- मध्य भारत में पहली बार माइक्रोसॉफ्ट होलोलेंस 2 का उपयोग जटिल कैंसर सर्जरी के दौरान 3डी विज़ुअलाइज़ेशन प्रदान करने के लिए किया गया।
- टाटा मेमोरियल अस्पताल के शीर्ष कैंसर रोग विशेषज्ञों ने पैनक्रिएटिक एंड गैस्ट्रिक कैंसर के उपचार के लिए उन्नत तकनीकों का उपयोग करते हुए लाइव सर्जिकल का किया प्रदर्शन।
रायपुर (BCC NEWS 24): भारत के अग्रणी कैंसर देखभाल सुविधाओं में से एकबालको मेडिकल सेंटर (बीएमसी) में वार्षिक छत्तीसगढ़ कैंसर कॉन्क्लेव आयोजन किया जा रहा है जिसमें देश भर के कैंसर विशेषज्ञों के लिए एक लाइव सर्जिकल प्रदर्शन किया गया। मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल के प्रमुख कैंसर विशेषज्ञों के नेतृत्व में आयोजित कार्यक्रम में जटिल कैंसर सर्जरी के लिए कैंसर की उन्नत तकनीक ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) के उपयोग पर प्रकाश डाला गया।कॉन्क्लेव में 120 से अधिक व्यक्तियों ने भाग लिया जिससे अत्याधुनिक ऑन्कोलॉजी क्षेत्र में विचार साझा करने के लिए एक मंच तैयार हुआ।
सम्मेलन मेंविशेषज्ञों ने माइक्रोसॉफ्ट होलोलेंस 2 ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) हेडसेट का उपयोग करके पैनक्रिएटिक एंड गैस्ट्रिक कैंसर के उन्नत तकनीक का प्रयोग करते हुए लाइव सर्जरी किया। यह तकनीक पारंपरिक 2डीइमेजिंगजैसे कि सीटीऔर एमआरआईस्कैन को इंटरेक्टिव 3डीहोलोग्राम में परिवर्तित करती हैजो कैंसर सर्जरी में 3डीऑपरेटिव प्लानिंग प्रदान करती है। यह ट्यूमर और आसपास की शारीरिक रचना के बारे में सर्जन की समझ को भी बढ़ाता है जिससे उन्हें ट्यूमर की विशेषताओं और वैस्कुलर वेरिएशन का बेहतर मूल्यांकन करने में मदद मिलती है। विशेषज्ञों ने प्रीऑपरेटिव प्लानिंग और सर्जिकल सटीकता को बेहतर बनाने में इसके महत्व पर जोर दिया जो कैंसर की देखभाल में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं।
इस नवाचार से पैनक्रिएटिक कैंसर के जटिल सर्जरी करने के तरीके में तकनीकी बदलाव पर बोलते हुए टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई के उप निदेशक और कैंसर सर्जरी प्रमुख डॉ. शैलेश वी. श्रीखंडे ने कहा कि पैन्क्रियाटोड्यूओडेनेक्टॉमी (व्हिपल प्रक्रिया) का ऑपरेशन सबसे जटिल माना जाता है। उन्होंने आगे कहा कि जटिल शारीरिक संरचना को देखते हुए पैनक्रिएटिक की सर्जरी चुनौतीपूर्ण होती है। जटिलताओं को कम करने और रोगी के उपचार बेहतरी प्रदान करना होलोलेंस की तकनीक को महत्वपूर्ण बनाती है। 3डी होलोग्राफिक इमेजिंग के उपयोग से हम युवा पैनक्रिएटिक विशेषज्ञ को सिखा सकते हैं किउन्हें चुनौतिपूर्ण परिस्थितियों से निपटने के लिए बेहतर ढंग से तैयार कर सकते हैं। यह तकनीक रोगियों के उपचार महत्वपूर्ण है जिससे उन्हें लंबी दूरी की यात्रा करने की आवश्यकता कम हो जाएगी।
टाटा मेमोरियल हॉस्पिटलमुंबई के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एवं हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलियरी सर्जन एवं प्रोफेसर मनीष भंडारेने गैस्ट्रिक कैंसर मरीज का ऑपरेशन किया और लाइव सर्जरीके महत्व पर प्रकाश डाला। ये सत्र देश भर के विशेषज्ञों के लिए कैंसर प्रबंधन में अत्याधुनिक तकनीकी उपयोग के लिए एक मंच तैयार करता हैं। वास्तविक समय की जानकारी साझा करने से रोगियों को उन्नत देखभाल प्रदान करने की हमारी सामूहिक क्षमता में सुधार होता है।
बालको मेडिकल सेंटर में कंसल्टेंट सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. श्रवण नादकर्णी ने भारत में सर्जिकल परिणामों को बदलने में ऑगमेंटेड रियलिटी (एआर) की क्षमता पर जोर दिया। यह मध्य भारत में ऑन्कोलॉजिकल सर्जरी में होलोलेंस 2 के इस्तेमाल के पहले उदाहरणों में से एक है। यह हमें असाधारण सटीकता के साथ ट्यूमर मार्जिन और संवहनी संरचनाओं का मूल्यांकन करना आसान करता है जिससे सुरक्षित सर्जरी और बेहतर रोगी परिणाम मिलते हैं।
बालको मेडिकल सेंटर के सर्जिकल और क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी के निदेशक डॉ. मौ रॉय ने कहा कि इस तकनीक का पश्चिम में बड़े पैमाने पर उपयोग किया गया है और अब यह भारत में भी अपनी छाप छोड़ने लगी है। सर्जिकल तकनीकों के साथ ऑगमेंटेड रियलिटी को एकीकृत करके सर्जन जटिलताओं को कम कर सकते हैं और सर्जिकल सटीकता को बढ़ा सकते हैं जिससे छत्तीसगढ़ जैसे क्षेत्रों में रोगियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित हो सकेगी।
बालको मेडिकल सेंटर की चिकित्सा निदेशक डॉ. भावना सिरोही ने सम्मेलन के सफल शुभारंभ के अवसर पर कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर के सर्जन और ऑन्कोलॉजिस्ट के ऐसे समूह का बीएमसी में आना इस क्षेत्र में कैंसर देखभाल में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हम लोगों के लिए किफायतीउच्च गुणवत्ता वाले उपचार विकल्प प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और यह आयोजन उस यात्रा में एक मील का पत्थर है।
(Bureau Chief, Korba)