रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में नई भाजपा सरकार का विधानसभा सत्र मंगलवार को हुआ। सर्वसम्मति से डॉ रमन प्रदेश की विधानसभा के नए अध्यक्ष चुने गए। डॉ रमन को बधाई देते हुए पूर्व मंत्री कवासी लखमा, अजय चंद्राकर, पूर्व विस अध्यक्ष डॉ चरणदास ने कुछ ऐसी बातें कहीं कि पूरा सदन ठहाकों से गूंज गया। पढ़िए इस रिपोर्ट में।
सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत से अनुरोध कि वह डॉक्टर रमन सिंह को ससम्मान आसंदि तक लाएं। इसके बाद मुख्यमंत्री और चरण दास महंत भी डॉक्टर रमन सिंह के करीब पहुंचे हाथ मिलाकर उन्हें बधाई दी और उन्हें आगे ले जाने लगे। पीछे से कांग्रेस विधायकों ने कहा- ठीक से पकड़ कर ले जाइए और सदन में सभी लोग हंसने लगे। डॉ रमन सिंह कुर्सी पर बैठे, मुख्यमंत्री और चरणदास महंत का फिर से अभिवादन स्वीकारा, प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने कुर्सी डॉ रमन को सौंपी।
जब डॉ रमन को आसंदी की ओर ले जाया गया विधायकों ने कहा ठीक से पकड़ो।
महंत का गीत सुन मुस्कुराए रमन
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और अब नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा हमने भी आपको समर्थन देकर चुना है, समर्थन देना हमारे संस्कार को दिखाता है। मैं आपको बहुत पहले से जानता हूं आप सांसद थे, हम दोनों सांसद थे। सदन में हम दोनों की अच्छी मित्रता थी यह सबको खटकता था।
चरण दास महंत ने बेगह अख्तर का गाया गीत सुनाया।
ये सुनकर डिप्टी CM अरुण साव ने कहा दोस्ती का ज्यादा लाभ उठाने की कोशिश मत करिएगा…सभी विधायक हंसने लगे। फिर चरण दास महंत ने कहा कि आपकी हमारी दोस्ती की बहुत लोगों को नजर लगी थी । कवासी लखमा बोले खासकर अजय चंद्राकर की..। महंत ने आगे कहा- मैं आपको एक बात याद दिलाता हूं आपको एक पुरानी गीत में याद दिलाना चाहता हूं जो हम में तुम में करार था तुम्हें याद हो कि ना हो…डॉ रमन खिलखिला उठे, हाथों के इशारे से महंत ने कहा अपने करार के मुताबिक तो आपको हमनें जगह दे दी, आपने अपने बारे में नहीं सोचा।
गंगा जल और महुआ वाले पर ठहाके
पूर्व मंत्री कवासी लखमा डॉ रमन को बधाई देने अपनी जगह पर खड़े हुए। जैसे ही बोलना शुरू किया अजय चंद्राकर ने कहा कितने लोगों को निपटाए हो पहले यह तो बताओ लखमा जी… सभी विधायक हंसने लगे। लखमा ने जवाब में हंसते हुए कहा- तुम फालतू बात मत करना। अजय चंद्राकर ने फिर लखमा से कहा- गंगाजल पीकर बोल रहा हूं ऐसा बोलो, लखमा ने जवाब दिया- मैं गंगाजल वाला नहीं हूं, देसी महुआ वाला हूं, सभी मेज पीटकर हंसने गले। चंद्राकर ने फिर पूछा क्या वाले हो… हंसते हुए लखमा ने कहा – थोड़ा बोलने दो यार मेरे को।
लखमा ने देसी महुआ शराब पर बात की।
लखमा ने डॉ रमन से कहा- कभी आपको गुस्सा होते नहीं देखा। हम लोग चाहते थे कि तुम उधर बैठो (जहां CM साय बैठे थे) लेकिन ऊपर वालों ने इधर बैठा दिया हमारा कोई गलती नहीं है। यह सुनकर डॉक्टर रमन हंसने लगे। लखमा ने आगे कहा- छत्तीसगढ़ की जनता चाहती थी कि मुख्यमंत्री आदिवासी हो, विष्णुदेव आपसे भी ज्यादा सज्जन है मैं उन्हें बधाई देता हूं। अब आदिवासी पक्ष में बात करेंगे, पहले बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत, अजय चंद्राकर इनकी ज्यादा चलती थी उसको थोड़ा कम करो।
लखमा की बात सुन सभी ठहाका मारकर हंसने लगे।
डॉ रमन बोले न्यायधीश नहीं अभिभावक के रूप में काम करना होगा
सभी विधायकों के संदेश के बाद डॉ रमन सिंह ने कहा कि आज अध्यक्ष सदन में निष्पक्षता किसी न्यायाधीश की तटस्थता से नहीं होती। उसे सदन में अभिभावक के तौर पर काम करना पड़ता है। इसलिए संयुक्त परिवार के मुखिया की तरह आचरण करना पड़ता है। परिवार के मुखिया को सभी को साथ में लेकर चलना होता है। मेरा प्रयास होगा कि सभी को इस प्रकार का अवसर मिले जिससे वह अपना सर्वश्रेष्ठ इस प्रदेश के लिए सामने ला सकें।
नए सदस्यों को सम्बोधित करते डॉ रमन। सभी फोटो वीडियो दूरदर्शन छत्तीसगढ़ के सौजन्य से।