रायपुर: छत्तीसगढ़ में अब वर्किंग मदर्स अपने बच्चों को आंगनबाड़ी में छोड़कर काम पर जा सकेंगी। इसके लिए महिला बाल विकास की ओर से केंद्रों में झूलाघर बनवाया जाएगा। शुरुआती तौर पर 1500 झूलाघर बनाए जाएंगे।
महिला बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी ने इसके लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। इसके बनने के बाद महिलाएं अपने 6 महीने से लेकर 6 साल तक के बच्चों को आंगनबाड़ी में छोड़कर काम पर जा सकेंगी।
महिला बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी ने विभाग के कामों की समीक्षा
गांवों में सर्वे कर बच्चों को किया जाएगा चिह्नित
आंगनबाड़ी केंद्रों में झूलाघर बनाने से पहले गांवों में सर्वे कराकर बच्चों को चिह्नित किया जाएगा। इसके बाद ही आंगनबाड़ी केंद्र अपडेट होंगे। साथ ही गंभीर कुपोषण वाले बच्चों को भी चिह्नांकित करने के लिए कहा गया है।
गंभीर कुपोषित बच्चों की भी होगी मॉनिटरिंग
समीक्षा बैठक के दौरान सचिव ने ऐसे बच्चों के पौष्टिक आहार पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए हैं। वहीं पोषण ट्रैकर पोर्टल के माध्यम से ही इसकी निगरानी करने के लिए भी कहा है।
योजना के तहत गंभीर बीमारी दिल की बिमारी, मानसिक रूप से दिव्यांग, कटें-फटे होंठ वाले और अन्य बीमारियों से प्रभावित बच्चों का चिरायु टीम के जरिए से उच्च स्तरीय इलाज की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए।
महिला बाल विकास विभाग की सचिव शम्मी आबिदी ने विभाग के कामों की समीक्षा
पोषण वाटिका होंगी तैयार
यह भी निर्देश दिए गये हैं कि पीएम जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजातियों के बच्चों का डोर-टू-डोर सर्वे कर आंगनबाड़ी की सेवाओं से लाभान्वित किया जाए। सभी आंगनबाड़ी केंद्र में साफ-सफाई की जाए।
जहां रंग-रोगन की जरूरत है वहां रंग-रोगन का कार्य कराया जाए। पोषण वाटिका तैयार किए जाए। जहां पोषण वाटिका तैयार हैं वहां बच्चों को पौष्टिक सब्जियां दी जाए।