कोरबा: जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जटिल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई। मात्र 5 रुपए में लाखों का ऑपरेशन हो जाने से परिवार ने डॉक्टरों को धन्यवाद दिया है। अस्थि रोग विशेषज्ञ की टीम ने करीब ढाई घंटे की मशक्कत के बाद महिला के कूल्हे का ट्रांसप्लांट किया।
जानकारी के मुताबिक, दर्री इलाके में श्याम लाल चौहान का परिवार रहता है। वो मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करता है। कुछ महीने पहले श्याम लाल की पत्नी सुनीता की तबियत खराब हो गई। इलाज के बाद भी उसका स्वास्थ्य दिनोंदिन गिरता जा रहा था, जिसके बाद पत्नी को लेकर श्याम लाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा पहुंचा।
कोरबा जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जटिल हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी की गई।
जांच में कूल्हे की गंभीर बीमारी का चला पता
यहां अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ घनश्याम दीवान ने महिला का इलाज शुरू किया। मेडिकल जांच कराने पर उसे कूल्हे की गंभीर बीमारी का पता चला। कूल्हा प्रत्यारोपण ही बीमारी का एकमात्र इलाज था। निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराने पर 2 से ढाई लाख रुपए खर्च आता, जबकि मरीज का परिवार बेहद गरीब है।
डॉक्टरों की टीम ने ढाई घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद किया सफल ऑपरेशन।
डीन ने ऑपरेशन की दी हरी झंडी
इसके बाद डॉ घनश्याम दीवान ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल के डीन डॉ अविनाश मेश्राम को पूरी जानकारी दी। बीमारी की गंभीरता को देखते हुए डीन डॉ मेश्राम ने अधीक्षक डॉ गोपाल कंवर, सह अधीक्षक डॉ रविकांत जाटवर, अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ घनश्याम दीवान और उनकी टीम से सलाह ली। डॉ घनश्याम दीवान ने हिप रिप्लेसमेंट से इलाज संभव होने की जानकारी दी।
एक्स-रे में कूल्हे की गंभीर बीमारी का पता चला।
मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनने के बाद कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव
प्रबंधन ने ऑपरेशन को हरी झंडी दी। जिसके बाद अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ दीवान ने ऑपरेशन की सारी तैयारी की। उनकी टीम में 3 सर्जन के अलावा अन्य स्टाफ शामिल थे। अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ घनश्याम दीवान ने बताया कि मेडिकल कॉलेज अस्पताल बनने के बाद कई गंभीर बीमारियों का इलाज संभव हो सका है।
श्यामलाल, उसकी पत्नी सुनीता और बच्चा।
सफल ऑपरेशन, खर्च करना पड़ा केवल 5 रुपए
यहां अस्थि से संबंधित विभिन्न बीमारियों का ऑपरेशन किया जा रहा है। अगर महिला के कूल्हा प्रत्यारोपण की बात करें, तो कुल 4 ऑपरेशन किए गए हैं, जो पूरी तरह सफल हैं। इस ऑपरेशन के लिए निजी या महानगरों के अस्पतालों में परिवार को 2 लाख रुपए से अधिक खर्च करना पड़ सकता था।
(Bureau Chief, Korba)