कोरबा: गुरुवार को दल से बिछड़ा लोनार हाथी ने जमकर उत्पाद मचाया और तीन महिलाओं की जान ले ली। हाथी फिलहाल कोरबा जिले की परिधि से बाहर जांजगीर वनमंडल की ओर विचरण कर रहा है। दल से बिछड़ा यह हाथी काफी आक्रामक है। जिसके कारण उसे काबू करना अधिक मुश्किल हो रहा है। वन विभाग ने कुमकी हाथी को बुलाकर उसे काबू करने की योजना बनायी है। बिलासपुर टाइगर रिजर्व से राजू नामक कुमकी हाथी को देर शाम को कोरबा लाया गया। शनिवार को रेस्क्यू शुरू किया जाएगा।
एक दिन पहले ग्राम खैरभवना में हुई घटना की जानकारी देते हुए मंतराम ने बताया कि मिट्टी के उसके घर को तोड़कर हाथी घर में प्रवेश कर गया। घर में हम सभी छह सदस्य मौजूद थे। साक्षात मौत को सामने देख सभी इधर-उधर भागने लगे। मैंने अपनी पत्नी का हाथ पकड़ कर उसे खींचना चाहा, लेकिन हाथी ने उसे सूंड के लपेट में ले रखा था। मेरी कोशिश विफल रही और हाथी ने उसे पटककर मार डाला। जिसकी पत्नी सूरजा 40 वर्ष को हाथी ने शुक्रवार की रात मौत के घाट उतार दिया।
इस घटना में गांव के ही नेपाली की पत्नी तीज कुंवर को भी हाथी ने मार डाला। घटना के बाद गांव में सन्नाटा के साथ भय का माहौल देखा जा रहा है। तबाही का मंजर छोड़ कर हाथी जांजगीर वन मंडल के ग्राम पंतोरा के निकट छाता सरई के जंगल में विचरण कर रहा है। चार दिन पहले लोनर हाथी करतला वन परिक्षेत्र में अपने दल से बिछड़ कर फारसवानी की ओर चला गया था। रात भर तालाब किनारे रूकने के बाद जांजगीर जिले के पंतोरा की ओर चला गया। गुरूवार को वह फिर से बाता बीरदा मार्ग से होते हुए कोयलांचल क्षेत्र खोडरी पहुंच गया। यहां सुबह रलिया में एक महिला साहिल पांच मवेशियों को कुचल दिया था। इसके बाद वन अमला लगातार या प्रयास कर रहा था कि हाथी को रिहायशी इलाके से दूर रखा जाए।
उसकी निगरानी की जाए उसे खदेड़ा जाए, लेकिन रात होते-होते गांव में वन विभाग और पुलिस की मौजूदगी में ही हाथी ने दो और महिलाओं को बुरी तरह से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया। घटना ने वन विभाग की अव्यवस्था की पोल खोल दी है। भले ही हाथी के पंतोरा जंगल की ओर जाने के बाद वन विभाग ने उसे काबू में करने के लिए कुमकी हाथी की मदद लेने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।
(Bureau Chief, Korba)