Sunday, November 24, 2024
Homeछत्तीसगढ़रायपुर : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति और...

रायपुर : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने छत्तीसगढ़ की जनजातीय संस्कृति और सशक्तिकरण पर केंद्रित पुस्तकों का किया विमोचन

रायपुर: राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज नवा रायपुर के पुरखौती मुक्तांगन में आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों क्रमशः ‘आदि नारी: आदिवासी महिलाओं की अस्मिता और गौरव गाथा, वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका’ एवं पोदड़गुमा पेन करसाड का विमोचन किया। इस मौके पर राज्यपाल श्री रमेन डेका ने राष्ट्रपति को उक्त तीनों पुस्तकों की प्रथम प्रतियां ससम्मान भेंट की। यह तीनों पुस्तकें छत्तीसगढ़ राज्य की जनजातीय संस्कृति, महिला सशक्तिकरण और वन अधिकारों की सुरक्षा पर केंद्रित हैं। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव, केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री श्री तोखन साहू, कृषि मंत्री श्री राम विचार नेताम, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, राजस्व मंत्री श्री टंक राम वर्मा, लोकसभा क्षेत्र रायपुर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल, विधायक श्री खुशवंत साहेब एवं श्री रोहित साहू उपस्थित थे।

राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु आदि नारी: आदिवासी महिलाओं की अस्मिता और गौरव गाथा पर आधारित पुस्तक में छत्तीसगढ़ की जनजातीय महिलाओं के दशकीय सामाजिक और आर्थिक विकास की यात्रा का उल्लेख किया गया है। इसमें उनकी शैक्षणिक प्रगति, आर्थिक आत्मनिर्भरता, सामाजिक-सांस्कृतिक योगदान, और लिंगानुपात जैसे मानव विकास सूचकांक के विभिन्न पहलुओं को शामिल किया गया है। इसी तरह वन अधिकारों की मान्यता अधिनियम के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शिका’ में वन अधिकार अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्यापक रूप-रेखा के संबंध में विस्तार से बताया गया है, ताकि राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों को वन अधिकार अधिनियम का लाभ सुगमता से प्राप्त हो सकें। इस मार्गदर्शिका में वन अधिकारों के क्रियान्वयन के दौरान आने वाली समस्याओं के समाधान के उपाय भी शामिल किए गए हैं।

‘पोदड़गुमा पेन करसाड़’ पुस्तक में गोंड जनजाति की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं पर आधारित है। इसमें ग्राम टेमरूपानी में हर 7 वर्ष में आयोजित होने वाले 75 दिवसीय धार्मिक आयोजन ‘पोदड़गुमा पेन करसाड़‘ के विधि-विधान, नृत्य, संगीत, और वाद्ययंत्रों का विस्तृत वर्णन किया गया है। यह आयोजन गोंड समुदाय की पेन पूजा परंपरा और उनकी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित और संवर्धित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। कार्यक्रम में मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक श्री अशोक जुनेजा, प्रमुख सचिव आदिम जाति एवं कल्याण विभाग श्री सोनमणि बोरा एवं प्रमुख सचिव संस्कृति श्री अन्बलगन पी., मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानन्द, आयुक्त आदिवासी विकास श्री नरेंद्र दुग्गा, संचालक पुरातत्व एवं संस्कृति श्री विवेक आचार्य भी उपस्थित थे।




Muritram Kashyap
Muritram Kashyap
(Bureau Chief, Korba)
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular