Monday, June 30, 2025

हॉन्गकॉन्ग-सिंगापुर में फिर से बढ़ने लगा कोरोना वायरस का खतरा, 31 मामले सामने आए, चीन-थाईलैंड में भी बढ़ सकते है मरीज

हांगकांग: हॉन्गकॉन्ग और सिंगापुर में फिर से कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे हैं। हॉन्गकॉन्ग में 3 मई तक कोरोना संक्रमण के 31 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें कई मौतें भी शामिल हैं।

हॉन्गकॉन्ग ने भी यह नहीं बताया कि पहला केस कब आया था। सिर्फ जानकारी दी है। इससे पहले सिंगापुर ने भी कोविड अलर्ट जारी करते हुए इस साल कोरोना के मामलों पर अपना पहला अपडेट जारी किया है।

सिंगापुर में अप्रैल के आखिरी हफ्ते कोरोना के केसों की संख्या 11,110 थी, जो मई के पहले हफ्ते बढ़कर 14,200 हो गई है। यहां मामलों में 28% का इजाफा हुआ है। इस साल अब तक कोरोना के 14200 मामले सामने आ चुके हैं।

वहीं, रोजाना आधार पर अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 30% तक बढ़ गई है।

गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के कोविड संक्रमित होने से मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है।

गंभीर बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के कोविड संक्रमित होने से मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है।

एशिया के बाकी हिस्सों में भी फैलने का खतरा

स्वास्थ अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि महामारी एक बार फिर से विकराल रूप ले सकती है और इसका असर एशिया के बाकी हिस्सों में भी देखने को मिल सकता है।

हॉन्गकॉन्ग में संक्रामक बीमारियों के स्वास्थ्य अधिकारी अल्बर्ट अउ के मुताबिक,, कोरोना वायरस के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि सांस लेने की तकलीफ वाले मरीजों के कोविड पॉजिटिव पाए जाने का चांस इस साल के हाई पर पहुंच गया है।

चीन-थाईलैंड भी अलर्ट पर

चीन और थाईलैंड में भी कोविड को लेकर सरकार अलर्ट पर हैं। चीन में बीमारियों की जांच करवाने जा रहे मरीजों में कोविड वायरस पाए जाने के मामले दोगुने हो गए हैं। लोगों को बूस्टर शॉट लेने की सलाह दी गई है। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज एंड प्रिवेंशन के आंकड़ों के मुताबिक, कोविड की लहर जल्द ही तेज हो सकती है।

वहीं, थाइलैंड में दो अलग-अलग इलाकों मे तेजी से कोविड केस बढ़ने का मामले आए हैं। थाइलैंड में क्लस्टर आउटब्रेक के ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं।

भारत में 3 लहर आई थीं, 3 लाख से ज्यादा मौतें

भारत में कोरोना का पहला मामला जनवरी 2020 में सामने आया था। मार्च 2020 में देशव्यापी लॉकडाउन लागू किया गया।

भारत में कोरोना की पहली लहर जनवरी 2020 से फरवरी 2021 तक रही। इस दौरान लगभग 1.08 करोड़ कोरोना के मामले सामने आए। एक दिन में सबसे ज्यादा 98 हजार माले 17 सितंबर 2020 को देखने मिले। इस लहर में 1.55 लाख मौतें हुई। औसतन रोजाना 412 मौतें दर्ज की गईं।

कोरोना की दूसरी लहर मार्च 2021 से मई 2021 तक रही। इस दौरान कोरोना के डेल्टा वेरिएंट के चलते अप्रैल-मई 2021 में सबसे ज्यादा मामले और मौतें दर्ज की गईं।

दूसरी लहर सबसे घातक थी, जिसमें अस्पतालों और ऑक्सीजन की भारी कमी देखी गई। डेल्टा वेरिएंट ने तेजी से संक्रमण फैलाया, और स्वास्थ्य व्यवस्था पर भारी दबाव पड़ा।

इस लहर में 1.69 लाख मौतें हुईं। औसतन प्रतिदिन 2,769 मौतें दर्ज की गईं।

कोरोना की तीसरी दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 रही। ओमिक्रॉन वेरिएंट के चलते जनवरी 2022 में कोरोना का मामले तेजी से बढ़े।

ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण तीसरी लहर में मामले तो बहुत बढ़े, लेकिन यह दूसरी लहर की तुलना में कम घातक थी। मृत्यु दर केवल 0.2% थी। इस लहर में 10,465 मौतें हुईं। लगभग 50.05 लाख नए मामले दर्ज किए गए।


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