RAIPUR: रायपुर में पतंग के मांझे ने एक 7 साल के बच्चे की जान ले ली है। जबकि महिला वकील भी मांझे में फंसकर बुरी तरह जख्मी हो गई। महिला का गला और अंगूठे का हिस्सा कट गया है। यह दोनों घटना शहर के अलग-अलग थाना इलाके की है। फिलहाल, पुलिस दोनों मामले की जांच कर रही है।
पहला मामला: टिकरापारा थाना इलाके में धनेश साहू अपने बच्चे पुष्कर साहू के साथ बाइक से रविवार शाम 5 संतोषी नगर से कटोरा तालाब गार्डन घूमने जा रहे थे। तभी पचपेड़ी नाका के पास अचानक एक मांझा बच्चे के गले के पास फंस गया। वो बुरी तरह जख्मी हो गया। धनेश ने गाड़ी रोककर जैसे-तैसे मांझे को बाहर निकाला।
रायपुर के पचपेड़ीनाका के पास मांझे से पुष्कर साहू की गर्दन कट गई। वो पिता के साथ बाइक से जा रहा था।
एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर गए, मौत
उसके पिता उसे पास के ही एक निजी अस्पताल लेकर गए। लेकिन इलाज नहीं हो पाया। फिर उसे मेकाहारा रेफर किया गया। जहां बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। हादसे के बाद बच्चे के घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। टिकरापारा पुलिस बच्चे का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंपेगी।
मांझे से महिला वकील के अंगूठे का एक हिस्सा कट गया।
एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल लेकर गए, मौत
उसके पिता उसे पास के ही एक निजी अस्पताल लेकर गए। लेकिन इलाज नहीं हो पाया। फिर उसे मेकाहारा रेफर किया गया। जहां बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। हादसे के बाद बच्चे के घर वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। टिकरापारा पुलिस बच्चे का पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंपेगी।
महिला वकील पूर्णशा कौशिक स्कूटी से जा रही थी। तभी मांझा उनके गले पर आ गया।
महिला वकील भी बुरी तरह घायल
दूसरा मामला: रायपुर के पंडरी मॉल के पास एक्सप्रेस-वे पर महिला वकील पूर्णशा कौशिक स्कूटी से जा रही थी। इसी दौरान मांझा उनके गले पर आ गया। जिससे उनके गले में लंबा कट लग गया। जब वो जान बचाने के लिए हड़बड़ाते हुए मांझे को निकालने की कोशिश की तो उनके हाथ का अंगूठा भी कट गया। आसपास मौजूद लोग उन्हें अस्पताल लेकर गए, जहां इलाज कराया गया।
तेज धार वाले चाइनीस मांझा होने की आशंका
आमतौर पर पतंग उड़ाने के लिए दो तरह के मांझे का इस्तेमाल होता है। पहला सूती मांझा और दूसरा चाइनीज मांझा। सूती मांझे की अपेक्षा चाइनीज मांझा ज्यादा खतरनाक होता है। यह नायलॉन का बना होता है। इस मांझे पर कांच या मैटेलिक पाउडर से धार लगाई जाती है।
यही वजह है कि ये सूत के मांझे से ज्यादा शार्प होती है। यह सामान्य मांझे की तुलना में कई गुना धारदार होती है। साथ ही बिजली के तार से संपर्क में आने पर चाइनीज मांझे में करंट भी आ सकता है।
चाइनीस मांझा खरीदना-बेचना अपराध
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने साल 2017 से देश भर में नायलॉन या चाइनीज मांझे की खरीद, ब्रिकी, स्टोरेज और इस्तेमाल पर पाबंदी लगा रखी है। इसके बावजूद बहुत से लोग इसे खरीदते और बेचते हैं। इन नियमों का उल्लंघन करने पर पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा 15 के तहत 5 साल तक की सजा और 1 लाख तक का जुर्माना हो सकता है।
(Bureau Chief, Korba)