बलरामपुर: जिला अस्पताल में फर्जीवाड़ा कर खनिज न्यास निधि का दुरुपयोग किया जा रहा है। दो विशेषज्ञ डॉक्टरों की संविदा नियुक्ति की गई है। एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. कृष्णा चैतन्य को 1 लाख 31 हजार 500 रुपए और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से भी 1 लाख 88 हजार भी सैलरी मिल रही है। इस तरह एक डॉक्टर को दो सैलरी मिल रही है।
वहीं, जिला अस्पताल में खनिज न्यास मद से ही नियुक्त किए गए पैथोलॉजिस्ट डॉ. सौरभ गोयल कभी जिला अस्पताल नहीं आते है। अटेंडेंस रजिस्टर में भी उनके हस्ताक्षर नहीं होते हैं। वो अंबिकापुर में अपना निजी ब्लड बैंक और पैथोलैब संचालित कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें हर महीने लाखों रुपए सैलरी मिल रही है।
रजिस्टर में हस्ताक्षर भी नहीं।
पहले से पदस्थ हैं एनेस्थीसिया और पैथोलॉजिस्ट
जबकि, पहले से ही बलरामपुर जिला अस्पताल में डॉ. रूपक कुमार एनेस्थीसिया विशेषज्ञ के पद पर पदस्थ हैं। वहीं, डॉ. मोनिरा पैथोलॉजिस्ट के तौर पर पदस्थ हैं। इसके बावजूद अलग से एनेस्थीसिया विशेषज्ञ और पैथोलॉजिस्ट की नियुक्ति कर खनिज न्यास मद से लाखों रुपए का दुरूपयोग किया जा रहा है।
जिला चिकित्सा अधिकारी का टाल मटोल जवाब
इस मामले में जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रेमचंद बनर्जी से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला सिविल सर्जन जिला बलरामपुर के अंदर आता है। हमसे अच्छा सिविल सर्जन आपको बता सकते हैं।
सिविल सर्जन ने जिला चिकित्सा अधिकारी पर लगाया आरोप
जिला चिकित्सालय सिविल सर्जन रामेश्वर शर्मा कहा कि इन दोनों की पदस्थापना मेरे आने के पहले की गई है। हमने इसे संज्ञान लिया था। अपने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दे दी गई थी। वही पैथोलॉजिस्ट के बारे में उनका कहना है कि जिला चिकित्सालय में संचालित ब्लड बैंक का लाइसेंस डॉक्टर सौरभ गोयल के नाम से है। इसलिए मजबूरी में उनका सैलरी बनाना पड़ता है।