नई दिल्ली: दिल्ली में यमुना की सफाई का काम सोमवार को शुरू हो गया। भाजपा ने हालिया चुनाव में इसे बड़ा मुद्दा बनाया था नदी की सफाई के लिए तीन साल का समय तय किया गया है। LG वीके सक्सेना ने मुख्य सचिव के साथ बैठक के बाद सफाई के निर्देश दिए थे।
LG ऑफिस के मुताबिक यमुना की सफाई चार चरणों में होगी। पहले चरण में नदी से कचरा और गाद हटाई जाएगी। साथ ही नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन और अन्य बड़े नालों की सफाई भी होगी। इसके अलावा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPS) की निगरानी रखी जाएगी।
400 MGD (मिलियन गैलन पर डे) सीवेज ट्रीटमेंट की कमी पूरी करने के लिए नए ट्रीटमेंट प्लांट्स बनाए जाएंगे। लक्ष्य पूरा करने के लिए जल बोर्ड, नगर निगम, पर्यावरण विभाग और दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी (DDA) मिलकर काम करेंगे।
इंडस्ट्रियल यूनिट्स को गंदा पानी न छोड़ने के लिए सख्त निर्देश
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को सख्त निर्देश दिया गया है कि शहर की इंडस्ट्रियल यूनिट्स गंदा पानी नालों में न छोड़ें। सफाई अभियान की निगरानी हो। मामले में भाजपा नेता हर्ष मल्होत्रा ने कहा कि सफाई तय समय में पूरी होगी। हमारा लक्ष्य यमुना को साफ करना और कूड़े के पहाड़ों को खत्म करना है।
2023 में यमुना सफाई का काम शुरू हुआ था
इससे पहले यमुना की सफाई का काम जनवरी, 2023 में शुरू हुआ था। इसके लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने LG के नेतृत्व में कमेटी बनाई थी। लेकिन AAP सरकार ने NGT के फैसले को लेकर सुप्रीम कोर्ट चली गई। इसके बाद सफाई रोक दी गई।
AAP सरकार का कहना था कि LG को अपने क्षेत्र से बाहर अधिकार नहीं दिया जा सकता। NGT का यह आदेश दिल्ली में शासन की संवैधानिक योजना के अलावा सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के आदेश का भी उल्लंघन करता है।
दिल्ली सरकार ने अपील की थी कि NGT के इस फैसले पर रोक लगाई जाए। इस पर कोर्ट ने कहा था कि उस हद तक रोक रहेगी, जहां LG को NGT ने प्रमुख बनाया है। हम इस पूरे आदेश पर रोक नहीं लगा सकते।

(Bureau Chief, Korba)