दुर्ग: जिले के चंद्रखुरी में एक अवैध गुटखा फैक्ट्री से चोरी छिपे गुटखा बनाकर बाजार में सप्लाई किया जा रहा था। रायपुर जीएसटी की टीम ने इस फैक्ट्री का पता गुटखा पाउच से लदी एक गाड़ी का पीछा करते हुए लगाया। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री संचालक के खिलाफ बड़ी जीएसटी चोरी का मामला दर्ज किया गया है।
रायपुर जीएसटी विभाग के मुताबिक उनकी टीम एक मार्च को ई-वे बिल की जांच में लगी हुई थी। इस दौरान एक संदिग्ध वाहन वहां से गुजरा और टीम को देखकर भागने लगा। टीम ने उस वाहन का पीछा किया। वाहन रायपुर की सीमा से भागता हुआ चंदखुरी दुर्ग की तरफ गया। उसने टीम को चकमा देकर सभी पैकिंग मटेरियल को जला दिया।
बिना जीएसटी दिए चल रहा था गुटखा फैक्ट्री
जीएसटी टीम ने जले हुए मटेरियल से पहचान की, तो पता चला कि गुटखा के व्यापार में जीएसटी चोरी किया जा रहा है। टीम ने आसपास लोगों से पूछताछ की और वो चंद्रखुरी के उस गुटखा फैक्ट्री तक पहुंच गई, जहां ये गुटखा बन रहा था। हालांकि संचालक ने वहां से सभी गुटखा का सामान हटा दिया।
लेकिन जब टीम वहां पहुंची तो उन्हें वहां गुटखा बनाने की मशीन, सुपाड़ी और गुटखा के खाली पाउच बड़ी मात्रा में मिल गए। टीम ने अवैध गुटका फैक्ट्री से बड़ी मात्रा में प्रतिष्ठित ब्रांड गुटखा कंपनियों के रैपर और गुटखे का कच्चा माल, सुपारी तंबाखू आदि जब्त किया है। टीम ने जीएसटी चोरी का मामला दर्ज कर इसकी जांच शुरू कर दी है।
अवैध गुटखा फैक्ट्री का किया जा रहा था संचालन
जीएसटी की टीम को जांच में चला कि जो गुटखा फैक्ट्री चंद्रखुरी में संचालित थी वो अवैध थी। उसके लिए किसी भी विभाग से अनुमति नहीं थी। इस फैक्ट्री का नाम कोमल फूड्स था। टीम ने यहां से अवैध गुटका बनाने में इस्तेमाल की जा रही मिक्सर मशीन को भी जब्त किया है। यहां गुटखा तैयार कर अलग-अलग ब्रांड के रैपर में पैक कर बाजार में बेचा जा रहा था।
फैक्ट्री संचालक पहले भी जीएसटी चोरी में पकड़ाया था
जीएसटी अधिकारियों की माने तो कोमल फूड्स फैक्ट्री का संचालक पहले भी जीएसटी चोरी के मामले में पकड़ा जा चुका है। उसने इसी तरह राजनांदगांव जिले में गुटखा की अवैध फैक्ट्री संचालित की थी। जीएसटी की टीम ने वहां छापेमारी कर बड़ी जीएसटी चोरी का मामला दर्ज कर जांच में लिया था।
वित्त मंत्री के निर्देश पर हो रही है कार्रवाई
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अगले पांच वर्षों में राज्य की जीडीपी को 10 लाख करोड़ रुपए पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक जीएसटी गुटखा पान मसाला और तंबाखू उत्पादों पर मिलती है। इसी कारोबार से जुड़े लोगों द्वारा सबसे अधिक जीएसटी की चोरी भी की जाती है।
इसलिए इसकी कड़ाई से जांच कर कार्रवाई की जाए। मंत्री के निर्देश के बाद से जीएसटी विभाग काफी एक्टिव हो गया है। स्टेट जीएसटी की टीम लगातार इस तरह के मामलों पर नज़र रख रही है ।
जमा करवाया गया 8 करोड़ रुपए का टैक्स
जीएसटी विभाग ने इस सप्ताह इस तरह की कार्रवाई कर तीन अलग-अलग व्यवसायियों से जीएसटी चोरी के मामले में लगभग 8 करोड़ रुपए का टैक्स जमा करवाया है। इन फर्मों में टैक्स की गड़बड़ी को आई टूल्स द्वारा फ्लेग किया गया था। इन सभी के द्वारा पिछले तीन सालों से आईटीसी क्लेम ज्यादा करते हुए टैक्स कम जमा किया जा रहा था। जांच के दौरान स्टॉक मे भी बड़ी मात्रा मे अंतर पाया गया।
(Bureau Chief, Korba)