नई दिल्ली: भारत सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें उन्होंने शुक्रवार को दावा किया था कि भारत अपने टैरिफ में बहुत कटौती करना चाहता है।
भारतीय कॉमर्स सेक्रेटरी सुनील बर्थवाल ने सोमवार को संसदीय पैनल को बताया कि भारत ने अमेरिका के साथ टैरिफ में कटौती को लेकर कोई कमिटमेंट नहीं दिया है।
विदेश मामलों की संसदीय समिति को जानकारी देते हुए सुनील बर्थवाल ने साफ किया कि भारत और अमेरिका के बीच बातचीत अभी भी जारी है और किसी ट्रेड एग्रीमेंट को अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया।
बर्थवाल ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति के दावों और मीडिया रिपोर्टों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। किसी भी व्यापार वार्ता में भारत के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा।

टैरिफ वॉर से किसी का फायदा नहीं, मंदी आ सकती है
बर्थवाल ने कहा-
भारत फ्री ट्रेड पक्ष में है और व्यापार को उदार बनाना चाहता है, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ाने में मदद मिलेगी। भारत व्यापार विस्तार का समर्थन करता है, लेकिन टैरिफ वॉर से किसी का फायदा नहीं है और इससे मंदी भी आ सकती है।
उन्होंने संसदीय समिति को बताया कि भारत अंधाधुंध तरीके से टैरिफ कम नहीं करेगा, खासकर उन क्षेत्रों में जो हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था के लिए काफी जरूरी हैं। भारत अपने राष्ट्रीय हितों को बनाए रखने के लिए बहुपक्षीय के बजाय द्विपक्षीय तौर पर टैरिफ कटौती पर बातचीत करना पसंद करता है।
ट्रम्प ने कहा था कि भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है
दरअसल ट्रम्प ने शुक्रवार देर रात कहा था कि भारत हमसे बहुत ज्यादा टैरिफ वसूलता है। आप भारत में कुछ भी नहीं बेच सकते। हालांकि भारत अब अपने टैरिफ में बहुत कटौती करना चाहता है, क्योंकि हम उनके किए की पोल खोल रहे हैं।
उन्होंने कहा- हमारे देश को हर किसी ने लूटा है। लेकिन अब यह बंद हो गया है। मैंने अपने पहले कार्यकाल में इसे बंद करवाया था। अब हम इसे पूरी तरह से बंद करने जा रहे हैं, क्योंकि यह बहुत गलत है। अमेरिका को आर्थिक, वित्तीय और व्यापार की नजर से दुनिया के लगभग हर देश ने लूटा है।
2 अप्रैल से दुनियाभर में जैसे को तैसा टैरिफ लगाएंगे ट्रम्प
ट्रम्प ने 5 मार्च को संसद के जॉइंट सेशन में रिकॉर्ड 1 घंटा 44 मिनट का भाषण दिया था। भाषण की शुरुआत अमेरिका इज बैक, यानी ‘अमेरिका का दौर लौट आया है’ से की थी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने 43 दिन में जो किया है वह कई सरकारें अपने 4 या 8 साल के कार्यकाल में नहीं कर पाईं।
उन्होंने कहा था- 2 अप्रैल से अमेरिका में ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ लागू होगा। यानी वे हम पर जितना टैरिफ लगाएंगे, हम भी उन पर उतना ही लगाएंगे। वे हम पर जितना टैक्स लगाएंगे, हम भी उन पर उतना ही टैक्स लगाएंगे। ट्रम्प ने हंसते हुए कहा कि मैं इसे 1 अप्रैल को लागू करना चाहता था, लेकिन फिर लोग इसे ‘अप्रैल फूल’ समझते।
ट्रम्प ने कहा था कि उनके प्रशासन के तहत, अगर कोई कंपनी अमेरिका में अपना प्रोडक्ट नहीं बनाएगी, तो उसे टैरिफ देना होगा। कुछ मामलों में, यह टैरिफ बहुत बड़ा होगा। दूसरे देश अमेरिका पर भारी टैक्स और टैरिफ लगाते हैं, जबकि अमेरिका उन पर बहुत कम लगाता है। यह बहुत अन्यायपूर्ण है। दूसरे देश दशकों से हम पर टैरिफ लगाते आ रहे हैं, अब हमारी बारी है।

(Bureau Chief, Korba)