिंहपुर में करंट लगने से नर हाथी की मौत हो गई। गांव के एक किसान ने गन्ने की फसल की रखवाली के लिए जीआई तार से घेरा बनाकर उसमें करंट प्रवाहित कर दिया था। सुबह गन्ने के खेत में हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का जायजा लेने अधिकारी पहुंचे तो मृत हाथी पड़ा हुआ मिला। वनविभाग के साथ विद्युत विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है।
मिली जानकारी के मुताबिक, प्रतापपुर वन परिक्षेत्र से 28 हाथियों का दल बीती रात राजपुर वन परिक्षेत्र के नरसिंहपुर में प्रवेश कर गया। हाथियों के दल के आने की सूचना पर वनविभाग के कर्मी गांव में पहुंचे एवं लोगों को सतर्क किया। हाथी नरसिंहपुर में गांव के बाहर लगे गन्ने के खेतों में घुस गए थे और गन्ने को खाकर एवं कुचलकर नुकसान भी पहुंचाया। हाथी रातभर नरसिंहपुर के पास डटे रहे।
मौके पर जांच करते वनविभाग के अधिकारी व लोगों की भीड़
सुबह खेत के पास पड़ा मिला शव
बुधवार सुबह नरसिंहपुर के ग्रामीण अपने खेतों में हाथियों द्वारा किए गए नुकसान का जायजा लेने पहुंचे तो ओमप्रकाश सिंह के खेत के पास नर हाथी खेत के बाड़ में लगाए गए जीआई तार से चिपककर गिरा हुआ मिला। हाथी की करंट लगने से मौत हो गई थी। इसकी सूचना पर राजपुर रेंजर महाजन साहू सहित वन अमला एवं विद्युत विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौके पर पहुंचे। मृत नर हाथी की उम्र करीब 8 से 10 साल बताई गई है। वह पूर्ण व्यस्क नहीं हुआ था।
खेतों की रखवाली के फैलाया था करंट
रेंजर महाजन साहू ने बताया कि किसान ने गन्ने की खेत की रखवाली के लिए बाड़ में जीआई तार लगाया था और उसमें करंट प्रवाहित किया गया था। वन विभाग की टीम साक्ष्य एकत्रित करने का प्रयास कर रही है। पशु चिकित्सकों की टीम को भी मौके पर ही बुलाया गया है। महीनों बाद बलरामपुर जिले में किसी जंगली हाथी की मौत हुई है। इस घटना से वन विभाग के अधिकारी, कर्मचारी भी सकते में है। बलरामपुर जिले में ही पिछले दिनों हाथियों के कारण जनहानि की तीन घटनाएं हुई थी।
हाथियों के राजपुर क्षेत्र में जाने की सूचना नहीं दी
28 हाथियों का यह दल पिछले लगभग 10 दिनों से प्रतापपुर वन परिक्षेत्र व राजपुर वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहा था। बीती रात प्रतापपुर वन परिक्षेत्र से हाथियों के दल के राजपुर वन परिक्षेत्र में जाने की सूचना भी प्रतापपुर परिक्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारियों ने राजपुर क्षेत्र के अधिकारी-कर्मचारियां को नहीं दी। हाथियों की न तो निगरानी ही की जा रही है और न ही सूचना ही आगे दी जा रही है, जिससे जनहानि की आशंका बनी हुई है। इन दिनों गन्ने की फसल तैयार है। शक्कर कारखाना में गन्ना फसल की खरीदी भी हो रही है। इस कारण हाथियों के प्रवेश से किसान परेशान हैं।
शार्ट हो गई लाइन, अन्य हाथी सुरक्षित
प्रारंभिक जांच में पता चला कि किसान ने बिजली के तारों से हुकिंग कर करंट लगाया था। नर हाथी को करंट लगने के बाद विद्युत सप्लाई शार्ट सर्किट के कारण बंद हो गई। इसके कारण अन्य हाथियों को करंट नहीं लगा। हाथी नरसिंहपुर के पास के जंगल में डटे हैं। अन्य हाथी सुरक्षित हैं।