प्रयागराज महाकुंभ से सुर्खियों में आए हरियाणा के झज्जर के अभय सिंह उर्फ IITian बाबा का कहना है कि वह कोई बाबा नहीं है। अभय ने इस बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली है। इसके अलावा परिवार को लेकर भी अभय सिंह बहुत नाखुश नजर आ रहे हैं।
अभय सिंह ने कहा कि वह बचपन से ही भागना चाहता था। इसी वजह से IIT बॉम्बे में दाखिला लिया। अभय ने मां–बाप के बारे में विवादित बोल भी कहे। अभय का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह कह रहा है कि मां–बाप भगवान नहीं हैं, उन्हें भी भगवान ने ही बनाया है। यह सतयुग का कॉन्सेप्ट है, जिसे कलयुग में यूज किया जा रहा है।
वहीं उनके पिता ने कहा कि अब अभय ऐसी स्टेज में पहुंच चुका है कि उसे वहां से घर नहीं लाया जा सकता।
अभय ने परिवार पर कहा– मेरी फोटोग्राफी पर शर्म आती थी
अभय सिंह ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि मेरा IIT करने का मकसद ही यही था कि मुझे घर से बहुत दूर जाना था। मेरे घर का माहौल ऐसा था कि मुझे लगता था कि बस यहां से भाग जाओ। बचपन में भी मुझे घर से भागने के ख्याल आते थे।
अभय ने कहा कि जब मैं फोटोग्राफी में शिफ्ट हुआ तो वह पड़ोसियों को नहीं बताते थे कि मैं फोटोग्राफी करता हूं। उनको शर्म आती थी। वह कहते थे कि IIT के बाद भी फोटोग्राफी करोगे तो लोग क्या बोलेंगे। उसकी भी मैंने टॉप डिजाइनिंग इंस्टीट्यूट से पढ़ाई की थी। जब मैं मेडिटेशन करता था तो उनको लगता था कि यह तो बिल्कुल पागल हो गया है।
इंजीनियरिंग करने के बाद अभय सिंह कनाडा चले गए थे। यहां उन्होंने 2 साल नौकरी की।
भारत में पेरेंटल ट्रैप, मां–बाप बच्चों को घोड़े–गधे बना रहे
अभय सिंह ने रील में कहा– आज हम भारत में पेरेंटल ट्रैप की बात करेंगे। बहुत से कहते हैं कि मैंने अपने पापा के लिए घर बनाना है। लोग इस पर बहुत गर्व करते हैं कि मैंने ये कर दिया, मुझे मम्मी–पापा के लिए करना है। इसकी एक वजह आध्यात्मिक शिक्षाएं भी हैं। जिसमें कहा जाता है कि तुम्हारे मां–बाप ही भगवान हैं।
मां–बाप भगवान नहीं हैं। मां–बाप को भी भगवान ने बनाया है। असल में लोग सतयुग वाला कॉन्सेप्ट कलयुग में यूज कर रहे हैं। मां–बाप भी तो भगवान जैसे होने चाहिए, तभी भगवान होंगे। यहां मां–बाप बच्चों को ऐसे बड़ा करते हैं, जैसे घोड़े–गधे बना रहे हों। उनको बड़ा करके अपना काम निकलवाएंगे। मां–बाप भगवान नहीं, यह कलयुग का ट्रैप है।
मेरी 4 साल तक गर्लफ्रेंड रही, शादी का समझ नहीं आया
अभय सिंह से पूछा गया कि क्या उनकी कोई गर्लफ्रेंड थी या पहले से विचार था कि शादी ही नहीं करूंगा। इस पर अभय ने कहा– मेरी 4 साल तक गर्लफ्रेंड थी। वह वहीं पर अटक गया। मुझे आगे का डायरेक्शन ही समझ नहीं आया कि मैं क्या करूं। जब आपने रिश्ते निभाने और फॉलो करने के उदाहरण ही खराब देखें हों। अब तो सिर्फ महादेव हैं।
IIT का लेबल सोसाइटी का माइंडसेट
अभय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा– मैं कोई महाराज या बाबा नहीं हूं, जो मुझ पर लेबल लगाया जा रहा है। क्या आप इन शब्दों का मतलब जानते हो। आप किसी को कैसे बता सकते हो कि वह कौन है। अभय सिंह ने आगे लिखा– हर कोई IIT के लेबल में इतनी दिलचस्पी क्यों दिखा रहा है। यह मुझे रिफलेक्ट नहीं करता बल्कि सोसाइटी के माइंडसेट को रिफलेक्ट करता है।
अभय सिंह बताते हैं कि मैंने साधना की। मैं सोचता था कि मोहमाया में न ही पड़ूं। मैं स्कूल से आने के बाद दिन में सो जाता था। उसके बाद रात 12 बजे उठता था।
अभय सिंह को लेकर पिता की 3 अहम बातें
1. सोच पॉजिटिव थी, फैसले के बारे में नहीं बताया
अभय सिंह को लेकर पिता कर्ण ने कहा कि अपने फैसले के बारे में उसने हमें नहीं बताया। उसकी सोच शुरू से पॉजिटिव थी। मैं करीब 6 महीने पहले तक संपर्क में रहा लेकिन फिर ब्लॉक कर दिया। मैंने कोशिश की, बेटी भी कहती थी लेकिन कुछ पता नहीं चला। मुझे पता चला कि वह हरिद्वार है। अब वह वायरल हो गया।
2. इकलौता बेटा, उसे जिंदगी जीने का अधिकार
मैं तो चाहता हूं कि वह घर वापस आ जाए, लेकिन उसकी यह स्टेज निकल चुकी है। मेरा इकलौता बेटा है। उसकी आजाद सोच शुरू से थी। उसने अब फैसला ले लिया। हर आदमी को अपनी जिंदगी जीने का अधिकार है।
3. प्रेशर डालकर अपनी बात नहीं बनवा सकते
प्रेशर तो अब मैं उस पर डाल नहीं सकता। IIT कर रखी है। 34 साल उम्र है। प्रेशर डालकर उससे कोई चीज नहीं मनवा सकते। परिवार कोशिश तो करेगा लेकिन मुझे दिल से ऐसा लगता है कि अब वह इस स्टेज पर हमारी बात मानने वाला नहीं है।
(Bureau Chief, Korba)